समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 08 अक्टूबर 2025 बुधवार

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सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने ग्राम गुर्जर बर्डिया में पशुपालकों से किया संवाद
दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान की बताई महत्वता
मंदसौर 7 अक्टूबर 2025/ सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने आज ग्राम गुर्जर बर्डिया में पहुंचकर पशुपालकों से संवाद किया और उन्हें “दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान” के उद्देश्यों एवं महत्व से अवगत कराया।
सांसद श्री गुप्ता ने कहा कि दुग्ध उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से न केवल किसान और पशुपालक की आमदनी बढ़ती है बल्कि ग्रामीण परिवारों को सतत रोजगार भी प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे दुग्ध समृद्धि अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक पशुपालक को वैज्ञानिक ढंग से पशुपालन, दुग्ध संग्रहण और विपणन से जोड़ना है, ताकि उत्पादन और आमदनी दोनों में वृद्धि हो सके।
श्री गुप्ता ने पशुपालकों से संवाद के दौरान कहा कि अब समय आ गया है कि पारंपरिक पशुपालन को आधुनिक तकनीक और नवाचार के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि जिले में दुग्ध सहकारी समितियों को मज़बूत करने, पशुओं के लिए टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, पशु आहार की गुणवत्ता सुधार तथा दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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छिंदवाड़ा जिले में जहरीली कफ सिरप से 16 बच्चों के निधन पर 9 अकटुम्बर शाम 6 बजे कैंडल मार्च में भाग ले— श्री गुर्जर
मंदसौर। छिंदवाड़ा जिले में विगत दिनों जहरीली कफ सिरप से 16 मासूम बच्चों की दुःखद मृत्यु हो गई है और कई बच्चें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह गुर्जर ने मासूम बच्चों की मौत पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा कि इस दुःखद घटना के विरोध में दिनांक 9 अकटुम्बर को शाम 6 बजे गांघी चौराहा मंदसौर पर कैंडल मार्च निकालकर स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की जावेगी। श्री गुर्जर ने समस्त कांग्रेसजनों से कैंडल मार्च में भाग लेने का अनुरोध किया है।
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संदिग्ध कफ सिरप को लेकर औषधि विक्रेताओं की साथ बैठक संपन्न
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले में औषधि विक्रेताओं के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी विक्रेताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। निर्देशित किया गया कि सभी औषधि विक्रेता केवल पंजीकृत चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन पर ही दवा प्रदान करें।
बैठक के पश्चात जिला अस्पताल के सामने स्थित सेंट्रल मेडिकल एवं कैश फार्मा पर निरीक्षण किया गया, जहां से कफ सिरप के सैंपल जांच हेतु लिए गए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार छिंदवाड़ा में जिस कफ सिरप से घटना हुई है, वह कफ सिरप मंदसौर जिले में सप्लाई नहीं हुई है। उक्त कफ सिरप की निर्माता कंपनी का कोई भी स्टॉकिस्ट मंदसौर जिले में नहीं पाया गया है।
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90 दिवसीय विशेष अभियान के तहत DLSA मंदसौर ने 88 प्रकरणों का सुलह के माध्यम से निराकरण किया
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) एवं उच्चतम न्यायालय की मेडिएशन एंड कन्सिलीएशन प्रोजेक्ट कमेटी (MCPC) के निर्देशानुसार संपूर्ण भारत में “Mediation for the Nation” शीर्षक से 90 दिवसीय विशेष अभियान का आयोजन 1 जुलाई 2025 से 7 अक्टूबर 2025 तक किया गया।
इस अभियान का उद्देश्य लंबित प्रकरणों का मध्यस्थता के माध्यम से सौहार्दपूर्ण समाधान करना तथा न्यायिक प्रक्रिया में त्वरित, सुलभ एवं प्रभावी न्याय सुनिश्चित करना रहा।
मध्यप्रदेश राज्य में इस विशेष अभियान के दौरान कुल 4,552 प्रकरणों का सुलह एवं आपसी सहमति के माध्यम से निपटारा किया गया, जिनमें अनेक लंबित, पुराने एवं संवेदनशील प्रकरण सम्मिलित थे।
इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर द्वारा कुल 88 प्रकरणों का सफलतापूर्वक मध्यस्थता से निराकरण किया गया। इन मामलों में मुख्यतः –
