दीपावली पर्व पर संस्कार समर्पण और मदद के भाव देखने को मिलते हैं, यह हमेशा जागृत रहना चाहिए – बीके कृष्णा दीदी

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सीतामऊ में दिपोत्सव मनाया गया
सीतामऊ। दीपावली त्यौहार ज्ञान संस्कार समर्पण स्वच्छता और सुंदरता के साथ स्वास्थ्य कि रक्षा एक दूसरे की मदद या आपन कहे की धर्म अर्थ काम और मोक्ष का त्यौहार है। सर्वप्रथम सभी दीपावली पर अपने-अपने घर आंगन मोहल्ले को साफ स्वच्छ और सुंदर बनाते हैं इससे स्वच्छता से केवल सुंदरता ही नहीं आती बल्कि स्वास्थ्य की सुरक्षा भी होती है फिर हम सब घर आंगन सभी जगह दीपक जलाते हैं। दीप प्रज्वलित करने का अभिप्राय है कि जिस प्रकार से कृष्ण पक्ष की घनघोर रात त्रयोदशी अमावस्या एकम भाई दूज तक रहती है और दीप प्रचलित करने से प्रकाशमान हो जाती है ऐसे ही हमारे शरीर की आत्मा में ज्ञान का दीप प्रज्वलित करने पर उसका प्रकाश दानवता से मानवता की ओर बढ़ता है। दीपावली पर्व पर संस्कार और समर्पण मदद के भाव भी देखने को मिलते हैं। यह हमेशा जागृत रहना चाहिए।इस दिन व्यक्ति अपने आप को समर्पित भाव लेकर मंदिरों में भगवान के दर्शन आशीर्वाद प्राप्त करते एक दूसरे से मिलता है। बड़े के चरण छुता है आशीर्वाद प्राप्त करता और छोटे को देता भी है। ज्ञान संस्कार समर्पण के साथ मदद के भाव भी देखने को मिलते हैं उक्त उद्बोधन ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सीतामऊ में आयोजित दीपावली पर्व पर व्यक्त किए।
कृष्णा दीदी ने कहा कि दीपावली का पर्व सारे विश्व में मनाया जाता है यह हमारे सत्य की देवी राज्य का यादगार हम मना रहे हैं शिव बाबा वर्तमान समय में हमें ज्ञान और योग के द्वारा पुनः सतयुग दुनिया में ले जाने का मार्ग बता रहे हैं।
दीपोत्सव कार्यक्रम के प्रारंभ में बीके कृष्णा दीदी प्रिती दीदी, गौरव जैन संपादक लक्ष्मीनारायण मांदलिया, सतीश माहेश्वरी, यशवंत माली, गोपाल गौड़, राधेश्याम घाटिया दिलीप दायमा, जगदीश राठौर नाटाराम, मोडी़राम पंथी,अनिल ओस्तवाल आदि भ्राता बहिनों ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इसके बाद ईश्वरीय महाश्लोक सुनाए गए और 21 प्रकार के व्यंजनों के शिव बाबा को भोग लगाया गया। इस अवसर पर सभी उपस्थित ने पटाखे फोड़े और सभी के मंगलमय जीवन कि शुभकामनाएं व्यक्त की।
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