सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में दीपावली मिलन समारोह एवं नव निर्मित शताब्दी सभागृह का लोकार्पण किया

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में दीपावली मिलन समारोह एवं नव निर्मित शताब्दी सभागृह का लोकार्पण किया
पंकज बैरागीसुवासरा।सरस्वती शिशु विद्या मन्दिर उमावि सुवासरा में विद्यालय के पूर्व छात्र, पूर्व आचार्य दीपावली मिलन समारोह एवं नव निर्मित शताब्दी सभागृह का लोकार्पण किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि श्री योगेश शर्मा (विद्या भारती मालवा प्रांत संगठन मंत्री), विशेष अतिथि श्री हरदीप सिंह डंग (विधायक सुवासरा विधानसभा) श्री राघवेंद्र देराश्री (मंदसौर विभाग समन्वयक), एवं श्री वीरेन्द्र जैन (अध्यक्ष विवेकानंद शिक्षण समिति सुवासरा) कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री नेपालसिंह देवड़ा (पूर्व सैनिक एवं पूर्व छात्र) मंचासीन रहें।
सर्वप्रथम नवनिर्मित शताब्दी सभागृह का लोकार्पण रिबन खोलकर किया, उसके पश्चात पधारे हुए अतिथियों ने विज्ञान प्रदर्शनी में भैया बहिनों द्वारा बनाए गए माॅडल के बारे में भैया बहिनों से बातचीत की साथ ही शिशु वाटिका का अवलोकन किया,जिसने शिशु वाटिका प्रमुख दीदी श्रीमती खुशबू मेहर एवं शिशु वाटिका संयोजक श्रीमती किरण धनोतिया दीदी से बातचीत की।
अवलोकन के पश्चात शताब्दी सभाकक्ष में मां सरस्वती, प्रणवाक्षर ॐ, एवं जगत जननी भारत माता के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विद्यालय के पूर्व छात्र एवं विवेकानंद शिक्षण समिति सुवासरा के सहसचिव डॉ विजय पाटीदार द्वारा मंचासीन अतिथियों का स्वागत एवं अभिनन्दन स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। पधारे हुए अतिथियों द्वारा पूर्व आचार्य -दीदियों का शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया साथ ही पूर्व भैया बहिनों का भी सम्मान किया गया।
पूर्व आचार्य -दीदियों द्वारा अपने अनुभव साझा किए गए जिसमें उन्होंने बताया कि किस प्रकार उन्होंने विषम परिस्थितियों में धेर्य बनाकर कार्य करने से सफलता अवश्य मिलती है।
पूर्व भैया -बहिनों ने भी अपने अनुभव साझा किए। कुछ पूर्व भैया बहिनों ने जो प्रशासन के विभिन्न पदों पर पदस्थ हैं अपने अनुभव वीडियो क्लिप के माध्यम से साझा किए जिसने बताया कि सरस्वती शिशु मन्दिर से मिले शिक्षा,संस्कार और अनुशासन जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कितने लाभकारी रहें।
मंचासीन अतिथियों ने विद्या भारती मालवा द्वारा दी जा रही संस्कारवान शिक्षा और चुनौतियों को अवसर बनाने की बात कही। संपूर्ण भारतवर्ष ही नहीं विदेशों में भी विद्या भारती द्वारा दी गई शिक्षा देशप्रेम और मातृभूमि को समर्पित करने वाली होती है। संस्कार एवं अनुशासन से ही व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सकता है जो विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में प्रतिदिन होता है। अंत शांति मंत्र के बाद समारोह का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री चमन सिंह देवड़ा ने किया।कार्यक्रम के पश्चात् सभी ने विद्यालय में सहभोज किया ।