• पारिवारिक विवाद,• मोटर दुर्घटना दावा,• घरेलू हिंसा,• चेक बाउंस,• उपभोक्ता विवाद,• ऋण वसूली,• विभाजन, बेदखली,• भूमि अधिग्रहण तथा अन्य नागरिक विवाद सम्मिलित रहे।
यह उल्लेखनीय है कि इस अभियान ने मध्यस्थता को एक प्रभावी, किफायती एवं समय की बचत करने वाला विवाद समाधान का सशक्त माध्यम सिद्ध किया है। इससे न केवल न्यायालयों पर भार कम हुआ है, बल्कि पक्षकारों को शीघ्र न्याय एवं आपसी संतोष भी प्राप्त हुआ है।
इस अभियान का मूल उद्देश्य समाज में समरसता, संवाद एवं सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करना रहा।
DLSA मंदसौर मध्यस्थता, संवाद एवं सहयोग की शक्ति के प्रति दृढ़ संकल्पित है तथा भविष्य में भी ऐसे प्रयास निरंतर जारी रखेगा, जिससे आमजन को शीघ्र, सुलभ एवं संतुलित न्याय प्राप्त हो सके।
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जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी, हमें यह विश्वास बनाए रखना है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रदेश में हमने स्थापित की है जवाबदेह शासन व्यवस्था
सुशासन और समावेशी विकास पर दिया बल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस का शुभांरभ
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी लोक सेवकों से प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास के लिए प्राण-प्रण से कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सर्वांगीण विकास और जनता के कल्याण के लिए शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर मिशन मोड में कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित की है। लोक सेवकों का यह दायित्व है कि वे अपनी प्रतिभा, लगन, क्षमता और समर्पण के साथ जनता तक योजनाओं का अधिकतम लाभ पहुंचाएँ। हम सब देश और समाज के विकास का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कलेक्टर्स-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन और अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री संजय कुमार शुक्ल ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे विकास और कल्याण की किरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासन का अंतिम उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना है। राज्य सरकार सबके साथ, सबके लिए खड़ी है। जनता में यह विश्वास पैदा करना ही सुशासन का सबसे बड़ा उद्देश्य है। प्रदेश में जनता का विश्वास हमें मिल रहा है। यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें यह जनविश्वास हर हाल में बनाए रखना है।
योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से मिले जनता को
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में इसी बात पर मंथन किया जाएगा कि शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत कैसे बनाया जाए, जिससे योजनाओं का लाभ और अधिक शीघ्रता से जनता तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में तैनात अधिकारी अपने काम और नवाचार से अपनी पहचान कायम करें। किसी भी ज्वलंत विषय पर पूरी दक्षता और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें। स्थानीय जनता, मीडिया और जनप्रतिनिधियों से निरंतर आत्मीय संवाद बनाए रखें। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि परमात्मा ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह इस दायित्व का निर्वहन करना ही चाहिए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से उनका बेहतर क्रियान्वयन करें, लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को अधिकतम लाभ मिले।
गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट की ओर हों अग्रसर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि लोकतंत्र एवं जनकल्याण में हम सबकी महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट भूमिका है। फील्ड में तैनात अधिकारियों की बड़ी जिम्मेदारी है कि जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिले। