
सहारा समूह से जुड़े पांच मामलों की चार्जशीट दाखिल, 24 दिसंबर को वडोदरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में होगी अगली सुनवाई
वडोदरा (गुजरात)।
सहारा समूह से जुड़ी विभिन्न सहकारी संस्थाओं और कंपनियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों में एक महत्वपूर्ण न्यायिक प्रगति सामने आई है। गुजरात के अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज कुल पांच एफआईआर मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इन सभी मामलों की अगली सुनवाई 24 दिसंबर 2025 को वडोदरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, दिवालीपुरा में निर्धारित की गई है।
विभिन्न थानों में दर्ज हैं प्रकरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार सहारा समूह से जुड़ी संस्थाओं के विरुद्ध गुजरात के अलग-अलग जिलों और पुलिस थानों में धोखाधड़ी एवं वित्तीय अनियमितताओं को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थीं। इनमें—
सीआईडी क्राइम, गांधीनगर में सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ दर्ज एफआईआर,
वडोदरा डीसीबी पुलिस स्टेशन में सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेंज लिमिटेड के खिलाफ दर्ज एफआईआर,
वडोदरा डीसीबी पुलिस स्टेशन में ही स्टार्स मल्टीपरपज कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ दर्ज प्रकरण,
वडोदरा डीसीबी पुलिस स्टेशन में सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड से संबंधित एक अन्य एफआईआर,
तथा पादरा पुलिस स्टेशन, वडोदरा में सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ दर्ज मामला शामिल है।
चार्जशीट दाखिल, सुनवाई की प्रक्रिया शुरू
जांच एजेंसियों द्वारा इन सभी प्रकरणों में आवश्यक जांच पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई है। इसके साथ ही अब मामलों में नियमित न्यायिक सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आगामी सुनवाई 24 दिसंबर को वडोदरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में होगी, जहां अभियोजन पक्ष की ओर से तथ्यों और साक्ष्यों को प्रस्तुत किया जाएगा।
निवेशकों और शिकायतकर्ताओं की नजरें कोर्ट पर
इन मामलों से जुड़े निवेशकों एवं शिकायतकर्ताओं की निगाहें अब न्यायालय की कार्यवाही पर टिकी हुई हैं। बड़ी संख्या में निवेशकों से जुड़े इन प्रकरणों को लेकर लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में चार्जशीट दाखिल होना अहम कदम माना जा रहा है।
कोर्ट में उपस्थिति की अपील
प्रकरण से जुड़े सामाजिक संगठन रंग दे बसंती के प्रतिनिधि इंद्रवदन राठौड़ ने संबंधित निवेशकों, शिकायतकर्ताओं एवं आमजन से अपील की है कि वे निर्धारित तिथि पर वडोदरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, दिवालीपुरा में उपस्थित रहें, ताकि न्यायिक प्रक्रिया को मजबूती मिल सके।
न्यायालय की आगामी सुनवाई में इन मामलों की दिशा और दशा स्पष्ट होने की संभावना जताई जा रही है।



