समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 08 अक्टूबर 2025 बुधवार

ग्रामों में दीवार लेखन कर भावांतर योजना की जानकारी की जा रही प्रदर्शित
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,

सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से कम कीमत पर यदि किसानों की सोयाबीन की उपज बिकती है तो, किसानों को घाटे से उबारने के लिए अंतर की राशि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दी जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा भावान्तर योजना प्रारंभ की गई है। योजना अंतर्गत पंजीयन 3 से 17 अक्टूबर तक किए जा रहे है।कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह ने भावांतर भुगतान योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए सभी ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय कार्यालय , मंडी तथा अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ऑइल पेंट से दीवार लेखन के माध्यम से जानकारी प्रदर्शित करने हेतु निर्देशित किया।
कलेक्टर श्रीमती सिंह के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में ग्राम पंचायत धतरावदा, ग्राम पंचायत पिपल्या जोधा, ग्राम पंचायत असावती में दीवार लेखन कर किसानों को योजना का उद्देश्य, योजना के लाभ, पंजीयन से संबंधित जानकारी एवं योजना के क्रियान्वयन की जानकारी दी जा रही है।
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राष्ट्र के लिए मध्यस्थता 90-दिवसीय विशेष अभियान के माध्यम से कुल 694 मामले सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाए गए
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के निर्देश अनुसार, 1 जुलाई से 30 सितंबर तक ‘‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता‘‘ नामक एक विशेष अखिल भारतीय अभियान शुरू किया गया। इस 90-दिवसीय अभियान का उद्देश्य राज्य भर में तालुका न्यायालयों से लेकर उच्च न्यायालयों तक न्यायपालिका के सभी स्तरों पर मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों का निपटारा करना था।मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति श्री संजीव सचदेवा की प्रेरणा से तथा मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अतुल श्रीधरन के कुशल मार्गदर्शन में, यह अभियान न्यायालयों में लंबित मामलों को उचित ढंग से सुलझाने तथा मध्य प्रदेश के हर कोने में विवाद समाधान के एक उपयोगकर्ता-अनुकूल तरीके के रूप में मध्यस्थता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया गया।इसी क्रम में जिला रतलाम में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री नीना आशापुरे के मार्गदर्शन में न्यायाधीश एवं सचिव श्री नीरज पवैया एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री पूनम तिवारी के सहयोग से जिला न्यायालय एवं तहसील विधिक सेवा समिति जावरा, आलोट एवं सैलाना के समस्त न्यायालयों में उक्त अभियान अंतर्गत विशेष कार्यवाही की जाकर मध्यस्थता प्रकरणों के निराकरण हेतु कार्यवाही की गई।
अभियान के दौरान, मध्यस्थता के माध्यम से कुल 231 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया, जिनमें काफी संख्या में लंबे समय से लंबित पुराने मामले भी शामिल थे। निपटाए गए मामलों में वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, बंटवारा, बेदखली, भूमि अधिग्रहण और अन्य संबंधित दीवानी मामले शामिल थे।उल्लेखनीय है कि ‘‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’’ अभियान, नालसा और सर्वोच्च न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) द्वारा 01 जुलाई से शुरू होने वाला एक राष्ट्रव्यापी 90-दिवसीय अभियान है। इसका उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों के समाधान में तेजी लाना और लागत-कुशल तथा समय-बचत विवाद समाधान तंत्र के रूप में इसकी प्रभावशीलता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है। यह अभियान तालुका से लेकर उच्च न्यायालयों तक सभी न्यायालय स्तरों पर लागू किया जा रहा है और वैवाहिक, दुर्घटना, दीवानी, फौजदारी और उपभोक्ता विवादों जैसी पात्र श्रेणियों को कवर करता है, जिसमें भागीदारी के ऑनलाइन, ऑफलाइन और हाइब्रिड तरीके उपलब्ध हैं।यह अभियान विवादों को सुलझाने, अदालतों पर बोझ कम करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में मध्यस्थता, संवाद और सहयोग की शक्ति को प्रदर्शित करता है।
