यूरिया की कालाबाजारी: सैलाना विधायक डोडियार ने कलेक्टर एवं जिला विपणन अधिकारी को दर्ज कराई शिकायत

यूरिया की कालाबाजारी: सैलाना विधायक डोडियार ने कलेक्टर एवं जिला विपणन अधिकारी को दर्ज कराई शिकायत
किसानों को 1 बीघा पर सिर्फ 1 बैग
रतलाम ब्यूरो चीफ जीतेन्द्र कुमावत
रतलाम, 26 नवंबर 2025-मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के रावटी मंडी प्रांगण में संचालित नगद खाद्य वितरण केंद्र पर यूरिया की कालाबाजारी और किसानों के साथ अन्याय की गंभीर शिकायतें सामने आई हैं। सैलाना विधानसभा क्षेत्र से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने जिला कलेक्टर दंडाधिकारी एवं जिला विपणन अधिकारी को औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें खुलासा किया गया है कि केंद्र संचालक किसानों के बजाय स्थानीय व्यापारियों को थोक मात्रा में खाद उपलब्ध करा रहे हैं। इस अनियमितता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। विधायक डोडियार ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो किसान बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ सकते हैं।
शिकायतकर्ता सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने जिला कलेक्टर जिला दंड अधिकारी सुश्री मिशा सिंह (आवेदन क्रमांक 496/VIP) एवं जिला विपणन अधिकारी, मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (जिला रतलाम) को लिखे पत्र (आवेदक क्रमांक 495/VIP/2025) में विस्तार से अनियमितताओं का जिक्र किया है। पत्र के अनुसार, केंद्र पर नियमानुसार किसानों को उनके भू-अधिकार (बीघा) के आधार पर यूरिया का वितरण होना चाहिए।_
लेकिन हकीकत में 1 बीघा के किसान को मात्र 1 बैग और अधिकतम 5 बैग से ज्यादा नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि 10 बीघा जमीन वाले किसानों को भी सिर्फ 5 बैग ही मिल रहे हैं। दूसरी ओर, केंद्र संचालक कुछ चुनिंदा व्यापारियों को पिकअप वाहनों में खाद भर-भरकर बेच रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से कालाबाजारी और वितरण नियमों का उल्लंघन है।
किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। हमारी मेहनत की फसल को बचाने के लिए खाद जरूरी है, लेकिन यह साजिश हमें बर्बाद करने पर तुली हुई लगती है। मैं विधायक के नाते इस मुद्दे को विधानसभा तक ले जाऊंगा,” विधायक कमलेश्वर डोडियार ने पत्र में लिखा है। उन्होंने मांग की है कि केंद्र की तत्काल जांच कराई जाए, संचालक पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई हो, अनुचित सप्लाई रोकी जाए और दोषी पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त कर दंड लगाया जाए। साथ ही, किसानों को उनके हक के अनुसार पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विधायक ने अधिकारियों से तत्काल आदेश जारी करने और कार्रवाई की जानकारी साझा करने का अनुरोध भी किया है।
रतलाम में यूरिया संकट का पुराना दर्द-
रतलाम जिला, जो मध्य प्रदेश का एक प्रमुख कृषि क्षेत्र है, पिछले कई वर्षों से यूरिया की कालाबाजारी और वितरण में अनियमितताओं की मार झेल रहा है। हाल ही में फरवरी 2025 में रतलाम शहर के एक सरकारी वेयरहाउस से 80 मीट्रिक टन (लगभग 1780 बैग) यूरिया की जब्ती हुई थी, जो झाबुआ के मेघनगर के लिए भेजी जानी थी लेकिन कालाबाजारी के चक्रव्यूह में फंस गई। दिसंबर 2024 में जावरा तहसील में एसडीएम द्वारा स्टिंग ऑपरेशन कर एक दुकान सील की गई, जहां 266 रुपये वाले यूरिया बैग को 360 रुपये में बेचा जा रहा था। इसी क्रम में जुलाई 2025 में एक वीडियो रिपोर्ट में पूरे मध्य प्रदेश में यूरिया संकट को ‘मुसीबत भारी’ बताया गया, जहां किल्लत और कालाबाजारी ने किसानों को परेशान कर रखा है।
रावटी मंडी, जो रतलाम जिले का एक महत्वपूर्ण कृषि बाजार है, यहां गेहूं, सोयाबीन और अन्य फसलों के लिए यूरिया की मांग चरम पर रहती है। रबी सीजन में खाद की कमी से किसानों की फसल प्रभावित हो रही है। जिला कृषि विभाग के अनुसार, नवंबर 2025 तक रतलाम में 16 नवंबर को चंबल कंपनी से 1343 मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुई, लेकिन वितरण में पारदर्शिता की कमी बनी हुई है।
विधायक डोडियार का आदिवासी-किसान हितों पर जोर: ‘आंदोलन की चेतावनी’
सैलाना से विधायक कमलेश्वर डोडियार, जो 2023 के विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी के टिकट पर जीतकर आए थे, आदिवासी और किसान मुद्दों पर हमेशा मुखर रहे हैं। हाल ही में दिसंबर 2024 में उन्होंने जिला कलेक्टर के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग कर हंगामा मचाया था, और फरवरी 2025 में अवैध शराब तस्करी रोकने के दौरान खुद पर हमले का आरोप लगाया। अगस्त 2025 में विधानसभा में रतलाम को संभाग बनाने का मुद्दा उठाया। अब इस यूरिया कांड पर उन्होंने कहा, “रावटी मंडी में यह कालाबाजारी का नया चैप्टर है।
कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह रतलाम ने हाल ही में खाद कालाबाजारी पर सख्ती का ऐलान किया था, जिसमें स्टिंग ऑपरेशन और लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान शामिल है। कृषि मंत्री के कार्यालय ने भी राज्य स्तर पर यूरिया वितरण की निगरानी के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने की बात कही है, लेकिन जमीनी स्तर पर अमल धीमा है।
यह मामला रतलाम के किसानों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। विधायक कमलेश्वर डोडियार की सक्रियता से उम्मीद है कि जल्द ही न्याय मिलेगा। यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो यह छोटी चिंगारी बड़े आंदोलन का रूप ले सकती है। किसान हितों की रक्षा के लिए प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ही एकमात्र समाधान नजर आ रही है।
विकास की इस दौड़ में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के दावों के बीच ऐसी घटनाएं सवाल खड़े करती हैं।





