दो नंबर पर आने का एनाउंस, लेकिन एक नंबर पर आ गई यमुनाब्रिज-रतलाम पैसेंजर

अचानक प्लेटफॉर्म बदलने से मची अफरा-तफरी, सतर्क लोको पायलट ने टाला बड़ा हादसा
मंदसौर पर आधा घंटा खड़ी रही ट्रेन, मेंटेनेंस कार्य के बीच गड़बड़ी से बनी स्थिति
पिपलिया स्टेशन (निप्र)। बुधवार दोपहर पिपलियामंडी रेलवे स्टेशन पर एक चूक से बड़ा हादसा होते-होते बच गया। यमुनाब्रिज-रतलाम पैसेंजर ट्रेन के आगमन संबंधी गलत एनाउंसमेंट और अचानक प्लेटफॉर्म बदलने से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। रेलवे की ओर से घोषणा की गई थी कि ट्रेन प्लेटफॉर्म नम्बर 2 पर आएगी, लेकिन ट्रेन सीधे प्लेटफॉर्म नम्बर 1 की ओर बढ़ गई। गनीमत रही कि लोको पायलट ने समय रहते स्थिति को भांप लिया और ट्रेन को प्लेटफॉर्म से कुछ दूरी पहले ही रोक दिया, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना नहीं हुई। एनाउंस सुनकर सभी यात्री प्लेटफॉर्म नम्बर 2 पर जा चुके थे। तभी ट्रेन को प्लेटफॉर्म नम्बर 1 की ओर आते देख यात्रियों में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। लोग दौड़ते हुए प्लेटफॉर्म नम्बर 1 की तरफ पहुंचे। ट्रेन के कई यात्री भी डर की वजह से स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही नीचे उतर गए, जिससे हालात और अधिक अव्यवस्थित हो गए। स्टेशन सूत्रों के अनुसार प्लेटफॉर्म नम्बर 1 पर रेलवे दोहरीकरण और मेंटेनेंस कार्य चल रहा था। इसके लिए पहले से ब्लॉक लिया गया था और इसी कारण गाड़ी को अस्थायी रूप से प्लेटफॉर्म नम्बर 2 पर लेने की तैयारी थी। स्टेशन पर भी यही एनाउंस किया गया था। लेकिन आगमन के कुछ समय पहले कार्य की स्थिति बदलने और सिग्नलों की उपलब्धता के चलते ट्रेन को प्लेटफॉर्म 1 की लाइन पर ही ले लिया गया। गाड़ी के लिए प्लेटफॉर्म 1 के ही सिग्नल जारी कर दिए गए, जबकि घोषणा प्लेटफॉर्म 2 की होती रही। अचानक बने इस हालात में ट्रेन को प्लेटफॉर्म से पहले ही रोक दिया गया। करीब 30 मिनट तक ट्रेन पिपलिया स्टेशन पर खड़ी रही। यात्रियों को मुश्किलें झेलनी पड़ी और प्लेटफॉर्म पर काफी समय तक अव्यवस्था बनी रही। स्थिति स्पष्ट होने और ट्रैक सुरक्षित पाए जाने के बाद लगभग दोपहर 1.40 बजे ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ट्रेन सामान्य गति में प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ रही होती, तो प्लेटफॉर्म बदलने की गड़बड़ी से दुर्घटना का जोखिम बढ़ सकता था। लोको पायलट की चौकसी ने कई जिंदगियां बचा लीं और बड़े हादसे की आशंका को टाल दिया। इस घटना से यात्रियों में नाराज़गी देखने को मिली। उनका कहना था कि रेलवे को ट्रैक और प्लेटफॉर्म की स्थिति के अनुसार सही, स्पष्ट और समय पर सूचना देनी चाहिए। गलत एनाउंसमेंट से यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है। घटना ने मेंटेनेंस कार्य के दौरान संचार और समन्वय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि दोहरीकरण कार्य के चलते प्लेटफॉर्म परिवर्तन की जरूरतें अक्सर बनती हैं, लेकिन इस घटना की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।
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