चौमहला में वैकुंठ चतुर्दशी उत्सव हर्षोल्लास से मनाया ,दीपो की रोशनी से जगमगाए मंदिर

चौमहला /झालावाड़
रिपोर्ट रमेश मोदी
गंगधार ,चौमहला में वैकुंठ चतुर्दशी उत्सव हर्षोल्लास से मनाया ,दीपो की रोशनी से जगमगाए मंदिर
सनातन धर्म में वैकुंठ चतुर्दशी का खास महत्व है मान्यता हे कि इस तिथि पर भगवान विष्णु (हरि) विश्वनाथ की नगरी काशी में आकर देवो के देव महादेव की पूजा की थी , हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को वैकुंठ चतुर्दशी मनाई जाती हे इस साल 4 नवंबर मंगलवार को चौमहला ,गंगधार में हर्षोल्लास ,व उत्साह से वैकुंठ चतुर्दशी मनाई गई ।यह दिन अत्यंत शुभ ,और धार्मिक दृष्टि से विशेष माना गया हे ,इस दिन भगवान विष्णु (हरि)और भगवान शिव (हर)दोनों की साथ पूजा की जाती हे इसलिए कई जगह इसको हरिहर मिलन वैकुंठ चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता हे ,पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने श्री हरि विष्णु से वैकुंठ जाने का मार्ग पूछा था तभी से इस तिथि को वैकुंठ चतुर्दशी कहा जाने लगा ,इस अवसर पर काली सिंध नदी पर के राजघाट पर श्रद्धालुओं द्वारा दीप प्रज्वलित कर आराधना की गई ,चौमहला के श्री राम हनुमान मंदिर में सायं कल 7 बजे महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से भगवान श्री हरि की विशेष पूजा आराधना की गई ,मंदिर परिसर को दीपो से आकर्षक सजावट की गई ,श्रद्धा और भक्ति से सराबोर होकर भजनों पर जमकर थिरकती नजर आई , सारा वातावरण भक्तिमय हो गया ।



