मंदसौरमध्यप्रदेश

26-27 दिसंबर को छोटी काशी कि पावन धरा पर संतों का समागम, देश-भर के साधु-संतों का होगा पदार्पण 

तैयारियों को लेकर प्रदेश में बैठको का दौर जारी,5 नवंबर को अयोध्या में संतों की होगी बड़ी बैठक

सीतामऊ। छोटी काशी सीतामऊ की पावन धरा पर पहली बार राष्ट्रीय स्तर का संत समागम व धर्मसभा का आयोजन होने जा रहा है। आर्यावर्त षट् दर्शन साधु मंडल के तत्वाधान में राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर रामभूषण दास के निर्देशन में दो दिवसीय कार्यक्रम 26 और 27 दिसंबर को होगा। इसमें देशभर से साधु-संत, महात्मा, महामंडलेश्वर, कथाकार, आचार्य और महंत छोटी काशी कि पावन धरा पर पदार्पण होंगा।

संत समागम को लेकर बैठकें हुई प्रारंभ 

इसको लेकर आर्यावर्त सात दर्शन साधु मंडल के प्रदेश अध्यक्ष महंत जितेंद्र दास महाराज के द्वारा उज्जैन जिले के तराना में महामंडलेश्वर श्री रामेश्वर दास जी संस्था के प्रदेश प्रवक्ता के यहां श्री द्वारिकाधीश कुंड पर तथा मंदसौर जिले के मंदसौर शहर स्थित संस्था के प्रदेश उपाध्यक्ष महंत संत सेवकदास जी कि विशेष उपस्थिति में महंत रामकिशोर दास जी महाराज के यहां तीन छत्री बालाजी धाम मंदसौर में संत पुजारीयों कि बैठक आयोजित कि गई। जिसमें सीतामऊ छोटी काशी में आयोजित संत समागम में अधिक से अधिक संख्या में संत पुजारीगण सनातन धर्म प्रेमी को पधारने तथा व्यवस्था में सहभागिता करने का आवाहन किया गया।

भारतीय संस्कृति और धर्म संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर भी मंथन

संस्था के प्रदेश अध्यक्ष महंत जितेंद्र दास जी महाराज ने बताया कि संत महाकुंभ की आयोजन की तैयारियों को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि तैयारियां राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर शुरू शुरू हो गई हैं। अखिल भारतीय संत समागम के विस्तृत तैयारीयों लेकर संतों एक बड़ी बैठक 5 नवंबर को अयोध्या में होगी।

महंत जी ने आगे बताया कि इसमें देशभर के संत आयोजन की रूपरेखा पर चर्चा करेंगे। सीतामऊ में होने वाले इस धर्मसभा के मुख्य उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना, गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाना, हिंदू मठ-मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त करना और साधु-संतों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाना रहेंगे। इसके साथ ही भारतीय संस्कृति और धर्म संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर भी मंथन किया जाएगा। इस दो दिवसीय आयोजन में देशभर के संत, महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर, मठ-मंदिर प्रमुख और सभी अखाड़ों से जुड़े साधु-संतों को आमंत्रित किया जाएगा। आयोजकों का लक्ष्य है कि पहली बार सीतामऊ में मिनी कुंभ जैसा आयोजन किया जाने का लक्ष्य है, जो धार्मिक चेतना और एकता का प्रतीक बनेगा।

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