छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड: 25 बच्चों की मौत के बाद फार्मा–डॉक्टर गठजोड़ पर सख्ती

मंदसौर के डॉ विजयशंकर मिश्र,सतना के डॉ. राजेश जैन, से डॉ सुशील श्रीवास्तव समेत 20 डॉक्टरों को नोटिस

छिंदवाड़ा में श्रीसन फार्मा की कफ सिरप कोल्ड्रिफ से 25 बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इसके बाद फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों के गहरे गठजोड़ पर सरकार ने कार्रवाई शुरू की है।
इस मामले में 20 डॉक्टरों को नोटिस थमाए गए हैं, जिनमें सतना के डॉ. राजेश जैन, डॉ सुशील श्रीवास्तव सहित 20 डॉक्टरों के नाम भी शामिल है।
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि सतना,मैहर में अगर वर्तमान में डॉक्टरों की ईमानदारी से जांच कराई जाए, तो लगभग 80% डॉक्टर इस खेल में फंस सकते हैं, जिसमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र के चिकित्सक शामिल हैं।
फार्मा–डॉक्टर गठजोड़ की परतें
सूत्र बताते हैं कि कई वर्षों से फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों के बीच अघोषित समझौते चल रहे हैं। इस गठजोड़ के तहत डॉक्टर मरीजों को कंपनी की दवाएं प्रिस्क्राइब करते हैं, और बदले में कंपनी गिफ्ट, कमीशन और विदेशी यात्रा जैसी सुविधाएं देती है। 10 साल पहले यह खुलासा हुआ था कि फार्मा कंपनी यूएसवी लिमिटेड (USV Ltd.) ने
2014 में डॉक्टरों को इटली की सपरिवार यात्रा पर भेजा था, जो पूरी तरह कंपनी द्वारा स्पॉन्सर्ड थी।
10 साल बाद नोटिस-:
शिकायत: 28 अगस्त 2015, रायपुर के व्हिसलब्लोअर विकास तिवारी द्वारा दर्ज
आरोप: विदेश यात्रा का खर्च कंपनी ने उठाया, डॉक्टरों ने मरीजों को कंपनी की दवाएं प्रिस्क्राइब कीं
कार्रवाई: 10 साल तक फाइल दबाकर रखी गई
हालिया कदम: 30 सितंबर 2025 को 20 डॉक्टरों को नोटिस, जिसमें सतना के डॉ. राजेश जैन, से डॉ सुशील श्रीवास्तव भी शामिल
सतना, मैहर की वर्तमान स्थिति जांच से खुल सकता बड़ा जाल-:
स्थानीय सूत्रों के अनुसार यदि सतना मैहर के डॉक्टरों की पूरी जांच की जाए, तो लगभग 80% चिकित्सक किसी न किसी रूप में फार्मा कंपनियों से जुड़े पाए जाएंगे। इसमें सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर और निजी क्लीनिक संचालक दोनों शामिल हैं। फार्मा एजेंटों के कमीशन, गिफ्ट और विदेशी टूर का नेटवर्क व्यापक और गुप्त रूप से चल रहा है।