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जिले की औद्योगिक और आर्थिक संभावनाओं का अध्ययन कर बनायें कार्ययोजना जिलों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में करें प्रयास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
औद्योगिक निवेश, रोजगार और स्थानीय उत्पादों को दिया जाये बढ़ावा धार्मिक पर्यटन, स्वास्थ्य और शिक्षा से रोजगार सृजन की दिशा में करें प्रयास जिलों की बंद औद्योगिक इकाइयों के प्रकरणों का हो शीघ्र निराकरण स्व-सहायता समूहों को एमएसएमई सेक्टर से जोड़ें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रोजगार, उद्योग एवं निवेश संवर्धन सत्र को किया संबोधित
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि जिले की औद्योगिक और आर्थिक संभावनाओं का गहराई से अध्ययन कर ठोस कार्ययोजना बनायें। ऐसे प्रयास हों कि जिले में उद्योगों के साथ रोजगार के अवसर सृजित हों, जिससे जिले आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल करें और स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाए जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा को भी रोजगार से जोड़ने की बात कही जिससे युवाओं के लिए व्यापक अवसर उपलब्ध हों। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने से ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में “रोजगार, उद्योग एवं निवेश संवर्धन” सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्वालियर की जेसी मिल, रतलाम की सज्जन मिल और उज्जैन की विनोद मिल से संबंधित समस्याओं का समाधान जिस तत्परता से किया गया है उसी तरह अन्य जिलों में बंद औद्योगिक इकाइयों का भी शीघ्र निराकरण किया जाए। मुरैना जिले की कैलारस स्थित शुगर मिल से जुड़े मामले का समाधान भी प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के औद्योगिक विज़न को ज़मीनी स्तर पर साकार करने में कलेक्टर्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिलों की सक्रियता और विभागों के समन्वित प्रयास ही मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर, नवोन्मेषी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में उपलब्ध अनुपयोगी भूमि का उपयोग कर लैंड बैंक विकसित किए जाएं। जिलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और स्व-सहायता समूहों को एमएसएमई सेक्टर से जोड़ने की दिशा में प्रभावी पहल की जाए जिससे स्थानीय उत्पादन और विपणन गतिविधियों में वृद्धि हो।प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास एवं निवेश प्रोत्साहन श्री राघवेंद्र कुमार सिंह, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग तथा एमएसएमई विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से प्रेजेंटेशन दिया गया। राज्य सरकार के वर्ष 2047 तक मध्यप्रदेश को विकसित, औद्योगिक और रोजगार-समृद्ध प्रदेश के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को विस्तार से प्रस्तुत किया गया।
कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए कि जिला निवेश सुविधा केंद्र (IFC) को सक्रिय और परिणामोन्मुख बनाया जाए। औद्योगिक भूमि की पहचान कर अतिक्रमण मुक्त किया जाए तथा विभिन्न विभागों द्वारा समयबद्ध अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिला कौशल समिति को सक्रिय कर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, अप्रेंटिसशिप और वैकल्पिक रोजगार अवसरों से जोड़ा जाए। उद्योगों को पीएम विश्वकर्मा और अप्रेंटिसशिप पोर्टल पर ऑनबोर्ड किया जाए।कलेक्टर्स से यह भी कहा गया कि एक जिला-एक उत्पाद के तहत उत्पादों की पहचान, ब्रांडिंग और विपणन पर प्रभावी कार्य किया जाए। टैग किए गए उत्पादों को योजनाओं जैसे PMFME और DEH-OSOP से जोड़ा जाए और एमएसएमई इकाइयों को डिजिटल प्लेटफॉर्म तथा ई-कॉमर्स माध्यमों से जोड़ा जाए। बंद रेशम केंद्रों का पुनर्जीवन कर खादी, हस्तशिल्प और रेशम उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय मेलों और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाए। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत उपकरण स्वीकृति और वितरण की सतत मॉनिटरिंग की जाए।इसके साथ ही, वित्तीय समावेशन और बैंकिंग सहयोग के क्षेत्र में DLCC एवं DLRC बैठकों का समय पर आयोजन करने, जन धन, मुद्रा और अटल पेंशन योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं में अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने तथा वार्षिक लक्ष्य पूर्ति हेतु बैंकों की सक्रिय भूमिका तय करने के निर्देश भी दिए गए।
