मंदसौर जिलासीतामऊ

श्री राजगुरु ने कहा हम सबका सौभाग्य है कि रतलाम के महाराजा रामलक्ष्मण सिंह बने और आज आप पधारे

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राठौड़ राजवंश के कुल गुरु श्री कृष्णसिंह राजगुरु का जन्म दिवस पर फुल माला से किया स्वागत अभिनंदन

श्री राजगुरु ने कहा हम सबका सौभाग्य है कि रतलाम के महाराजा रामलक्ष्मण सिंह बने और आज आप पधारे

सीतामऊ। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राठौड़ राजवंश के कुल राजगुरु श्री कृष्ण सिंह राजगुरु का रतलाम महाराजा श्री रामलक्ष्मणसिंह राठौड़ व वरिष्ठ समाजसेवी श्री दिलीप पटवा, श्री निशिद्ध बर्डिया, श्री महेश सोनी कि विशेष उपस्थिति में 76 वां जन्म दिवस श्री नागराज खेड़ा हनुमान जी मंदिर पर साफा बांध कर साल श्री फल भेंटकर व फुल मालाएं पहनाकर भव्य स्वागत अभिनंदन किया एवं बधाईयां दी।

इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं रतलाम राठौड़ राजवंश कुल राजगुरु श्री कृष्ण सिंह राजगुरु ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मेरा बड़ा सौभाग्य है कि मेरे दादा गुरां निर्भय सिंह राजगुरु के समय से क्षत्रिय राजपूत राठौड़ राजवंश कि रतलाम, सैलाना, सीतामऊ, झाबुआ, अलीराजपुर पांच रियासतों का कुल राजगुरु पद पर पदासिंन हुं।

श्री राजगुरु ने कहा कि रतलाम के तत्कालीन राजा श्रीमंत लोकेंद्र सिंह जी पिता सज्जन सिंह जी व उनकी धर्म पत्नी महारानी श्रीमती प्रभाराज्यलक्ष्मी जी के द्वारा अपने निसंतान होने की स्थिति में अपने ही राठौड़ राजवंशज सीतामऊ क्षेत्र के ग्राम पतलासी महाराज के निवासी महाराजा श्री रामलक्ष्मणसिंह जी राठौड़ को पैतृक परंपरा अनुसार 15 जुन 1991 को मुझे बुलाकर ग्रेटर कैलाश नर्सिंग होम इंदौर में बुलाकर अपना वारिसान उत्तराधिकारी नियुक्त किया तथा अपनी समस्त सम्पत्ति का भी एक मात्र उत्तराधिकारी बनाया था।

तत्पश्चात 25 जुन 1991को महाराजा श्रीमंत लोकेंद्र सिंह जी रतलाम का देहांत हो गया था तो उनके उत्तराधिकारी होने के नाते उनके दत्तक पुत्र महाराजा श्री रामलक्ष्मण सिंह ने मेरे (कुल गुरु के) मार्गदर्शन में अंतिम क्रियाक्रम से लेकर सभी रस्म रिवाज को निभाया। उनके 12 दिवस पर प्रथाओं व परम्परागत उतराधिकारी विधान के अनुसार राजमाता श्रीमति प्रभाराजलक्ष्मी जी के सम्मुख एवं पारिवारिक जनो कि उपस्थिति में पगड़ी रस्म पहना कर उतराधिकारी के रूप में महाराजा रतलाम पद पर राजतिलक किया गया था।

इसी तारतम्य में सर्व समाज के सम्मुख विधिवत फाल्गुन शुक्ल पक्ष बसंत पंचमी दिनांक 15 फरवरी 2013 शुक्रवार को रतलाम स्थापना दिवस पर महाराजा रतनसिह जी कि प्रतिमा के सामने राजपूत समाज, क्षत्रिय महासभा, जौहर स्मृति संस्थान चितौड़गढ़, महाराणा कुंभा ट्रस्ट भीलवाड़ा के अध्यक्षों व पदाधिकारी जनों कि उपस्थिति में व मुझ कुल राजगुरु द्वारा सार्वजनीक रुप से महाराजा श्री रामलक्ष्मण सिंह रतलाम को राजकुल पदवी तथा महाराजा रतलाम कि मान्यता प्रदान कर सम्मानित किया गया।

आज मेरे जन्म दिवस पर रतलाम महाराजा श्री रामलक्ष्मण सिंह जी कि उपस्थिति गर्व का विषय है आपके द्वारा दी गई बधाई शुभकामनाए पर हृदय से धन्यवाद देता हूं। और आशा करता हूं कि आप अपने राठौर राजवंश का गौरव बढ़ाए।आपका मान सम्मान बढ़ता रहें। साथ ही आप सभी प्रियजनों का हृदय की गहराई से आत्मिक आभार व्यक्त करता हूं। इस अवसर पर लक्ष्मीनारायण मांदलिया, हेमंत जैन , नवीन विश्वास द्विवेदी, सुरेश गुप्ता, जितेंद्र शर्मा, संजय व्यास, जगदीश लौहार, हिरालाल परमार, राजेश भलवार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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