मंदसौरमध्यप्रदेश

संघ की शताब्दी पर विभिन्न नगरों में निकले पथ संचलन: अनुशासन, संगठन और सेवा का अद्भुत प्रदर्शन”

“विजयादशमी पर आरएसएस के 100 वर्ष पूर्ण

बौद्धिक में वक्ताओं ने 100 वर्ष के कार्यकाल में हुए बदलावों व संघ का देश निर्माण में योगदान बताया

मंदसौर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विजयदशमी पर अपने 100 वर्ष की यात्रा पूर्ण की। शताब्दी वर्ष पूर्ण करने के गौरवशाली अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देशभर में पथ संचलनों का आयोजन कर रहा है। इसी कड़ी में जिले के विभिन्न नगरों में संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर स्वयंसेवकों ने गणवेश में, हाथों में दंड और केसरिया ध्वज की शोभा के साथ, बैंड की गूंज व कदमताल में अनुशासन का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। संचलन मार्ग पर नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया और “भारत माता की जय”, “राष्ट्र प्रथम” के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा। जिले में मल्हारगढ़, पिपलिया मंडी, सीतामऊ, नारायणगढ़ आदि नगरों में स्वयंसेवको द्वारा पथ संचलन निकाला गया।
प्रत्येक स्थल पर मुख्य वक्ताओं ने संघ की 100 वर्ष की गौरवपूर्ण यात्रा के साथ संघ स्थापना, स्वतंत्रता संग्राम व विभाजन, दमन और पुनरुत्थान, युद्ध व आपदाओं में सेवा कार्य, राम मंदिर निर्माण से लेकर आज तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और शताब्दी वर्ष को “सेवा, संगठन और राष्ट्र पुनरुत्थान” का संकल्प बताया।

मल्हारगढ़
मल्हारगढ़ में विजयादशमी के अवसर पर संघ का शताब्दी वर्ष संचलन अत्यंत भव्य रहा। प्रातः काल से ही नगरवासी घरों के बाहर सजावट कर स्वयंसेवकों की प्रतीक्षा कर रहे थे। जब गणवेशधारी स्वयंसेवक दंड और भगवा ध्वज के साथ बैंड की ताल पर कदमताल करते हुए मुख्य मार्गों से गुजरे तो नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। संचलन में बड़ी संख्या में बाल, तरुण और प्रौढ़ स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम स्थल पर बौद्धिक वक्ता जिला शारीरिक प्रमुख सचिन सोनी ने संघ की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की यात्रा पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार स्वयंसेवकों ने स्वतंत्रता आंदोलन, समाज सेवा और राष्ट्रीय जागरण में योगदान दिया। नगर में 4 किलोमीटर लंबा संचलन निकाला गया।

नारायणगढ़
नारायणगढ़ में विजयादशमी का पथ संचलन एक उत्सव का रूप ले लिया। नगर के सड़कों पर 4 किलोमीटर से अधिक दूरी स्वयंसेवकों द्वारा तय की गई। पूरे नगर में एकता और अनुशासन का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। स्वयंसेवक परंपरागत गणवेश में कतारबद्ध होकर चलते हुए जब मुख्य चौक पर पहुँचे तो वातावरण “भारत माता की जय” और “राष्ट्र प्रथम” के उद्घोष से गूंज उठा। संचलन मार्ग पर स्थानीय व्यापारियों व नागरिकों ने जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए और पुष्पवर्षा की। बौद्धिक में मुख्य वक्ता प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य विनोद मोहने ने संघ की 100 वर्ष की तपस्या को रेखांकित करते हुए कहा कि यह यात्रा केवल संगठन की नहीं बल्कि समाज परिवर्तन और राष्ट्र पुनरुत्थान की यात्रा रही है।

पिपलिया मंडी
पिपलिया मंडी में संघ का शताब्दी वर्ष संचलन ऐतिहासिक रहा। नगर के मुख्य मार्गों पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने संचलन का स्वागत किया। बैंड की गूंज और अनुशासित कदमताल ने नगरवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वयंसेवक भगवा ध्वज के साथ आगे बढ़ रहे थे और नागरिक उनकी ओर आस्था से निहार रहे थे। बौद्धिक में मुख्य वक्ता अजय गोड़ विभाग प्रचारक मंदसौर ने संघ की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि संघ ने केवल संगठन को खड़ा नहीं किया बल्कि समाज में आत्मविश्वास और सेवा की भावना जगाई। वक्ताओं ने यह भी बताया कि 100 वर्ष की यात्रा में संघ ने युद्धकालीन सेवाओं, प्राकृतिक आपदाओं, राम मंदिर आंदोलन और सामाजिक जागरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

सीतामऊ
सीतामऊ नगर में पथ संचलन का दृश्य देखने योग्य था। संचलन निकलते समय नगरवासी सड़कों के दोनों ओर खड़े होकर तिरंगे और केसरिया झंडे लहराते नजर आए। स्वयंसेवक बैंड की ताल पर जब कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़े तो अनुशासन और एकता की झलक स्पष्ट दिखाई दी। संचलन मार्ग पर महिलाओं और युवाओं ने आरती उतारकर व पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया। बौद्धिक में वक्ता विकास आचार्य ने संघ के कार्यों को याद करते हुए कहा कि संघ की यात्रा संघर्षों, सेवाभाव और राष्ट्र समर्पण से भरी हुई है। उन्होंने इस शताब्दी वर्ष को समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण की नई ऊर्जा का संकल्प बताया। उक्त जानकारी जिला प्रचार प्रमुख शिवाजी सैनी ने दी।

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