खेत के विवाद के कारण हत्या करने वाली दो महिला सहित छः आरोपीगण को आजीवन कारावास

खेत के विवाद के कारण हत्या करने वाली दो महिला सहित छः आरोपीगण को आजीवन कारावास
जावद। श्री विनोद कुमार पाटीदार, अपर सत्र न्यायाधीश, जावद, जिला-नीमच द्वारा खेत के विवाद के कारण हत्या करने वाली दो महिलाओं सहित कुल छः आरोपीगण (1) बालकंवरीबाई पति कचरूलाल मीणा, उम्र-47 वर्ष, (2) पूजा पति कचरूलाल मीणा, उम्र-22 वर्ष, (3) देवीलाल पिता कचरूलाल मीणा, उम्र-26 वर्ष, (4) ईश्वर पिता कचरूलाल मीणा, उम्र-21 वर्ष, (5) बापुलाल पिता गंगाराम मीणा, उम्र-77 वर्ष, पाँचों निवासीगण-ग्राम अरनिया मामादेव, थाना-जावद, जिला-नीमच एवं (6) तूफान पिता कचरूलाल मीणा, उम्र-42 वर्ष, निवासी-ग्राम शेषपुर, तहसील-मनासा, जिला-नीमच सभी को धारा 302/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 10000-10000रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया तथा आरोपी देवीलाल मीणा इसके अतिरिक्त धारा 27 आयुध अधिनियम, 1959 के अंतर्गत 03 वर्ष के सश्रम कारावास व 3000रूपयें अर्थदण्ड व धारा 25(1-बी)बी आयुध अधिनियम, 1959 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000रूपयें अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की और से पैरवी करने वाले सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सुखराम गरवाल द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी जगदीश गायरी के पिता बगदीराम ने 7-8 वर्ष पूर्व कचरूलाल से खेत खरीदा था एवं उसके पिता की मृत्यु के पश्चात् भी वह तथा उसके परिवार के सदस्य उस खेत पर नियमित खेती कर रहें हैं। कचरूलाल के लड़के देवीलाल व ईश्वरलाल एवं उसके परिवार के सदस्य फरियादी व उसके परिवार वालों को बोलते आ रहें हैं कि खेत हमारा हैं तो फरियादी पक्ष द्वारा यह कहा जाता था कि खेत के आज की किंमत दे दो और खेत ले लो। इसी खेत को लेकर फरियादी पक्ष व आरोपीगण के मध्य विवाद चला आ रहा हैं। दिनांक 11 जून 2023 को दिन के लगभग 11ः30 बजे ग्राम अरनिया मामादेव स्थित विवादित खेत पर फरियादी जगदीश उसके परिवार के सदस्यों के साथ ट्रैक्टर से खेत को हांक रहा था, वहां पर आरोपीगण व उसके परिवार के सदस्य आये और फरियादी जगदीश एवं उसका भाई रामप्रसाद, भतीजा पुष्कर, बड़े बा का लड़का भगतराम, उदयराम व गोपाल के साथ विवाद करते हुवे मारपीट करने लगे। आरोपीगण द्वारा मारपीट करते हुवे बालकंवरीबाई व पूजाबाई ने भगतराम क हाथ पकड़ लिये तथा ईश्वरलाल ने गला पकड़ लिया और देवीलाल ने जान से मारने की नियत से हमला करते हुवे चाकू से भगतराम की पीठ में चाकू घोप दिया, जिस कारण खून निकलने लगा व बेहोश हो गया था। भगतराम की हत्या करने में आरोपीगण तुफान व बापुलाल ने सक्रीय सहयोग किया था। खेत के आसपास के खेत वालो ने आकर बीच-बचाव किया था। जगदीश व लक्ष्मीनारायण दोनो मोटरसायकल से ईलाज के लिये जिला चिकित्सालय, नीमच लेकर आये, जहाँ पर डाँक्टर द्वारा भगतराम को मृत घोषित किया गया। फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया तथा विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया। विवेचना के दौरान सभी महत्वपूर्ण साक्ष्य को एकत्रित कर आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग-पत्र जावद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुवे इसे जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराते हुवे ऐसे जघन्य अपराध में आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी ए.डी.पी.ओ. सुखराम गरवाल द्वारा की गई।