
4 वर्ष बाद दीपावली की रोशनी को देखेगा सीताराम-दृष्टि मिलने पर सीताराम ने किया नेत्रदान का संकल्प
भवानीमंडी । रामनगर कॉलोनी के निवासी सीताराम मेघवाल (55 वर्षीय) को 4 वर्ष पहले नेत्र ज्योति की समस्या हुई एवं तभी से उनको पूर्णतया दिखाना बंद हो गया, साधनहीन परिवार के द्वारा यह मान लिया गया कि यह अन्धता लाइलाज है, एवं शायद अब रोशनी को प्राप्त करना संभव नहीं है। ऐसे में सीताराम के पड़ोसी दीपक गुर्जर के द्वारा परिवार को सलाह दी गई की भवानीमंडी में नेत्रदान का अच्छा कार्य हो रहा है क्यों नहीं आंखों के ट्रांसप्लांट का प्रयास किया जाए एवं इसी उद्देश्य को लेकर दीपक गुर्जर और सीताराम के परिवार के द्वारा कमलेश गुप्ता से संपर्क किया गया, इस पर नेत्रदोष के विश्लेषण के लिए सीताराम को किसी नेत्र विशेषज्ञ से अन्धता के कारण की जांच करवाने की सलाह दी गई, नून हॉस्पिटल के द्वारा आयोजित जांच शिविर के माध्यम से परीक्षण करने पर पाया गया कि स्थिति जटिल होने के बाद भी उनका उपचार भवानीमंडी में संभव है, निराशा एवं हताशा के कारण प्रारंभ में परिवार आगे किसी भी इलाज के लिए तैयार नहीं था परंतु नीरज विजावत एवं राकेश गोयल की प्रेरणा से परिवार तैयार हुआ एवं सीताराम मेघवाल का नून हॉस्पिटल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ गौरी रूपम के द्वारा निशुल्क आंखों का ऑपरेशन किया गया, जिसके माध्यम से सीताराम मेघवाल को 70% से अधिक नजर आने लगा है। जहां पहले सीताराम को अपने हाथ, अपनी पत्नी, अपने कपड़े, घर की दीवारें कुछ भी नजर नहीं आता था, अब सब कुछ नजर आने के बाद परिवार में प्रसन्नता और खुशियां लौटी है।
सीताराम मेघवाल के द्वारा इस अवसर पर अपने नेत्रदान का संकल्प किया, परिवार के द्वारा नून हॉस्पिटल, डॉ गौरी रूपम, कमलेश गुप्ता दलाल, एवं दीपक गुर्जर के प्रति धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा गया कि 4 वर्ष के बाद परिवार के लिए त्यौहार मनाने का अवसर आया है। अंधेरे से जीवन कितनी कठिनाई से निकलता है इस विषय को उन्होंने महसूस किया है इसीलिए मृत्यु के पश्चात हमारी आंखों से कोई और दृष्टिहीन इस दुनिया को देख सके, इसी उद्देश्य के साथ अपने नेत्रदान का संकल्प भी किया है।