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केन्द्रीय मंत्रि-मंडल ने मध्यप्रदेश सहित 4 राज्यों की रेलवे मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं को दी मंजूरी प्रधानमंत्री श्री मोदी का मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माना आभार
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रि-मंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मध्यप्रदेश सहित 4 राज्यों के 18 जिलों में रेलवे की 4 मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मध्यप्रदेश को मिली इस सौगात के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार मानते हुए धन्यवाद किया है। पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार इन परियोजनाओं का उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श द्वारा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाना है। ये परियोजनाएं नागरिकों, वस्तुओं और सेवाओं को निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रि-मंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मध्यप्रदेश सहित 4 राज्यों के 18 जिलों में रेलवे की 4 मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मध्यप्रदेश को मिली इस सौगात के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार मानते हुए धन्यवाद किया है। पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार इन परियोजनाओं का उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श द्वारा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाना है। ये परियोजनाएं नागरिकों, वस्तुओं और सेवाओं को निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी।
केन्द्रीय मंत्रि-मंडल समिति ने मध्यप्रदेश में 237 किलोमीटर लंबी इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन को और गुजरात एवं मध्यप्रदेश के बीच 259 किलोमीटर लंबी बढ़ोदरा-रतलाम, तीसरी और चौथी लाइन को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में वर्धा-भुसावल के बीच 314 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन को तथा महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में 84 किलोमीटर लंबी गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन को मंजूरी दी गई है। कुल 24 हजार 634 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली ये परियोजनाएं 2030-31 तक पूरी होंगी। स्वीकृत मल्टी-ट्रेकिंग परियोजनाओं से लगभग 3 हजार 633 गांवों, जिनकी जनसंख्या लगभग 85 लाख 84 हजार है तथा 2 आकांक्षी जिलों विदिशा और राजनांदगांव तक संपर्क बढ़ेगा। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के 18 जिलों में व्याप्त इन चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
मध्यप्रदेश में परियोजना खंड सांची, सतपुड़ा बाघ अभयारण्य, प्रागैतिहासिक मानव जीवन के प्रमाणों और प्राचीन शैल चित्रकला के लिए प्रसिद्ध भीमबेटका शैलाश्रय, हज़ारा जलप्रपात, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान आदि प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करेगा, जो देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। यह कोयला, कंटेनर, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न, इस्पात आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए भी आवश्यक मार्ग है। पटरियों की संख्या बढ़ाए जाने से प्रति वर्ष 78 मिलियन टन की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे के पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन देश के जलवायु लक्ष्यों और परिचालन लागत को कम करने, तेल आयात (28 करोड़ लीटर) में कमी लाने और कार्बन उत्सर्जन 139 करोड़ किलोग्राम कम करने में मदद करेगा जो 6 करोड़ वृक्षारोपण के बराबर है।
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प्रतिबंधित दवाइयों के विक्रय पर रोक हेतु पिपलौदा मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,
सरकार द्वारा कफ सिरप कोल्ड्रिफ और shreesun फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित दवाइयां प्रतिबंधित की गई है।
कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह के निर्देशानुसार ड्रग इंस्पेक्टर के साथ राजस्व अधिकारियों द्वारा मेडिकल स्टोर्स एवं निजी अस्पतालों में निरीक्षण कर कफ सिरप के स्टॉक की जांच की गई
