कार्रवाईबाड़मेर

पीड़ित बन झाड़ फूंक करवाने पहुंची पुलिस, तो हाथ लगा 25 हजार का 5 साल से फरार बदमाश

पीड़ित बन झाड़ फूंक करवाने पहुंची पुलिस, तो हाथ लगा 25 हजार का 5 साल से फरार बदमाश

बाड़मेर। हथियार सप्लाई का सरगना, लूट, डकैती, 25 हजार रुपए के इनामी को नागौर के गोटन इलाके से जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी साधु के वेश में धुणी लगाकर लोगों का ठग रहा था। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी पिता की मौत का बदला लेने के लिए हथियार चलाना और बनाना सीखा। इसके बाद महाराष्ट्र नासिक में जादू-टोना सीखा और भीमदान से भैरूगिरी बनकर धुणी लगाकर लोगों को ठगने लगा।

बदमाश ने पुलिस के भय से हुलिया बदल “बाबा” बन मोबाइल बंद कर अच्छी खासी ठगी की दुकान चला रखी थी कि खाकी ने खलनायक बन सब तहस नहस कर दिया! दर असल 5 साल से फरार 25 हजार के बदमाश को पकड़ने के लिए पुलिस का सिपाही “प्रेत पीड़ित” बन रात के 12 बजे तांत्रिक कम “बाबा” बने भैरूं गिरी महाराज की नागौर के गोटन में बनी धुनी पर पहुंचा! तांत्रिक ने उसे पहले से प्रज्वलित धूनी के पास बैठा उस से समस्या पूछी और मन ही मन मंत्रों का उच्चारण कर पास में रखा चिमटा उठा “प्रेत पीड़ित” कांस्टेबल के बाल पकड़ टोना टोटका शुरू किया तो सिपाही ने पुलिस के वांटेड का असली नाम पुकारते हुए पूछ लिया क्या हाल है “भीमदान”? वर्षो से अपने असली नाम को भूल चुके भेरू गिरी महाराज की घिग्घी की बंद गई और जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार की साइक्लोनर टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया! यह इस टीम की 26वीं बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है जिसमें वर्षों से फरार अपराधियों को धर दबोचने में सफलता हासिल की है|पुलिस ने बताया कि आईजी की टीम करीब 1 माह से उक्त वांटेड अपराधी के पीछे पड़ी थी|शुक्रवार रात करीब 12:00 उसे नागौर के गोटन में 25000 के 5 साल से फरार इनामी बदमाश 40 साल के भीमदान उर्फ भेरुगिरी महाराज पुत्र भवदान निवासी देशनोक को गिरफ्तार किया|उसने वहां भेरूगिरी धुनी बना रखी थी लोगो का झाड़ फूंक से इलाज का ढोंग रच ठगी की बड़ी दुकान खोल रखी थी! पुलिस ने बताया कि 2010 में अपने पिता भवदान की मौत के बाद भीमदान घर से भाग गया और मध्य प्रदेश में फर्नीचर का काम करने लगा|मध्य प्रदेश में ही उसने हथियार बनाने की कला सीखी और फिर राजस्थान आ गया चूरू, नागौर ,बीकानेर ,जोधपुर एरिया में वह 12,32 बोर के पिस्तौल व बंदूक सप्लाई करने लगा! देखते देखते वह हथियारों का बड़ा तस्कर बन गया कई बार पकड़ा भी गया लेकिन फिर जमानत पर बाहर आ गया अवैध हथियारों के दम पर उसने हत्या का प्रयास, लूट डकैती जैसी कुल 12 वारदातों को अंजाम दिया जैसलमेर के रामदेवरा में उसने इन्हीं अवैध हथियार के दम पर₹200000 की नगदी भी लूटी थी और फिर फरार हो गया इस बार उसे डर था कि अगर वह पकड़ा गया तो लंबे समय तक जेल में रहेगा|वह भाग कर महाराष्ट्र के नासिक चला गया पुलिस ने बताया कि क्योंकि उसके परिवार के कुछ लोग देशनोक मंदिर में पुजारी हैं अतः उसने नासिक के मारू पर्वत इलाके में करीब अढ़ाई साल तक जादू टोना करने का कार्य सीखा और फिर वह भीमदान से भैरू गिरी बन गया! उसकी तरकीब चल निकली,लंबे बाल और दाढ़ी रख वह प्रदेश के चुरू, नागौर, गोटन ,जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, बीकानेर एरिया में धूनी बनाकर जादू,टोना, झाड़ फूंक करने लगा|पुलिस से बचने को उसने फोन इस्तेमाल ही नहीं किया यही कारण रहा कि वह पिछले पांच वर्ष से फरार चलता रहा अब पुलिस उस से पूछताछ में जुटी है।

जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने बताया कि करीब 2010 की बात है। पिता की मौत की कहानी पर फिलहाल चुप्पी साध रहा है। लेकिन प्रारंभिक क्राइम के दलदल में घुसने के पीछे कारण पिता का मौत का बदला लेने के लिए हथियार चलाना और बनाना सीखा। लेकिन अपने टारगेट से हटकर हथियारों की सप्लाई करने में लग गया। भीमदान के परिवार के जन देशनोक मंदिर में पुजारी की श्रृंखला में भी है। एक रिया कमाई का यह होने कके साथ खेती है। अभी जो बाबागिरी चल रही थी। उसकी कमाई का कोई लेखा-जोखा तो नहीं है। जीवन मजे से कट रहा था। पुरानी गाडियों को बेचने का भी कारोबार करने का भी सामने आया है।

आई जी ने कहा कि खुद की पहचान बदलकर लोगों और पुलिस दोनों को धोखा दे रहा था। आरोपी ने खुद के हुलिया बिल्कुल बदल दिया। आम और नंगी आंखों से पुराने भीमदान और अब के भीमदान को पहचान बड़ा ही मुश्किल है।

आईजी ने बताया कि साइक्लोनर टीम को आपरेशन गयावेदी के रूप में 60वीं सफलता हाथ लगी है। गयावेदी ऑपरेशन रखने के पीछे शास्त्रों के भीम ने अपनी और पितरों की संतुष्टि के लिए गया में जाकर वेदी बनाई थी और पिंडदान किया था। इसका नाम भीमदान था यह भी शांति के लिए कर रहा था। यहां से बाहर जाकर पितरों और खुद की शांति के लिए उहा था।

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