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस से हम ग्रेट रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं और हम सभी को इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश तेज़ी से विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने परफॉर्म, रिफार्म एंड ट्रांसफॉर्म के रूप में जन सेवा का मंत्र दिया है। आप सभी इस मंत्र को आत्मसात करते “विकसित और आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण के लिए “विकसित और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” का निर्माण करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कलेक्टर्स ऐसे जनहितैषी कार्य करें, जो आने वाले समय में जिले की जनता को याद रहें। अपने कार्यकाल का एक-एक क्षण जन-कल्याण में लगाएं और प्रदेश को नई ऊंचाईयों में ले जाएं। उन्होंने कहा कि नवाचार ऐसे हों, जो दीर्घकालिक हों। जिस विभाग से संबंधित नवाचार हो, उसकी पूरी कार्ययोजना विभाग से अनुमोदित हो, जिससे वह नवाचार स्थाई हो सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हमारे प्रदेश ने उत्कृष्ट कार्य किया है। दाल, मसाले एवं टमाटर उत्पादन में हम देश में प्रथम स्थान पर हैं। गेहूं, मक्का और मिर्च में दूसरे स्थान पर हैं। दुग्ध उत्पादन में हमारा चौथा स्थान है। अब हम विभिन्न प्रयासों से प्रदेश को दुग्ध कैपिटल बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। दुग्ध उत्पादन में हमारा देश में योगदान 9 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत तक ले जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हम किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहे हैं, इस लक्ष्य का मार्ग सिंचाई ही है। सभी अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही सिंचाई परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर ध्यान देने के साथ सिंचित रकबा बढ़ाने की दिशा में प्रयास और नवाचार करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य की पूर्ति करते हुए प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को उच्च गुणवत्ता रोजगारोन्मुख एवं मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। हमारा लक्ष्य न केवल शत प्रतिशत साक्षरता है बल्कि शालाओं में नामांकन दर को बढ़ाना भी अति आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को गुड गवर्नेस लाभ दिलाने के लिए व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है, तो वह भी जरूर करें। जिलों में तैनात सभी अधिकारी लगातार दौरे करें, किसी गांव में रात्रि विश्राम भी करें। फील्ड दौरों में छात्रावास, स्कूल, आंगनबाड़ी, राशन दुकान, निर्माण कार्यों, हॉस्पिटल आदि का औचक निरीक्षण भी करें।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि सभी फील्ड अधिकारी जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता से सतत संवाद अनिवार्य रूप से बनाए रखें। आमजन से मिलने की व्यवस्था और जनसुनवाई को और भी बेहतर बनाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में कई बार स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया में नकारात्मक खबरें छपती हैं, इनको वेरीफाई कर इनका तत्काल खंडन किया जाना चाहिए। आज सोशल मीडिया की पहुंच जन-जन तक है। शासन के द्वारा किए जा रहे लोक-कल्याणकारी कार्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स-कमिश्नर से आह्वान करते हुए कहा सिंहस्थ-2028 मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक सम्पन्नता को दुनिया के सामने लाने का बहुत बड़ा अवसर है। सिंहस्थ में आने वाला हर श्रद्धालु मध्यप्रदेश के वैभव को देखे, इसके लिए हमें अभी से प्रयास करने होंगे। सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में सांस्कृतिक और धार्मिक विरासतों के उद्धार एवं सौंदर्याकरण पर ध्यान दें। यह सुनिश्चित करें कि आपके क्षेत्र के स्थल दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करें। जिन जिलों में धार्मिक लोक, राम-वन-गमन पथ, कृष्ण पाथेय का निर्माण होना है, वह सिंहस्थ से पहले पूर्ण हों। दूर-दूर से आए श्रद्धालु उज्जैन के साथ प्रदेश के अन्य स्थलों का भी भ्रमण करेंगे। इस दौरान वे प्रदेश की अविस्मरणीय छवि अपने साथ लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह अवसर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं आय के ऐतिहासिक स्त्रोत बनेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कांन्फ्रेंस के ये दो दिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह दो दिन प्रदेश की 8 करोड़ से अधिक जनता एवं प्रदेश के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास जताया कि शासन ने जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं, वह फील्ड अधिकारियों की मेहनत एवं प्रतिबद्धता से हम अवश्य प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम सब मिलकर संकल्प लें कि आने वाले समय में अपने प्रदेश को सुशासन, विकास एवं आम जनता की संतुष्टि के विषय में अग्रणी राज्य बनायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में सुशासन की नई क्रांति का जन्म हुआ है। उम्मीद है कि सभी कलेक्टर्स इसी प्रकार सकारात्मक कार्य करते रहेंगे। सभी अधिकारी प्रोफेशनल एप्रोच के साथ प्रोग्रेसिव, एनर्जेटिक और एफीशिएन्ट भी बनें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि के क्लस्टर्स ऐसे बने जिससे प्राकृतिक खेती-किसानी और पशुपालन दोनों क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिले।
मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में, विकसित मध्यप्रदेश @2047 पर कार्य हो रहा है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि विजन संबंधी दस्तावेज शीघ्र ही लॉन्च होने वाला है। श्री जैन ने कहा कि सम्पन्न, सुखद एवं सांस्कृतिक मध्यप्रदेश, विजन डॉक्यूमेंट का ध्येय है। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस में विजन के कार्य बिंदु निकाले गए हैं। चर्चा को 8 समूहों में बांटा गया है। सभी को मिलकर काम करना होगा, तभी प्रदेश आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक बनने के बाद 7 करोड़ से अधिक लोग उज्जैन आए, इससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई। हमें संपूर्णता से देखना होगा। अलग- अलग सेक्टर बनाए गए हैं। गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर केंद्रित, ज्ञान मिशन पर केन्द्रित विजन डॉक्यूमेंट पर क्रियान्वयन महत्वपूर्ण है।
मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं को हाइलाइट किया जाएगा। ओपन हाउस का समय बढ़ाया गया है। श्री जैन ने कहा कि हो सकता है कोई एक समस्या से जूझ रहा है और किसी और के पास उस समस्या का समाधान है, इसमें फॉलोअप की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक माह में दो बार वर्चुअल कॉन्फ्रेंस होगी। श्री जैन ने कहा कि जिले का बेहतर परिणाम तभी सुनिश्चित होगा जब सभी स्तर के अधिकारी-कर्मचारी मिलकर टीम के रूप में काम करेंगे। अच्छा संवाद होगा तो अच्छा हल निकलेगा। जिले में समस्याओं को हल करने के लिए, आम जनता के मध्य संवाद बनाएं रखना सुनिश्चित हो। किसी तरह की समस्या होने पर अपने नीचे के अधिकारियों से भी संवाद करना चाहिए। श्री जैन ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर भी गंभीरतापूर्वक ध्यान दिया जाना चाहिए। श्री जैन ने कहा कि प्रशासनिक तंत्र, जनता को संवेदनशीलता के साथ सुने आधुनिक तकनीक का उपयोग करें एवं नवाचार की दिशा में भी आगे बढ़ें। श्री जैन ने कहा कि कम से कम दो शासकीय दिवसों का उपयोग क्षेत्रीय भ्रमण सेक्टोरल टूरिंग में करें। रात्रि विश्राम करें एवं रिचार्ज होकर क्षेत्र में क्रियान्वयन करें। अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री संजय शुक्ल ने व्यवस्थाओं पर जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री संजय कुमार शुक्ला सहित सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर्स, सीईओ जिला पंचायत, सहित शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं जिलों के अधिकारी उपस्थित थे।
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श्री बड़े बालाजी मंदिर समिति अध्यक्ष पं. दिलीप शर्मा एवं प्रवक्ता रवि ग्वाला ने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी सीताराम महोत्सव को भक्तों में उत्साह है। भगवान बालाजी को अर्पित करने के लिये सवा क्विंटल का विशाल लड्डू बनाया जा रहा है। जिसका भगवान को भोग लगाया जाएगा। साथ ही बालाजी का भगवान जगन्नाथजी के स्वरूप में आकर्षक श्रृंगार कर स्वर्ण तिलक लगाया जाएगा। साथ ही ढोल ढमाकों और और आतिशबाजी के साथ महाआरती आयोजित होगी। इस दौरान भजन संध्या का आयोजन भी होगा जिसमें भजन गायक हीना डांगी, सतीश हाड़ा, नरेश चौहान द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी।
मंदिर समिति के अध्यक्ष पं. दिलीप शर्मा, सदस्यगण अनिल कियावत, विनय दुबेला, नरेश चंदवानी, दिनेश जोशी (ऊँ शांति), विनोद रूनवाल (ज्योतिष), सज्जनलाल खमेसरा, नारायण पालीवाल, अनिल सुराह, महेन्द्रसिंह सिसोदिया, शिवशंकर सोलंकी, अनूप माहेश्वरी, मुकेश कुमावत, कपिल सोलंकी, राजाराम तंवर, जीवनलाल गोसर, वरदीचंद कुमावत, मुन्ना बैटरी आदि ने सभी बालाजी भक्तों से सीताराम महोत्सव सम्मिलित होने का आग्रह किया है।