राजस्व अधिकारी एवं ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के साथ रतलाम शहर में एस डी एम आर्ची हरित द्वारा एवं तहसीलदार पिपलौदा द्वारा पिपलोदा में मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मेडिकल संचालकों को कोल्डरिफ सिरप और shreesun फार्मा की दवाइयां प्रतिबंधित होने से विक्रय न किए जाने हेतु निर्देश दिए गए। मेडिकल स्टोर पर इन कंपनी की दवाइयां नहीं पाई गई।
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प्रतिबंधित दवाइयों के विक्रय पर रोक हेतु पिपलौदा मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,
सरकार द्वारा कफ सिरप कोल्ड्रिफ और shreesun फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित दवाइयां प्रतिबंधित की गई है।
कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह के निर्देशानुसार ड्रग इंस्पेक्टर के साथ राजस्व अधिकारियों द्वारा मेडिकल स्टोर्स एवं निजी अस्पतालों में निरीक्षण कर कफ सिरप के स्टॉक की जांच की गई
राजस्व अधिकारी एवं ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के साथ रतलाम शहर में एस डी एम आर्ची हरित द्वारा एवं तहसीलदार पिपलौदा द्वारा पिपलोदा में मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मेडिकल संचालकों को कोल्डरिफ सिरप और shreesun फार्मा की दवाइयां प्रतिबंधित होने से विक्रय न किए जाने हेतु निर्देश दिए गए। मेडिकल स्टोर पर इन कंपनी की दवाइयां नहीं पाई गई।
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किसानों को हर हाल में मिलेगा सोयाबीन फसल का उचित दाम -मुख्यमंत्री डॉ. यादव
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों की मेहनत का सम्मान दिलाने के लिए उन्हें हर हाल में सोयाबीन फसल का उचित दाम दिलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भावान्तर योजना के अंतर्गत किसानों का पंजीयन 17 अक्टूबर तक जारी रहेगा। फसल बिक्री के 15 दिन के भीतर भाव में अंतर की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जाएगी।
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कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के साथ कमियों को दूर करने का की प्रयास- मुख्यमंत्री डॉ. यादव स्वास्थ्य एवं पोषण पर कलेक्टर्स के साथ हुआ व्यापक संवाद कलेक्टर्स ने साझा किये अपने जिलों के नवाचार
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक नई सुविधाए प्रारंभ की गई हैं। कलेक्टर्स स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार सुनिश्चित करें और हॉस्पिटल में सतत् विजिट करें, जिससे हॉस्पिटल की कमियों को दूर किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला कलेक्टर्स से कहा कि आयुष्मान कार्ड धारकों को पूरा लाभ दिलाएं और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं पहुंच को आसान बनाया जाये, जिससे आमजन को सहज रूप से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जिलों में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किये जा रहे हैं। पीपीपी मॉडल पर भी अनेक कॉलेज प्रारंभ हुए हैं। वर्तमान में तीस से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। शीघ्र इनकी संख्या 50 हो जाएगी। प्रदेश के लगभग प्रत्येक जिले के नागरिकों को मेडिकल कॉलेज की सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है, उसे अंतिम रूप देकर भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में नागरिकों के हित में सर्वाधिक अनुकूल वातावरण निर्मित किए जाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिन द्वितीय सत्र ‘स्वास्थ्य एवं पोषण’ को संबोधित कर रहे थे।प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री संदीप यादव ने राज्य में स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति को सुदृढ़ करने कलेक्टर्स के साथ विस्तृत चर्चा की। सत्र में मातृ-शिशु स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग (एनसीडी), क्षय उन्मूलन और सिकल सेल उन्मूलन के लिए ठोस रणनीति पर विमर्श किया गया।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री यादव ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की दिशा में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत शिशुओं, किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं की नियमित हीमोग्लोबिन जांच सुनिश्चित की जाए। