समाचार मध्यप्रदेश नीमच 14 दिसंबर 2024 शुक्रवार

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ब्यूटी पार्लर संचालित कर आत्मनिर्भरता की मिसाल बनी धर्मा मालवीय
पंख अभियान के वालिंटयर्स का कार्य कर
समाज की अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए कर रही है प्रेरित
नीमच 13 दिसम्बर 2024] नीमच जिले से करीब 38 कि.मी. दूर मनासा विकासखण्ड के गांव पिपलियाहाड़ी में स्व-सहायता समूह से जूडी़ महिलाऐं सामाजिक एंव आर्थिक रुप से सक्षम बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है। ग्राम पिपलियाहाड़ी में बाछड़ा समुदाय के परिवार निवास करते हैं। ग्राम में पहले स्वयं सहायता समूह नहीं थे। 2020 में सबसे पहले बाछड़ा समुदाय की महिलाओं का समूह बनाया गया। आज उसी का परिणाम है] कि ग्राम पंचायत पिपलियाहाड़ी में बाछड़ा समुदाय के पांच महिला समूह गठित हो गये है।
खुद का रोजगार किया स्थापित- मुस्कान स्वसहायता समूह की धर्मा मालवीय ने समूह से जुड़कर अपना स्वयं का रोजगार प्रांरभ किया है। जिससे उसे प्रतिदिन 750 रुपये की आय हो रही है। श्रीमती धर्मा मालवीय ग्राम कंजार्डा़ में ब्यूटी पार्लर एवं मनिहारी दुकान का संचालन करती है] जिसमें उसके परिवारजन भी सहयोग करते है। धर्मा मालवीय आजीविका मिशन से जुड़कर ब्यूटी पार्लर एवं कटलरी का संचालन इ-सीआरपी, एफएल सखी और पंख अभियान की वालेंटियर का कार्य भी कर रही है। समूह से जुड़कर स्वरोजगार स्थापित कर धर्मा मालवीय प्रतिमाह लगभग 30 से 32 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त कर रही है। साथ ही पंख अभियान के वालेंटियर के रूप में कार्य कर अपने समुदाय की अन्य महिलाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रही है।
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किसान प्रधानमंत्री फलस बीमा योजनान्तर्गत 31 दिसम्बर तक फसल बीमा कराएं
नीमच 13 दिसम्बर 2024, फसलों को प्रतिकूल मौसम से होने वाली क्षति, उपज में कमी के कारण किसानों को होने वाली आर्थिक हानि की प्रतिपूर्ति के लिये सुरक्षा कवच के रूप में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित हैं। इस योजना के तहत कृषकों को 80 प्रतिशत तक की क्षति पूर्ति की जाती है। वर्ष 2024-25 में फसलों का बीमा कराने के लिये अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है। योजना का लाभ लेने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 के पूर्व अपनी फसलों का फसल बीमा अवश्य करवाएं। ऋणी किसान 31 दिसंबर, 2024 तक किसान क्रेडिट कार्ड पर फसल ऋण प्रदायकर्ता बैंकों, सहकारी समितियों तथा अऋणी किसान बैंक, जनसेवा केन्द्र (सीएससी) एवं ग्राम पंचायत स्तर पर जन सेवा केन्द्र (सीएससी) के माध्यम से भू-ऋण अधिकार पुस्तिका, बी-1, बैंक खाते की पासबुक, आधार कार्ड की छायाप्रति और आधार से लिंक मोबाईल नंबर, पटवारी, सचिव ग्राम पंचायत, किसान द्वारा स्वप्रमाणित फसल बुआई का प्रमाण-पत्र एवं फसलवार प्रिमियम राशि जमाकर निर्धारित तिथि तक फसल बीमा करा सकते हैं।
फसल बीमा संबंधित अधिक जानकारी के लिए कंपनी के जिला प्रतिनिधि श्री जितेंद्र सिंह तंवर मो.न.8878867976 और कृषि विभाग के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
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पिछले एक साल में हासिल उपलब्धियों को बयां कर रही है प्रदर्शनी
कलेक्टोरेट नीमच में लगाई गई है जनकल्याण प्रदर्शनी
नीमच 13 दिसम्बर 2024, प्रदेश के साथ ही नीमच जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के तहत 11 दिसम्बर के 26 दिसम्बर 2024 तक जनकल्याण पर्व आयोजित किया जा रहा हैं। जनकल्याण पर्व के अवसर पर म.प्र.जनसंपर्क संचालनालय भोपाल द्वारा कलेक्टोरेट परिसर नीमच में लगाई गई प्रदर्शनी म.प्र.सरकार द्वारा पिछले एक साल में हांसिल उपलब्धियों को बयां कर रही हैं। यह प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोगों ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन कर, इसकी सराहना की।
जिले के नागरिकों, स्कूल, कॉलेज के छात्र-छात्राओं आदि सभी से इस प्रदर्शनी का अवलोकन करने का आगृह किया गया हैं।
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पायरेसी के खिलाफ सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए गए – डॉ. एल. मुरुगन
2025 में वेव्स समिट आयोजित होगी – सुधीर गुप्ता
