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आपदा पीड़ित किसानों को डिफॉल्टर घोषित कर खाद – बीज से वंचित करना खुला अत्याचार-पूर्व विधायक पटेल 

श्री पटेल ने, पीड़ित किसानों से ऋण वसूली की कार्यवाही स्थगित कर ब्याज माफी,ऋण वसूली किश्तों में करने और अविलम्ब खाद – बीज वितरण प्रारंभ करने की मांग की

तत्कालीन कमलनाथजी की कांग्रेस सरकार ने प्राकृतिक आपदा पीड़ित दोनों जिलों के 1 लाख 19 हजार 763 किसानों का 295 करोड़ रु ऋण माफ कर प्रदान की थी बड़ी राहत
नीमच,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नीमच क्षेत्र के पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल ने नीमच और मंदसौर जिलों के 58 हजार 889 किसानों को सहकारी बैंकों के डिफॉल्टर घोषित कर सोसायटियों से उनको खाद – बीज वितरण पर पाबंदी एवं उनके विरुद्ध मुकदमें  चला करऋण वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ करने कार्यवाही को खुला अत्याचार बताया हैं। श्री पटेल ने कहा कि,भाजपा सरकार की वादा खिलाफी और प्राकृतिक आपदा से तबाह हुए किसानों के विरुद्ध ऐसी सख्ती से भाजपा सरकार का कृषक विरोधी स्वरूप सांमने आ गया हैं।
यहां जारी बयान में नंदकिशोर पटेल ने कहा कि,पिछले कुछ वर्षों से लगातार सामने आ रहें विषम प्राकृतिक हालत के चलते किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है यह सर्वज्ञात तथ्य हैं। वर्ष 2018 ने भी प्राकृतिक प्रकोप के कारण नीमच और मंदसौर जिलों में फसलों को हुई भारी क्षति के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रतिकूल असर पड़ा था और वह ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं थे।
श्री पटेल ने याद दिलाया कि, नवम्बर 2018 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथजी ने किसानों के प्रति संवेदनशील और सहयोगी रुख का प्रदर्शन करते हुए 31 मार्च 2018 के दो लाख रु तक के कालातीत ऋण माफ करने के आदेश जारी किए थे। इस नीति से नीमच जिले के 69 हजार 186 और मंदसौर जिले के 1 लाख 36 हजार 021 मिला कर कुल 2 लाख 5 हजार 207 किसानों के ऋण की माफी स्वीकृत की गई थी।
श्री पटेल ने कहा कि, इस निर्णय पर पालन के स्वरूप नीमच जिले के 38 हजार 963 कृषकों के लगभग 89 करोड़ रु और मंदसौर जिले के 80 हजार 800 किसानों के लगभग 206 करोड़ रु और इस प्रकार दोनों जिलों के 1 लाख 19 हजार 763 किसानों के 295 करोड़ रु के ऋण की माफी होकर उनके खातों में राशि जमा भी हो गई थी।
 — इसी तारतम्य में दूसरे चरण के तहत पचास हजार रु से अधिक ऋण वाले नीमच जिले के 30 हजार 323 और मंदसौर जिले के 55 हजार 221 किसानों को मिला कर कुल 85 हजार 424 किसानों के ऋण माफी होकर उनके खातों में भी ऋण राशि के समायोजन की प्रक्रिया जारी थी।
लेकिन इसी दौरान षडयंत्र पूर्वक प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन से पुनः सत्ता में आई भाजपा सरकार ने कृषकों की ऋण माफी की प्रक्रिया को रोक दिया था जिससे नीमच और मंदसौर जिलों के ऋण माफी के पात्र 85 हजार 424 को ऋण माफी का लाभ नहीं मिल पाया था और अधिकांश किसान डिफॉल्टर हो गये।
श्री पटेल ने कहा कि, कायदे से भाजपा सरकार का यह नैतिक और वैधानिक दायित्व था कि वह कांग्रेस सरकार नीतिगत निर्णय को यथारूप पालन करते हुए शेष रहे कृषकों को भी ऋण माफी योजना से लाभांवित करें। किन्तु खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी होने का ढोल पीटने वाली भाजपा सरकार ने ऋण माफी तो दूर की बात बारम्बार घोषणा के बावजूद ब्याज की राशि तक माफ नहीं की।
ऋण चुकाने में असहाय पीड़ित किसानों को डिफॉल्टर घोषित कर किया सुविधाओं से वंचित–
श्री पटेल ने कहा कि, लगातार प्राकृतिक आपदा और कीट प्रकोप से फसलों को होने वाले नुकसान, अपर्याप्त मुआवजा न मिलने, बीमा राशि भी अटक जाने और मंडियों में फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलने जैसे विषम हालात के चलते आर्थिक रूप से विवश और असहाय किसान ऋण कैसे चुका सकता हैं यह किसानों के प्रति संवेदनशील होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री को समझना चाहिए।
श्री पटेल ने कहा कि, दावों और घोषणाओं के बिल्कुल विपरीत कदम उठाते हुए भाजपा सरकार ने नीमच और मंदसौर जिलों के 58 हजार 889 लाचार किसानों को सहकारी बैंकों का  डिफॉल्टर घोषित कर न केवल सोसायटियों से खाद – बीज की सुविधाएं देना बंद कर दी गई हैं बल्कि उनके विरुद्ध मुकदमें चला कर वसूली की कठोर कार्यवाही भी प्रारंभ की जा रही हैं।
 अविलम्ब ब्याज माफी और किश्तों में ऋण वसूली के आदेश जारी कर पीड़ितों को दें राहत –
श्री पटेल ने कहा कि, आपदा पीड़ित किसानों की असहायता और विवशता को अनदेखा कर उनको डिफॉल्टर घोषित करते हुए रबी फसल के लिए खाद – बीज से वंचित करना और सख्त वसूली की नीति बहुत अमानवीय, अन्यायपूर्ण और निष्ठुर हैं जो किसानों के प्रति भाजपा सरकार के दोहरे आचरण को उजागर करती हैं।
श्री पटेल ने मांग की है कि, नीमच और मंदसौर जिलों के निर्वाचित नेतागण डिफॉल्टर घोषित 58 हजार 889 किसानों की मजबूरी को समझे और मुख्यमंत्री के समक्ष प्रभावी पहल करते हुए सम्पूर्ण कर्ज नहीं तो कम से कम ब्याज की राशि को अविलम्ब माफ करवाते हुए किश्तों में ऋण वसूली के आदेश जारी करवाएं और आगामी फसल के लिए सोसायटियों से खाद – बीज वितरण भी सुलभ करवाने के प्रबन्ध सुनिश्चित करें।

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