नीमचमध्यप्रदेश

नीमच में खड़ा हो रहा 150 करोड़ का टेक्सटाइल पॉवरहाउस प्रदेश की सरल औद्योगिक नीतियों के चलते विश्वेसरा इंडस्ट्री ने राजस्थान से बाहर आकर पंख पसारे

यूनिट तेजी से ले रही आकार, तैयार हो रहा हाईटेक प्लांट, 600 लोगों के लिए खुलेगी रोजगार की राह

नीमच

डॉ बबलू चौधरी

मध्यप्रदेश इन दिनों औद्योगिक विकास की नई तस्वीर गढ़ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जारी उद्योग हितैषी नीतियों का असर अब पूरे प्रदेश में दिखाई देने लगा है। इन्हीं नीतियों का परिणाम है कि नीमच जिला तेज़ी से नया टेक्सटाइल हब बनता जा रहा है, जहाँ विश्वेसरा इंडस्ट्री द्वारा स्थापित किया जा रहा 150 करोड़ का हाईटेक प्लांट स्थानीय विकास का नया आधार बन रहा है।


टेक्सटाइल उद्योग की पहचान कहे जाने वाले भीलवाड़ा से निवेशक अब नीमच की ओर रुख कर रहे हैं। वजह है, मध्य प्रदेश की सरल नीतियां, सिंगल विंडो सिस्टम, तेजी से मिलने वाली अनुमतियां और उद्योगों के लिए अनुकूल बुनियादी ढांचा। इसी वातावरण से प्रभावित होकर विश्वेसरा इंडस्ट्री ने 2023 में झांझरवाड़ा को अपनी नई यूनिट के लिए चुना। फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका भूमिपूजन किया और तब से निर्माण कार्य लगातार तेजी से आगे बढ़ रहा है। कंपनी ने लक्ष्य तय किया है कि जनवरी 2026 से उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। इस बड़े निवेश से न केवल रोजगार बढ़ेंगे, बल्कि नीमच जिले की नई औद्योगिक पहचान भी बनेगी और अर्थव्यवस्था में
मजबूती आएगी। माना जा रहा है कि उत्पादन शुरू होने के बाद नीमच बड़े पैमाने पर टेक्सटाइल उत्पादन और गारमेंटिंग का केंद्र बन जाएगा। इसीलिए अब जिले को इंतजार है नए साल का, जब यह प्लांट पूरी तरह काम करना शुरू कर देगा और नीमच को प्रदेश के प्रमुख टेक्सटाइल हब की श्रेणी में खड़ा हो जाएगा।
ईको फ्रेंडली और प्रदूषण मुक्त होगा प्लांट
यह यूनिट टेक्सटाइल क्षेत्र की नई और हाईटेक तकनीकों से लैस है। यह पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल और प्रदूषण मुक्त बनाया जा रहा है। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) सिस्टम के तहत उपयोग किए जाने वाले पानी को आधुनिक तकनीक से साफ कर दोबारा उपयोग किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह प्लांट गुणवत्ता, तकनीक और पर्यावरण, तीनों मोर्चों पर प्रदेश की बड़ी इकाइयों को नए मानक देगा।
600 से अधिक युवाओं को मिलेगा रोजगार
विश्वेसरा इंडस्ट्री की इस यूनिट से 600 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने जा रहा है। खास बात यह है कि इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। महिलाओं के लिए गारमेंटिंग सेक्टर में अच्छी संभावनाएं बनेंगी। इसके साथ ही परिवहन, भोजनालय, छोटे दुकानदार, किराना और अन्य सहायक गतिविधियों में लगभग 1500 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है।

विस्तार की बड़ी योजना, 300 करोड़ का नया निवेश
पहला चरण शुरू होने से पहले ही कंपनी ने भविष्य के विस्तार की तैयारी कर ली है। इसके लिए 5.5 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन दी गई है। दूसरे चरण में करीब 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश प्रस्तावित है। इस विस्तार के पूरा होने के बाद यूनिट “क्रॉप टू गारमेंट मॉडल” पर काम करेगी, यानी कपास से धागा, धागे से कपड़ा, कपड़े से प्रोसेसिंग और फिर तैयार परिधान, सब कुछ एक ही परिसर में होगा। टेक्सटाइल क्षेत्र में यह मॉडल अत्यंत प्रभावी और रोजगार उन्मुख माना जाता है। दूसरे चरण से लगभग 2500 से 3000 नए रोजगार खड़े होने संभावना है।
सीएम डॉ. मोहन यादव का विज़न बना आधार
एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी निदेशक श्री राजेश राठौड़ ने कहा कि नीमच जिले के विकास और प्रगति में उद्योगों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में विश्वेश्वरा इंडस्ट्रीज का यहां आना एक सकारात्मक और शुभ संकेत है। इस तरह के प्रोजेक्ट से न केवल जिले के औद्योगिक ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि नीमच कपड़ा उद्योग में एक नई उभरती शक्ति के रूप में स्थापित हो सकेगा।

वहीं कंपनी के डायरेक्टर विनीत बूबना कहते है कि ऑनलाइन आवेदन, सिंगल विंडो सिस्टम और सात दिन में मिली अनुमतियों ने हमारे निर्णय को आसान बना दिया। मध्यप्रदेश में आकर हम पूरी तरह संतुष्ट हैं।

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