खेल-स्वास्थ्यमंदसौरमध्यप्रदेश
आशा, उषा और आशा पर्यवेक्षक का जिला सम्मेलन संपन्न

स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है आशाकर्मी-कविता सोलंकी
माधुरी सोलंकी अध्यक्ष और हूर बानो सैफी महासचिव बनी
मंदसौर -आशाकर्मी भारत के स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है ।आशा, उषा एवं आशा पर्यवेक्षक भारत सरकार की हर स्वास्थ्य योजना को बेहतर ढंग से क्रियान्वित ही नहीं करती बल्कि उन्हें जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करती है। यह बात रविवार 5 अक्टूबर 2025 को स्थानीय नगर पालिका सभागृह में आयोजित आशा उषा, आशा पर्यवेक्षक के जिला सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष कविता सोलंकी उद्घाटन भाषण में कही। उन्होंने कहा कि एक मजबूत रीढ़ ही स्वस्थ शरीर का परिचायक है किन्तु सरकार का ध्यान इस महत्वपूर्ण अंग पर नहीं है। केवल जच्चा बच्चा तक समुचित स्वास्थ्य सेवा पहुंच सके, इस कार्य के लिए रखी गई आशा भारत की प्रत्येक महिला के समुचित स्वास्थ्य की देखभाल की प्रमुख कार्यकर्ता बन गई है किंतु सरकार मेहनताने के रूप में इन्हें अन्यायोचित सीमा तक अल्प राशि देती है तथा कोई भी सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं करती। यह समस्त अधिकार आशा कर्मी को लड़कर ही लेना होंगे।
सम्मेलन में मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ नारायणगढ़ पिपलिया मंडी मंदसौर शहरी धुंधडका दलौदा सीतामऊ मेल खेड़ा शामगढ़ सुवासरा भानपुरा सहित समस्त ब्लॉक की आशा पर्यवेक्षक एवं आशा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। पिछले वर्षों का ब्यौरा एवं आय व्यय का विवरण जिला अध्यक्ष माधुरी सोलंकी ने सम्मेलन में रखा। सम्मेलन को बालू सिंह, गोपाल कृष्ण मोड, सोनू यादव, रचना माली ने संबोधित करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी। सम्मेलन में महासचिव रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए 11 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का समापन भाषण देते हुए सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कामरेड शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि आशा कार्यकर्ता भारत के स्वास्थ्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, जो दूरदराज के क्षेत्रों में भी लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने भारत में स्वास्थ्य सेवा की सुलभता में काफी सुधार किया है। कोविड से पहले एवं कोविड के बाद आज तक आशा ने स्वास्थ्य विभाग में प्रथम लाइन योद्धा के रूप में काम किया है ।यही कारण है के विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की आशा कार्यकर्ताओं को पुरस्कार से नवाजा है लेकिन आशाओं को उनकी सेवाओं के बदले उचित मेहनताना न देकर भारत एवं राज्य सरकार ने बता दिया है कि इस महत्वपूर्ण अमले के प्रति उनका नजरिया बेहद अन्यायपूर्ण है और इसलिए आशाओं को संगठित होने की आवश्यकता है। आशा कर्मी संगठित होकर ही अपने समस्या अधिकारों को हासिल कर सकती है।
सम्मेलन में नए कार्यकाल के लिए 51 सदस्य पदाधिकारी मंडल एवं कार्यकारिणी चुनी गई जिसमें अध्यक्ष माधुरी सोलंकी ,उपाध्यक्ष कोमल जैन, हेमलता दोसावत, सज्जन कुअर महासचिव हुरबानो सैफी, सचिव दीपिका अलकारा, कोषाध्यक्ष बालू सिंह को चुना गया। कार्यक्रम का संचालन भारती शर्मा ने किया।
सम्मेलन में मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ नारायणगढ़ पिपलिया मंडी मंदसौर शहरी धुंधडका दलौदा सीतामऊ मेल खेड़ा शामगढ़ सुवासरा भानपुरा सहित समस्त ब्लॉक की आशा पर्यवेक्षक एवं आशा कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। पिछले वर्षों का ब्यौरा एवं आय व्यय का विवरण जिला अध्यक्ष माधुरी सोलंकी ने सम्मेलन में रखा। सम्मेलन को बालू सिंह, गोपाल कृष्ण मोड, सोनू यादव, रचना माली ने संबोधित करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी। सम्मेलन में महासचिव रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए 11 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का समापन भाषण देते हुए सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कामरेड शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि आशा कार्यकर्ता भारत के स्वास्थ्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, जो दूरदराज के क्षेत्रों में भी लोगों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने भारत में स्वास्थ्य सेवा की सुलभता में काफी सुधार किया है। कोविड से पहले एवं कोविड के बाद आज तक आशा ने स्वास्थ्य विभाग में प्रथम लाइन योद्धा के रूप में काम किया है ।यही कारण है के विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की आशा कार्यकर्ताओं को पुरस्कार से नवाजा है लेकिन आशाओं को उनकी सेवाओं के बदले उचित मेहनताना न देकर भारत एवं राज्य सरकार ने बता दिया है कि इस महत्वपूर्ण अमले के प्रति उनका नजरिया बेहद अन्यायपूर्ण है और इसलिए आशाओं को संगठित होने की आवश्यकता है। आशा कर्मी संगठित होकर ही अपने समस्या अधिकारों को हासिल कर सकती है।
सम्मेलन में नए कार्यकाल के लिए 51 सदस्य पदाधिकारी मंडल एवं कार्यकारिणी चुनी गई जिसमें अध्यक्ष माधुरी सोलंकी ,उपाध्यक्ष कोमल जैन, हेमलता दोसावत, सज्जन कुअर महासचिव हुरबानो सैफी, सचिव दीपिका अलकारा, कोषाध्यक्ष बालू सिंह को चुना गया। कार्यक्रम का संचालन भारती शर्मा ने किया।