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संपत्ति हड़पने के आरोपों पर परिवार पर घरेलू हिंसा के केस हुआ दर्ज

संपत्ति हड़पने के आरोपों पर परिवार पर घरेलू हिंसा के केस हुआ दर्ज

 

गोरखपुर,कैंपियरगंज क्षेत्र के ग्राम रामचौरा निवासी प्रवीण कुमार सिंह, जो भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में तैनात हैं, ने अपनी पत्नी मनीषा चौधरी (अन्य नाम: पूजा, नेहा, माही) और कुछ स्थानीय वकीलों-पड़ोसियों पर गंभीर उत्पीड़न, संपत्ति हड़पने का षड्यंत्र रचने और झूठे मुकदमों में फंसाने के आरोप लगाए हैं। यह वैवाहिक विवाद अब विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन है, जहां प्रवीण को उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश मिल चुका है। प्रवीण के परिवार का दावा है कि मनीषा ने न केवल उनके घर पर कब्जा करने की कोशिश की, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भी गुमराह करने का प्रयास किया।प्रकरण की शुरुआत प्रवीण के अनुसार, 2023 में हुई जब लखनऊ के आर्य समाज मंदिर में मनीषा के परिवार और परिचितों के दबाव में उनका विवाह कराया गया। मनीषा, जो खुद वकील हैं, पर प्रवीण ने आरोप लगाया कि शादी के बाद उनके परिवार पर संपत्ति और नौकरी हथियाने के लिए लगातार दबाव बनाया गया। विवाद बढ़ने पर मनीषा ने कैंपियरगंज के कुछ वकीलों और पड़ोसियों को अपने पक्ष में कर लिया, जिससे मामला और उलझ गया। प्रवीण बताते हैं, “शादी के बाद मनीषा ने मेरे मोबाइल से संवेदनशील दस्तावेज चुराकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए। मैंने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज की, लेकिन इसके जवाब में उन्होंने खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी और मुझे जेल भेजने की कोशिश की।”कानूनी मोर्चे पर प्रवीण ने लखनऊ परिवार न्यायालय में न्यायिक पृथक्करण के लिए वाद संख्या 2974/2023 दाखिल किया। जवाब में मनीषा ने प्रवीण और उनके परिवार पर दहेज उत्पीड़न (IPC धारा 498A सहित) का मामला दर्ज कराया। हालांकि, प्रवीण का कहना है कि उच्च न्यायालय, लखनऊ ने इस पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। इसी बीच, पारिवारिक कलह का हवाला देकर प्रवीण के पिता ने उन्हें संपत्ति से बेदखल कर दिया। प्रवीण आरोप लगाते हैं कि मनीषा ने उनके ITBP तैनाती स्थल पर शिकायतें भेजीं, स्थानीय मीडिया में बयान दिए और उन्हें बदनाम करने की साजिश रची।सबसे गंभीर मोड़ तब आया जब मनीषा ने प्रवीण को “देशद्रोही” साबित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखे। प्रवीण के अनुसार, जांच में ये आरोप पूरी तरह निराधार साबित हुए। इसके अलावा, लखनऊ कोर्ट की एक पेशी के दौरान मनीषा ने उनसे 20,000 रुपये नकद और मोबाइल फोन छीन लिया, जिसकी शिकायत कैशरबाग थाने में दर्ज हुई। प्रवीण ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, लखनऊ में मिसलेनियस केस संख्या 4991/2024 भी दायर किया है।फरवरी 2025 में विवाद ने नया रूप लिया जब मनीषा कुछ पुलिसकर्मियों और अज्ञात व्यक्तियों के साथ प्रवीण के घर में घुस आईं। परिवार का आरोप है कि उन्होंने वृद्ध माता-पिता को धमकाकर घर से बाहर निकाल दिया, CCTV कैमरा तोड़ दिया और घर का ताला तोड़कर नगदी व जेवर ले भागीं। ग्रामीणों ने भी इस घटना की पुष्टि की है। इसके बाद मनीषा ने प्रवीण के छोटे भाई पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया, जो जांच में खारिज हो गया।मनीषा ने लखनऊ में धारा 24 (भरण-पोषण) और गोरखपुर में धारा 144 के तहत अर्जी दी है, जबकि कैंपियरगंज थाने में पूरे परिवार पर घरेलू हिंसा का केस दर्ज है। प्रवीण का दावा है कि मनीषा के समर्थक वकील और पड़ोसी अब फिर से घर में कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं। “वे हमें झूठे मुकदमों में फंसाने और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं,” प्रवीण ने बताया प्रकरण पर मनीषा या उनके पक्ष से कोई टिप्पणी नहीं मिली है। पुलिस और न्यायालय दोनों ही पक्षों के बयानों की जांच कर रहे हैं।

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