रतलामआलोट

आलोट ब्लाक के ग्राम जमुनिया शंकर में बुखार के अधिक मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन जांच उपचार दल भेजा 

आलोट ब्लाक के ग्राम जमुनिया शंकर में बुखार के अधिक मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन जांच उपचार दल भेजा 

 

किशनगढ़ ताल

ठाकुर शंभू सिंह तंवर

आलोट ब्लाक के ग्राम जमुनिया शंकर में बुखार के अधिक मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन कि टीम हरकत में आई और तुरंत जांच उपचार दल को भेजा गया।

कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों को आवश्यक सुधारात्मक एवं प्रतिबंधात्मक उपाय करने के निर्देश जारी किए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संध्या बेलसरे, जिला मलेरिया अधिकारी एवं मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी ब्लॉक आलोट डॉ देवेंद्र मोर्य तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्रीमती पूजा गुप्ता द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ देवेंद्र मौर्य ने लार्वा सर्वे टीम मे नो सदस्यों को नामांकित कर ग्रामीण क्षेत्र में सघन सर्वे कर बुखार के मरीजों की स्क्रीनिंग, जांच, उपचार सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित किया है। विभाग द्वारा आवश्यकता अनुसार फॉगिंग, स्प्रे आदि की कार्यवाही की जा रही है।

डेंगू बचाव संबंधी एडवाईजरी

डेंगू क्या हैः- डेंगू डेन वायरस से फैलने वाला संचारी रोग है। जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है ,यह मच्छर दिन के समय प्रायः सुबह व शाम के समय काटता है, डेंगू का कोई टीका या दवा नहीं है, अतः एडीज मच्छर के काटने से बचाव एवं संक्रमित मच्छरों के लार्वा का विनिष्टीकरण ही इसका एकमात्र उपाय है। एक बार शरीर में डेन वायरस का संक्रमण होने के बाद डेंगू बुखार के लक्षण 5-6 दिन पश्चात प्रकट होते है। इस हेतु घबराने की जरूरत नहीं होती है इस अवस्था में रोगी को मच्छरदानी में पूर्ण आराम करने व जल उपचार (जैसे शिकंजी, नींबू, पानी, ओ.आर.एस. नारियल पानी, ग्लुकोस इत्यादि के द्वारा शरीर में जल की पूर्ति करने की सलाह दी जाती है।

डेंगू बीमारी के लक्षणः– सामान्य प्रकार के डेंगू में तेज सिरदर्द, आँखों के नीचे की और दर्द शरीर पर लाल चकते या दाने, जोडों व पेशियों में दर्द होना दिखाई देता है। जब डेंगू घातक अवस्था में पहुँचता है तो उक्त लक्षणों के साथ-साथ मसुडों व आतों से रक्त का स्त्राव होना अथवा खुन में प्लेटलेट का कम होना लक्षण पाये जाते है, इसमें तत्काल मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार लेना चाहियें।

डेंगू से बचावः-डेंगू मच्छर के लार्वा घर के साफ पानी में पनपते है ,अतः बचाव हेतु घरों में लम्बे समय तक बर्तनों में जल संग्रह न करे, कुलर की पुरानी घास जला दें क्योंकि पुरानी घासों में डेंगू मच्छर के अण्डे सुखी अवस्था में जीवित रहते है तथा कुलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य ही खाली करें। घर के अन्दर रखें बर्तनो पक्षियों के सिकोंरो व मवेशियों को पानी पिलानें के टंकियो व कंटेनरो की साफ सफाई रखें। घर के आसपास पानी जमा न होने दें। निकासी की व्यवस्था करे निकासी न होने पर उसमे जला हुआ तेल/केरोसीन डाल दे संक्रमण काल को देखते हुये स्वयं एवं स्कुली बच्चों को फुल अस्तीन के कपड़े पहनायें क्योंकि बच्चों में प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होने के कारण यह सबसे पहले बच्चों/वृद्धों को अपना शिकार बनाता है। घर की खिड़कियों दरवाजों पर मच्छरप्रुफ जाली लगायें तथा घर में मच्छर भगाने वाली मेट, काइल, लिक्विड का उपयोग अवश्य करे तथा सोते समय मच्छरदानी अवश्य लगायें।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या बेलसरे द्वारा बताया गया कि डेंगु को खत्म करने के लिये हमें घर से शुरूआत करनी पड़ेंगी, घर में जमा पानी की निकासी व मच्छर से बचाव के तरीके अपनाने होंगे। यदि डेंगू बीमारी के लक्षण दिखते है तो तत्काल शासकीय जिला चिकित्सालय व शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम में जाकर चिकित्सक से परामर्श, निःशुल्क जाँच एवं उपचार ले।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon
Whatsapp
ज्वॉइन करें
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}