मंदसौर – विश्व ऑडियो विज़ुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन एक प्रमुख कार्यक्रम है जहाँ पेशेवर ऑडियो विज़ुअल उद्योग में रुझानों और नवाचारों पर चर्चा करते हैं। विषयों में अक्सर रिज़ॉल्यूशन, इमर्सिव ऑडियो और वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकी प्रगति शामिल होती है। शिखर सम्मेलन में टिकाऊ उत्पादन, वैश्विक बाजार रणनीतियों और सामग्री के निर्माण पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (।प्) के प्रभाव पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है । यह उद्योग में उभरती प्रतिभाओं और अनुभवी पेशेवरों दोनों के लिए मूल्यवान नेटवर्किंग अवसर प्रदान करता है। उक्त बात सांसद सुधीर गुप्ता द्वारा लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में सूचना और प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कही।
लोकसभा में सांसद गुप्ता ने वेव्स और पायरेसी को लेकर प्रश्न करते हुए कहाकि सरकार को पायरेसी विशेषकर टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से मीडिया और मनोरंजन उद्योग को व्यापक राजस्व हानि की जानकारी हैं और पायरेसी से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कौन से तंत्र या प्रणालियां स्थापित की गई हैं और उनकी प्रभावशीलता क्या है। पिछले तीन वर्षों के दौरान पायरेसी से संबंधित प्राप्त शिकायतों की कुल संख्या और उनकी वर्तमान स्थिति सहित उन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा क्या है। सांसद गुप्ता ने कहा कि मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में पायरेसी से निपटने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई मौजूदा पहलों, नीतियों और अधिनियमों क्या है। पायरेसी के खिलाफ सरकार द्वारा उठाए गए उठाए जा रहे है और दंडात्मक उपायों क्या है। क्या सरकार ने 2025 में वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेंमेन्ट समिट (वेव्स) का आयोजन करते समय गेमिंग उद्योग के हितधारकों के साथ उनकी चिंताओं के बारे में कोई परामर्श किया है ।
सूचना और प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने बताया कि भारत सरकार ने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में पायरेसी से संबंधित शिकायतों से निपटने करने के लिए विभिन्न तंत्र और नीतियां स्थापित की हैं। इन पहलों का उद्देश्य बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करना, डिजिटल पायरेसी पर अंकुश लगाना और उद्योग में हितधारकों की रक्षा करना है। उद्योग की चिंताओं के समाधान हेतु, चलचित्र अधिनियम, 1952 को वर्ष 2023 में संशोधित किया गया था, ताकि फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग और प्रदर्शन के मुद्दों से निपटने के लिए प्रावधान शामिल किया जा सके, ये संशोधन मौजूदा कानूनों अर्थात् प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम, 1957 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी) 2000 के पूरक हैं जो फिल्म पायरेसी के मुद्दे को संबोधित करते हैं। इन प्रावधानों के अंतर्गत, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में एक संस्थागत तंत्र स्थापित किया गया है, जिसके तहत चलचित्र फिल्मों के मूल प्रतिलिप्यधिकार धारकों या उनके द्वारा अधिकृत व्यक्तियों और किसी अन्य व्यक्ति से इंटरनेट पर फिल्मों की पायरेटेड/इन्फ्रेिंजिंग प्रतियों के प्रदर्शन के संबंध में शिकायतें प्राप्त करना और ऐसे लिंकों तक पहुंच को डिसेबल करने के लिए मध्यस्थों को अधिसूचना जारी करना शामिल है।
इसके अलावा, भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत दिनांक 25.02.2021 को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया, आचार संहिता) नियम, 2021 अधिसूचित किया है। इन नियमों में अन्य बातों के साथ-साथ, डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफार्मों के प्रकाशकों के लिए आचार संहिता और आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए तीन स्तरीय संस्थागत तंत्र का प्रावधान है। आचार संहिता के अनुसार ओटीटी प्लेटफार्मों को ऐसी कोई भी सामग्री प्रसारित नहीं करनी चाहिए जो कॉपीराइट अधिनियम, 1957 सहित उस समय लागू किसी भी कानून द्वारा निषिद्ध हो या जिसे किसी सक्षम न्यायालय द्वारा निषिद्ध किया गया हो। चलचित्र अधिनियम में फिल्मों की पाइरेसी के खिलाफ सख्त सजा के प्रावधान शामिल किए गए हैं, जिसमें न्यूनतम 3 महीने की कैद और 3 लाख रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है, जिसे 3 साल की कैद और लेखापरिक्षित सकल उत्पादन लागत के 5ः तक जुर्माना बढ़ाया जा सकता है।