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कलेक्टर्स किसानों को प्राकृतिक एवं जैविक खेती के लिये करें प्रोत्साहित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
उपज विक्रय के लिये किसानों को उपलब्ध कराएं मार्केट
मंडी में सोयाबीन की नीलामी पर रखें निगरानी, किसानों को दिलाएं भावान्तर का लाभ
कृषि एवं संबद्ध सेक्टर्स पर हुआ कॉन्फ्रेंस का पहला सत्र
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारा प्रदेश कृषि उपज पर आधारित है। इसलिए सरकार का मूल लक्ष्य प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा देना और कृषि फसलों की तुलना में उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाना है। हमें इन क्षेत्रों में उद्यमिता के नए अवसर भी बनाने हैं। सभी कलेक्टर्स अपने-अपने जिलों में 100-100 किसानों को प्राकृतिक और जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही किसानों को उपज विक्रय के लिये मार्केट भी उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर को कृषि उपज मंडी में सोयाबीन फसल की नीलामी पर सघन निगरानी रखने और भावान्तर योजना से किसानों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस-2025 के पहले सत्र ‘कृषि एवं संबद्ध सेक्टर्स’ को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे ग्रामीण युवा आने वाले समय में कृषि उद्यमी बनें, इसके लिए हमें मिल-जुलकर प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि खेती को जैविक खेती की ओर ले जाना एक बड़ी चुनौती है, पर हमें यह चुनौती भी पार करनी ही होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री अन्न अर्थात मिलेट्स को प्रोत्साहन देकर इनकी उपज को लगातार बढ़ाना भी हमारा लक्ष्य है, हमें इस दिशा में भी ठोस प्रयास करने होंगे। किसानों को परंपरागत खेती से शिफ्ट कर उद्यानिकी, दुग्ध उत्पादन एवं मत्स्य पालन जैसे आमदनी बढ़ाने वाले कार्यों की ओर लेकर जाना है। प्रदेश में केला, संतरा, टमाटर एवं अन्य उद्यानिकी की फसलें बड़ी मात्रा में होती हैं। हमें इनके स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण एवं बड़े बाजारों तक मार्केटिंग की व्यवस्था भी करनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों में उर्वरक की खपत सिर्फ वैज्ञानिक आधार पर ही होनी चाहिए। यदि नहीं हो रही है तो इस पर नियंत्रण जरूरी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी कलेक्टर्स अपने-अपने जिलों में साप्ताहिक मार्केट, हाट बाज़ारों में प्राकृतिक एवं जैविक खेती की उपज का विक्रय सुनिश्चित करें। साथ ही किसानों को नकद फसलों की खेती के लिए समझाइश देकर प्रोत्साहित करें। इसके लिए अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर जिलों में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित कर उसका रिकार्ड रखें और उनकी प्राकृतिक खेती के लाभों का अध्ययन भी करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में उद्यानिकी फसलों अर्थात् बागवानी को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने गुना जिले में गुलाब की खेती किए जाने की प्रशंसा करते हुए कहा कि वहां के किसानों ने बड़ा ही प्रगतिशील कदम उठाया है। प्रदेश के सभी धार्मिक शहरों में भी गुलाब की खेती को बढ़ावा दिया जाये, जिससे गुलाब उत्पादन की खपत स्थानीय स्तर पर किया जा सके।
भावान्तर योजना का करें प्रचार-प्रसार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भावान्तर योजना का भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करें। इस योजना का सर्वाधिक लाभ किसानों को मिलना है और यह बात उन तक पहुंचनी भी चाहिए। भावान्तर योजना के समुचित क्रियान्वयन के लिये सभी कलेक्टर पूरी मेहनत और समर्पण से किसानों को इसका अधिकतम लाभ दिलाएं।
पराली/नरवाई जलाने की घटनाओं पर लगाएं सख्त अंकुश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पराली पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में पराली/नरवाई जलाने की घटनाओं पर सख्ती से अंकुश लगाएं। इसके लिए सक्रिय नियंत्रण तंत्र विकसित करें और ऐसी घटनाओं पर विशेष फोकस कर निगरानी भी बढ़ाएं। कलेक्टर्स कृषि विभाग का सहयोग लेकर किसानों को पराली/नरवाई न जलाने की समझाइश दें। किसानों को पराली निष्पादन के दूसरे विकल्पों के बारे में बताया जाए, जिससे वे पराली जलाने की ओर प्रवृत्त ही न हों।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने दिया प्रेजेंटेशन
