नई दिल्लीदेश

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कई यूनिवर्सिटी के खिलाफ उठाया सख्त कदम 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कई यूनिवर्सिटी के खिलाफ उठाया सख्त कदम 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कई यूनिवर्सिटी के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। सार्वजनिक स्व-प्रकटीकरण सूचना अपलोड न करने के आरोप में डिफ़ॉल्टर घोषित किया गया है। इन विश्वविद्यालयों ने अपनी वेबसाइट के होमपेज पर फाइनेंस, शैक्षणिक, इन्फ्रस्ट्रक्चर समेत कई जानकारी अपलोड नहीं की। यूजीसी ने ऑफिशियल वेबसाइट www.ugc.gov.in पर इस कार्रवाई से संबंधित नोटिस भी जारी किया है।

दरअसल, यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा के तहत सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए अपने आधिकारिक वेबसाइट पर एडमिनिस्ट्रेशन (जैसे की प्रिंसिपल, रजिस्ट्रार, फाइनेंस, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन इत्यादि), अकादेमिक (कोर्स, कैलेंडर आदि), एडमिशन प्रोसेस, फीस, रिफंड पॉलिसी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल, स्पोर्ट्स-हॉस्टल सुविधा, पिक्चर गैलरी, कॉन्टेन्ट डिटेल, लोकेशन, ऐड्रेस और अन्य जानकारी अपलोड करना अनिवार्य होता है। लेकिन इस लिस्ट में शामिल विश्वविद्यालय नियमों का सही से अनुपालन करने में विफल रहे।

15 दिनों में पूरा करें जरूरी काम

डिफ़ॉल्टर लिस्ट में 14 राज्यों के 37 विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है। दिशा निर्देशों का पालन करने का निदेश जारी किया गया है। जिसके लिए दो सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है। यूजीसी ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि सही समय पर काम पूरा न करने पर इन संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

एमपी के ये कॉलेज लिस्ट में शामिल

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, भोपाल

आर्यावर्त यूनिवर्सिटी, सीहोर मध्य प्रदेश

डॉ प्रीति ग्लोबल यूनिवर्सिटी, शिवपुरी मध्य प्रदेश

ज्ञानवीर यूनिवर्सिटी, सागर मध्य प्रदेश

जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल मध्य प्रदेश

एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, इंदौर

महाकौशल विश्वविद्यालय, जबलपुर

महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय, जबलपुर

मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सीहोर

शुभम यूनिवर्सिटी, भोपाल

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इन 2 कॉलेजों को फेक घोषित किया गया

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने केरल के कालीकट में स्थित इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ पोपेटिक मेडिसिन को फेक बताया है। इस संस्थान को यूजीसी ने डिग्री प्रदान करने की मान्यता प्रदान नहीं की है। इसलिए छात्रों और अभिभावकों को यहां दाखिला न लेने की सलाह दी गई है। इसके अलावा बेंगलुरु के इंदिरानगर में स्थित “एमवर्सिटी” नाम से संचालित एक संस्थान, जो 082, शोभा मिलेनियम, 12वीं में रोड स्टेज-2, अप्पारेडिप्लिया को भी फर्जी बताया है। यह सम्बद्ध केंद्रों के साथ मिलकर निजी विश्वविद्यालय और मनित विश्वविद्यालय के साथ फ्रेंचाइजी, सहयोग या समझौते के जरिए डिग्री कार्यक्रम को संचालित कर रही है, जो नियमों के खिलाफ है। डिग्रियों को अमान्य माना जाए!

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