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (VHSND) में गुणवत्तापूर्ण जांच, टीकाकरण और ANMOL 2.0 पर सटीक डेटा एंट्री की व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान, उपचार और बर्थ वेटिंग होम्स में सुरक्षित प्रसव की अनिवार्यता पर जोर दिया।प्रमुख सचिव श्री यादव ने कहा कि पोषण ट्रैकर के प्रभावी उपयोग, छह माह तक केवल स्तनपान, मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम (MMBASK) के अंतर्गत कुपोषित बच्चों के प्रबंधन तथा आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह आधारित सेवाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और प्रसूति सहायता योजनाओं के भुगतान में समयबद्धता बनाए रखना सुनिश्चित करें। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम के लिए प्रमुख सचिव श्री यादव ने उच्च रक्तचाप, मधुमेह, फैटी लीवर और तीन प्रमुख कैंसर की स्क्रीनिंग को अनिवार्य बताया। उन्होंने एनसीडी पोर्टल पर सभी प्रविष्टियों की अद्यतन स्थिति बनाए रखने, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, ईट राइट अभियान, तेल की खपत में 10 प्रतिशत कमी, फिट इंडिया और योग जैसी गतिविधियों के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाने पर बल दिया।प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि क्षय उन्मूलन के लिए एक्स-रे और अन्य मशीनों से जांच की जाए, निक्षय पोर्टल पर सभी प्रकरणों की सूचना दर्ज हो, उपचार और फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाए तथा निक्षय मित्रों के माध्यम से पोषण सहायता और डीबीटी समय पर प्रदान की जाए। इसी प्रकार, सिकल सेल उन्मूलन अभियान के अंतर्गत स्क्रीनिंग, कार्ड वितरण, हाइड्रोक्सीयूरिया दवा की उपलब्धता, न्यूमोकोकल वैक्सीनेशन और सिकल मित्र पहल के माध्यम से जनभागीदारी और काउंसलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभागों के बीच संयुक्त कार्ययोजना बनाकर समन्वय को सशक्त करें। VHSND के गुणवत्तापूर्ण आयोजन, उपकरणों के सार्थक उपयोग, e-KYC और DBT सक्षमता, PMSMA संचालन, नवजातों के गृह आधारित फॉलो-अप, मातृ एवं शिशु मृत्यु की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग, ईट राइट, फिट इंडिया, योग और खेलकूद के माध्यम से जन-जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि सुपोषित ग्राम पंचायतों के लिए स्थानीय खाद्य विविधता को प्रोत्साहित करने, आंगनवाड़ी केंद्रों के नियमित संचालन, डेटा सत्यापन, और सिकल मित्र तथा निक्षय मित्र के माध्यम से फूड बास्केट वितरण जैसी गतिविधियों को परिणाममुखी बनाया जाये।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों ने दीं अपनी प्रस्तुतियाँ
बालाघाट ने शिशु एवं मातृ मृत्यु दर नियंत्रण पर, झाबुआ ने स्वास्थ्य एवं पोषण सुधार प्रयासों और मंदसौर ने सम्पूर्ण स्वास्थ्य मॉडल पर प्रेजेन्टेशन देते हुए अपने अनुभव साझा किए।
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सरवन में मेडिकल स्टोर्स की गहन जांच
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025,
डॉ. रविंद्र डामोर प्रभारी मेडिकल ऑफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरवन, फार्मासिस्ट पूनम चंद निनामा द्वारा कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह ने सरकार द्वारा प्रतिबंधित दवाइयों को डिस्ट्रॉय करने के निर्देश के पालन में सरवन मे मेडिकल स्टोर की गहन जांच की गई। मेडिकल स्टोर पर हानिकारक तत्वों वाली प्रतिबंधित कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल की कफ सिरप कोल्ड्रिफ व श्रीसन कंपनी के कोई भी उत्पाद नहीं पाए गए। सभी मेडिकल स्टोर्स के संचालको को हिदायत दी गई कि डेक्सट्रोमेथरफेन तत्व वाली प्रतिबंधित दवाई नहीं दी जाए।बिना डॉक्टर की पर्ची के किसी भी प्रकार की दवाई मरीज एवं पांच साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाए।
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उप स्वास्थ्य केन्द्र आक्याकला में बुखार की जांच
रतलाम : मंगलवार, अक्टूबर 7, 2025
ग्राम भैसाना के उप स्वास्थ्य केन्द्र आक्याकला के सरपंच द्वारा ग्राम भैसाना में 15 से 20 बुखार के मरीजों की सूचना दी गई। सूचना मिलते ही जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार मोर्य द्वारा टीम गठित कर तत्काल ग्राम भैसाना में बुखार रोगियों की आर.डी.टी. व रक्त पटटियॉ से जॉच कर प्रतिबंधात्मक उपाय किये गये।
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