कृषि एवं संबद्ध सेक्टर्स सत्र का संचालन कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अशोक वर्णवाल ने किया और प्रेजेंटेशन दिया। इस सत्र में प्राकृतिक खेती के प्रचार, जलवायु अनुकूल फसलों, उद्यानिकी फसलों के उत्पादन, उत्पादकता केंद्रित क्लस्टर, सूक्ष्म सिंचाई, मत्स्य पालन के लिए केज कल्चर और सेलेक्टिव ब्रीडिंग, फसल अवशेष प्रबंधन, खाद एवं बीज व्यवस्था, सोयाबीन के लिए भावांतर भुगतान योजना, दुग्ध उत्पादन और गौशाला प्रबंधन जैसे विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वर्णवाल ने फसल अवशेष प्रबंधन (पराली निष्पादन नियंत्रण) को सरकार की विशेष प्राथमिकता बताते हुए इस प्रयोजन के लिए कलेक्टर्स को गांव-गांव कृषक संगोष्ठियों के आयोजन और हैप्पी सीडर, सुपर सीडर एवं बेलर जैसे उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने कहा कि जिलों में स्वीकृत कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं। सत्र में रबी 2025-26 के लिए उर्वरक व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। सत्र में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं सहकारिता (मत्स्योद्योग) विभाग के सचिवों ने भी अपनी विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी।
पांच जिलों में हो रहा कृषि एवं उद्यानिकी पर बेहतरीन काम
सत्र में प्रदेश के 5 जिलों के कलेक्टर्स ने अपने-अपने जिलों में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों का उल्लेख किया। गुना कलेक्टर ने गुलाब क्लस्टर डेवलपमेंट के बारे में बताया। हरदा कलेक्टर ने प्राकृतिक एवं जैविक खेती के प्रोत्साहन किए गए प्रयासों की जानकारी दी। शाजापुर कलेक्टर ने खाद वितरण के लिए टोकन प्रणाली विकसित करने के बारे में बताया। श्योपुर कलेक्टर ने फसल अवशेष प्रबंधन (पराली निष्पादन नियंत्रण) की बेहतर व्यवस्था की जानकारी दी। खंडवा कलेक्टर ने जिले में सफलतापूर्वक गौशाला संचालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र के अंत में जिलों के कलेक्टर्स एवं कमिश्नर्स ने प्रदेश की कृषि उत्पादन नीति के प्रभावी क्रियान्वयन और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सुझाव भी दिए।
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स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के साथ कमियों को दूर करने का करें प्रयास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
स्वास्थ्य एवं पोषण पर कलेक्टर्स के साथ हुआ व्यापक संवाद
कलेक्टर्स ने साझा किये अपने जिलों के नवाचार
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक नई सुविधाए प्रारंभ की गई हैं। कमियों को दूर करने का पूरा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला कलेक्टर्स से आयुष्मान कार्ड धारकों को पूरा लाभ दिलाने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं पहुंच को आसान बनाने की बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जिलों में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किये जा रहे हैं। पीपीपी मॉडल पर भी अनेक कॉलेज प्रारंभ हुए हैं। वर्तमान में तीस से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। शीघ्र इनकी संख्या 50 हो जाएगी। प्रदेश के लगभग प्रत्येक जिले के नागरिकों को मेडिकल कॉलेज की सुविधाओं का प्राप्त लाभ प्राप्त हो रहा है। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है, उसे अंतिम रूप देकर भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में नागरिकों के हित में सर्वाधिक अनुकूल वातावरण निर्माण का प्रयास है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिन द्वितीय सत्र ‘स्वास्थ्य एवं पोषण’ को संबोधित कर रहे थे।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री संदीप यादव ने राज्य में स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति को सुदृढ़ करने कलेक्टर्स के साथ विस्तृत चर्चा की। सत्र में मातृ-शिशु स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग (एनसीडी), क्षय उन्मूलन और सिकल सेल उन्मूलन के लिए ठोस रणनीति पर विमर्श किया गया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री यादव ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की दिशा में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत शिशुओं, किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं की नियमित हीमोग्लोबिन जांच सुनिश्चित की जाए। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (VHSND) में गुणवत्तापूर्ण जांच, टीकाकरण और ANMOL 2.0 पर सटीक डेटा एंट्री की व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान, उपचार और बर्थ वेटिंग होम्स में सुरक्षित प्रसव की अनिवार्यता पर जोर दिया।
