धर्म सभा में संत पुजारीयों के लिए सुरक्षा कानून, विक्रय सामग्री से भगवान के फोटो पर रोक लगाने होगी मांग – महंत जी

छोटी काशी कि धरा पर मप्र के अयोध्या, सिंगनापुर, छत्तीसगढ़ 20 से अधिक राज्यों के संतों का होगा आगमन

सीतामऊ। नगर में आर्यावर्त षट्दर्शन साधु मंडल भारत के तत्वाधान में आयोजित विशाल शोभायात्रा धर्म सभा को लेकर प्रदेशाध्यक्ष महंत जितेंद्र दास महाराज जिलाध्यक्ष महंत अरविंदानंद सरस्वती के द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित कि गई।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए महंत अरविंदानंद जी सरस्वती ने कहा कि छोटी काशी सीतामऊ में दो दिवसीय नागा साधुओं कि अगुवाई में शोभायात्रा और धर्म सभा का आयोजन का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें हिन्दू समाज को जागृत करना है। दो दिवसीय आयोजन में प्रथम दिवस 21 दिसंबर रविवार को संत गणों का प्रवचन पोरवाल मांगलिक भवन परिसर में होंगे। 22 दिसंबर को सुबह लगभग 8.30 बजे से मोड़ी माताजी मंदिर प्रांगण से शोभायात्रा प्रारंभ होकर पोरवाल मांगलिक भवन पहुंचेंगे। जहां पर हमारे धार्मिक स्थान मठ मंदिरों को सरकारीकरण कलेक्टर प्रबंधक आदि से मुक्त कराना गौ माता को राष्ट्र माता घोषित कराना संत पुजारीयों कि सुरक्षा कानून कि मांग तथा पुजन आदि विक्रय कि जा रही सामग्री मे भगवान का फोटो लगाने पर रोक, तथा भजन संध्या कथा आदी में भगवान के स्वाग धारण करने वाले आदि मर्यादा में रखें या एक व्यक्ति द्वारा भगवान का मजाक करना गलत है। इसलिए बंद किया जाना चाहिए। हर परिवार में संस्कारित वातावरण निर्माण हो और सनातन धर्म से जुड़े इसके लिए जन जागरण अभियान चलाया जाएगा।
महंत जी ने कहा कि आयोजन में पूरे देश से लगभग 500 से अधिक संत महात्माएं आ रहें हैं। इसमें मुख्य रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष अयोध्या से महामंडलेश्वर रामभूषण दास जी महाराज महामंत्री महंत मोहनदास जी दतिया महंत योगेन्द्र पुरी छत्तीसगढ़ महंत बाल योगेश्वर शनिदेव सिंगापुर महामंडलेश्वर रामेश्वर दास जी महंत श्वासावानंद जी सहित 20 से अधिक राज्यों से आयेंगे।
प्रदेशाध्यक्ष महंत जितेंद्र दास जी ने कहा कि मंदसौर जिले में मंदिर कि अधिकांश जमीन पुजारी के पास है। जहां भी कलेक्टर प्रबंधक है। और पुजारी हमारे संगठन से मांग करने के लिए आगे आते हैं। उसका हम सहयोग प्रदान करते हैं। महंत जी ने कहा कि वर्तमान समय में ऐसा भी हो रहा है जब कलेक्टर प्रबंधक है वह जमीन बिक जाती है और जब पुजारी को कोई समस्या है तो उसको कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ता है।


