नीमचमध्यप्रदेश

मोरवन में स्थापित होगी प्रदूषण रहित कपड़ा फैक्ट्री, खुलेंगे विकास एवं रोजगार के नए द्वार

एमपीआईडीसी ने दिया भरोसा, उद्योग आने से बढ़ेंगे स्थानीय रोजगार, क्षेत्र में आएगी समृद्धि, किसानों की शंकाएं हुईं दूर, किया सहयोग का वादा

नीमच

नीमच जिले के मोरवन (जावद) गांव में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में निवेश की बयार बह रही है। इसी कड़ी में यहां 329 करोड़ रुपए के निवेश से “सुविधि रेयांश” नामक प्रदूषण रहित कपड़ा फैक्ट्री स्थापित की जा रही है। इस उद्योग के लिए 31 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। फैक्ट्री के शुरू होने से करीब 1500 स्थानीय युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ों लोगों की आमदनी के नए रास्ते खुलेंगे। इसके स्थापित होने के बाद गांव के युवाओं को घर के पास ही नौकरी मिलेगी, जिससे परिवार और खेती दोनों की देखभाल आसान होगी। स्थानीय स्तर पर व्यापार बढ़ेगा, ट्रांसपोर्ट, होटल, ढाबा, दुकाननों, सबको फायदा होगा। गांव की अर्थव्यवस्था में जान लौटेगी और हर घर में खुशहाली आएगी।


इस फैक्ट्री को लेकर पिछले कुछ दिनों से अपुष्ट जानकारी के कारण कुछ स्थानीय लोगों द्वारा उद्योग स्थापना पर आपत्ति व्यक्त की जा रही थी। इसे लेकर एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी निदेशक श्री राजेश राठौड़ की अध्यक्षता में मोरवन में प्रशासन और ग्रामीणों के बीच बैठक आयोजित की गई। इसमें स्थानीय निवासियों से उनकी शंकाओं के गुण-दोष के आधार पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में स्थानीय निवासियों की आपत्तियों और शंकाओं को विस्तार से सुना गया। इसके बाद एक-एक शंका का निवारण किया गया। उन्हें बताया गया कि यहां कपड़ा एवं उससे बनने वाले वस्त्रों का उत्पादन होगा और किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। श्री राठौड़ ने स्पष्ट किया कि यह फैक्ट्री प्रदूषण रहित होगी और पर्यावरण संरक्षण के सभी मानकों का पालन करेगी। पानी को लेकर स्थानीय निवासियों को भ्रम था कि उद्योग से निकलने वाला गंदा पानी डेम या अन्य जल स्रोतों में न छोड़ा जाए। इस पर श्री राठौड़ ने बताया कि फैक्ट्री में आधुनिक शोधन प्रणाली (ट्रीटमेंट सिस्टम) लगाई जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार का दूषित जल बाहर नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि डेम से पहले पेयजल और सिंचाई के लिए आवश्यक जल आरक्षित रखा जाएगा, इसके बाद ही उद्योग को पानी दिया जाएगा। इस व्यवस्था से ग्रामीणों की पेयजल आपूर्ति और किसानों की सिंचाई व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि फैक्ट्री से निकलने वाले धुएं और अपशिष्ट जल से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। सभी प्रक्रियाएं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन के अनुरूप होंगी।
रोजगार और व्यापार में आएगी तेजी
श्री राठौड़ ने कहा कि सुविधि रेयांश के रूप में मोरवन जिले का नया औद्योगिक केंद्र बनेगा। यहां का हर वर्ग, किसान, मजदूर, दुकानदार और युवा इस परियोजना से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त होगा। गांव की पहचान सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह उद्योग और रोज़गार के संगम के रूप में नीमच जिले की तरक्की की मिसाल बनेगा। इसकी स्थापना से आसपास के दुकानदारों, ट्रांसपोर्टरों और सेवा प्रदाताओं को सीधा लाभ मिलेगा। इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएगा और युवाओं को अपने ही गांव में रोजगार के अवसर मिलेंगे। ट्रक चालकों, ढाबा संचालकों, दुकानदारों, मजदूरों और छोटे व्यवसायियों के लिए यह उद्योग स्थायी कमाई का साधन बनेगा। गांव का पैसा गांव में घूमेगा, बाजारों में रौनक बढ़ेगी और युवाओं का पलायन घटेगा।
लोगों कहा- अब डर नहीं, विकास की उम्मीद
बैठक के अंत में स्थानीय निवासियों ने संतोष जताया। उन्होंने कहा कि अब उन्हें यह भरोसा है कि इस
उद्योग की स्थापना से न तो उनके पेयजल और सिंचाई पर कोई प्रभाव पड़ेगा, न ही पर्यावरण को नुकसान होगा। अब जब साफ है कि फैक्ट्री से किसी को नुकसान नहीं होगा, तो वे इस प्रोजेक्ट का स्वागत करेंगे। सभी ने क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में एकजुट होकर सहयोग करने का संकल्प लिया। बैठक में एसडीएम श्रीमती प्रीति संघवी नाहर, एसडीओपी श्री रोहित राठौर, स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग के अन्य अधिकारी, एमपीआईडीसी की टीम और स्थानीय निवासी मौजूद रहे।

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