प्रमुख सचिव श्री यादव ने कहा कि पोषण ट्रैकर के प्रभावी उपयोग, छह माह तक केवल स्तनपान, मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम (MMBASK) के अंतर्गत कुपोषित बच्चों के प्रबंधन तथा आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह आधारित सेवाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और प्रसूति सहायता योजनाओं के भुगतान में समयबद्धता बनाए रखना सुनिश्चित करें। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम के लिए प्रमुख सचिव श्री यादव ने उच्च रक्तचाप, मधुमेह, फैटी लीवर और तीन प्रमुख कैंसर की स्क्रीनिंग को अनिवार्य बताया। उन्होंने एनसीडी पोर्टल पर सभी प्रविष्टियों की अद्यतन स्थिति बनाए रखने, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, ईट राइट अभियान, तेल की खपत में 10 प्रतिशत कमीं, फिट इंडिया और योग जैसी गतिविधियों के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाने पर बल दिया।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि क्षय उन्मूलन के लिए एक्स-रे और अन्य मशीनों से जांच की जाए, निक्षय पोर्टल पर सभी प्रकरणों की सूचना दर्ज हो, उपचार और फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाए तथा निक्षय मित्रों के माध्यम से पोषण सहायता और डीबीटी समय पर प्रदान की जाए। इसी प्रकार, सिकल सेल उन्मूलन अभियान के अंतर्गत स्क्रीनिंग, कार्ड वितरण, हाइड्रोक्सीयूरिया दवा की उपलब्धता, न्यूमोकोकल वैक्सीनेशन और सिकल मित्र पहल के माध्यम से जनभागीदारी और काउंसलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभागों के बीच संयुक्त कार्ययोजना बनाकर समन्वय को सशक्त करें। VHSND के गुणवत्तापूर्ण आयोजन, उपकरणों के सार्थक उपयोग, e-KYC और DBT सक्षमता, PMSMA संचालन, नवजातों के गृह आधारित फॉलो-अप, मातृ एवं शिशु मृत्यु की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग, ईट राइट, फिट इंडिया, योग और खेलकूद के माध्यम से जन-जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि सुपोषित ग्राम पंचायतों के लिए स्थानीय खाद्य विविधता को प्रोत्साहित करने, आंगनवाड़ी केंद्रों के नियमित संचालन, डेटा सत्यापन, और सिकल मित्र तथा निक्षय मित्र के माध्यम से फूड बास्केट वितरण जैसी गतिविधियों को परिणाममुखी बनाया जाये।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों ने दीं अपनी प्रस्तुतियाँ
बालाघाट ने शिशु एवं मातृ मृत्यु दर नियंत्रण पर, झाबुआ ने स्वास्थ्य एवं पोषण सुधार प्रयासों और मंदसौर ने सम्पूर्ण स्वास्थ्य मॉडल पर प्रेजेन्टेशन देते हुए अपने अनुभव साझा किए।
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दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान 9 अक्टूबर तक चलेगा
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ उप संचालक, पशु पालन विभाग द्वारा बताया गया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और पशुपालकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेशभर में दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान 9 अक्टूबर 2025 तक चलाया जाएगा।
इस अभियान के अंतर्गत पशुपालकों एवं किसानों को कृत्रिम गर्भाधान, नस्ल सुधार, सेक्स सॉर्टेड सीमन तकनीक, एम्ब्रियो ट्रांसफर तकनीक, पशु पोषण, बीमारियों से बचाव एवं टीकाकरण संबंधी जानकारी दी जाएगी।
अभियान का उद्देश्य पशुपालकों को आधुनिक तकनीकों से जोड़कर पशुधन की उत्पादकता बढ़ाना तथा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना है। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार का संकल्प पशुपालकों की आय दोगुनी करने का साकार होगा।
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बिना एचएसआरपी वाहन मालिक नहीं कर पाएँगे आरसी, फिटनेस और परमिट नवीनीकरण : आरटीओ श्री यादव
वाहन मालिकों से अपील, जल्द लगवाएँ एचएसआरपी
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री वीरेंद्र यादव द्वारा बताया गया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशानुसार जिले के सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) अनिवार्य कर दी गई है। जिन वाहनों पर एचएसआरपी नहीं होगी, उन्हें कई प्रकार की परिवहन सेवाओं से वंचित रहना पड़ेगा।
1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत सभी वाहनों पर एचएसआरपी लगवाना आवश्यक है। इसके बाद पंजीकृत वाहनों में यह प्लेट पहले से अनिवार्य कर दी गई है। यदि वाहन मालिक निर्धारित समयावधि में अपने वाहनों पर एचएसआरपी नहीं लगवाते हैं तो संबंधित शो-रूम डीलर का ट्रेड लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है।
एचएसआरपी न होने पर वाहन मालिकों को निम्नलिखित सेवाएँ उपलब्ध नहीं होंगी
डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) के लिए आवेदन, पंजीकरण प्रमाण पत्र में पता परिवर्तन, शुल्क देकर आरसी विवरण देखना, मोटर वाहन के स्वामित्व में परिवर्तन, हाइपोथिकेशन जोड़ना/हटाना, अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करना, परमिट का नवीनीकरण, वाहन का पंजीयन निरस्त करना, वाहन के ऋण/अर्थिक अनुज्ञप्ति जारी करना, फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करना।
परिवहन विभाग की अपील
सभी वाहन मालिक समय रहते अपने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाएँ। यह न केवल कानूनन अनिवार्य है, बल्कि आपकी और आपके वाहन की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
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मंदसौर कृषि उपज मण्डी में हम्माली कार्य हेतु 15 अक्टूबर तक करें आवेदन
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ कृषि उपज मण्डी समिति मंदसौर के सचिव ने बताया कि मण्डी प्रांगण में किसानों द्वारा विक्रय हेतु लाई गई कृषि उपज की उतराई, भराई, तुलाई आदि कार्यों के लिए हम्मालों की आवश्यकता है।
इस कार्य हेतु इच्छुक एवं मध्यप्रदेश के मूल निवासी व्यक्ति एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। साथ ही कार्यालयीन समय में कृषि उपज मण्डी समिति, मंदसौर में सीधे भी आवेदन 15 अक्टूबर 2025 तक प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
समिति द्वारा हम्माली कार्य हेतु अनुज्ञप्ति कार्य की आवश्यकतानुसार “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए कृषि उपज मण्डी समिति, मंदसौर से संपर्क किया जा सकता है।
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सड़क दुर्घटनाओं में त्वरित सहायता के लिए हेल्पलाईन
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ मध्य प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में त्वरित सहायता के लिए कई हेल्पलाईन संचालित की जा रही हैं। ये हेल्पलाईन 108 समस्त मार्ग ( राष्ट्रीय राजमार्ग NH, राज्यमार्ग SH, प्रमुख जिला सड़क, ग्रामीण सड़क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित एम्बुलेंस के लिए,1099 राज्यमार्ग (SH) पर म.प्र. सड़क निगम द्वारा संचालित एम्बुलेंस के लिए, 1033: राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा संचालित एम्बुलेंस के लिए, डॉयल 100 किसी भी आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिए है। इन हेल्पलाईन के माध्यम से दुर्घटना की स्थिति में पीड़ित को तत्काल सहायता प्राप्त हो सकती है।
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मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के नवीन आवेदन लेने की प्रक्रिया पूर्णतः बंद है
मंदसौर 7 अक्टूबर 25/ जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बी. एल. विश्नाई द्वारा बताया गया कि मंदसौर जिले मे विगत दिनों से कुछ संगठन, यूनियन एवं अन्य लोगो द्वारा गांव एवं शहरों की माता एवं बहनों से लाड़ली बहना योजना के नवीन आवेदन फार्म भरवाने के नाम पर अवैध वसूली किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। तथा फार्म भरने के आवेदन तैयार कर उनको भ्रमित किया जा रहा है। वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के नवीन पंजीयन आवेदन लेने की प्रक्रिया पूर्णतः बंद है, इस योजना के तहत नवीन पंजीयन नही हो रहे है।
यदि किसी व्यक्ति या बेनाम संगठन या यूनियन द्वारा मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के संबंध में कोई भ्रामक जानकारी दी जाती है या अवैध वसूली किये जाने का प्रयास किया जाता है, तो इसकी सूचना तत्काल जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला मंदसौर के दूरभाष नंबर 07422-235543 पर दे सकते हैं।
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