सोंधिया राजपूत समाज उतरा सड़कों पर, दिखाई एकता, गुर्जर समाज ने भी किया था प्रदर्शन

सोंधिया राजपूत समाज उतरा सड़कों पर, दिखाई एकता, गुर्जर समाज ने भी किया था प्रदर्शन

सोंधिया राजपूत समाज का हजारों की संख्या में उतरा सड़को पर,विरोध प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन, दोषियों पर की कार्रवाई की मांग
नीमच में सोंधिया राजपूत समाज ने एकजुट होकर सड़कों पर उतरकर मंगलवार को बड़ा विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी और मारपीट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। यह प्रदर्शन ग्राम रेवली देवली में एक स्कूल में हुई घटना के बाद हुआ। मंगलवार को अखिल भारतीय सोंधिया राजपूत महासभा के बैनर तले हजारों की संख्या में समाज के लोग बाइक और कारों पर सवार होकर शहर में एक बड़ी रैली निकाली। इस रैली में समाज के जिला पंचायत अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सज्जन सिंह चौहान, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह जी परिहार युवा संगठन के जिलाध्यक्ष बलवंत सिंह तंवर, और कई अन्य वरिष्ठ सदस्य शामिल थे।
विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण राजवीर सिंह तवर के साथ हुई मारपीट और सोशल मीडिया पर समाज के विरुद्ध की गई अपमानजनक टिप्पणियां हैं। समाज के सदस्यों ने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने दोषियों के खिलाफ पर्याप्त कानूनी धाराएं नहीं लगाईं। रैली दशहरा मैदान से शुरू हुई, जहां समाज के वरिष्ठों ने संबोधित किया। इसके बाद रैली शहर के प्रमुख मार्गों लाइंस पार्क चौराहा विजय टॉकीज चौराहा, भारत माता चौराहा, कमल चौक फवारा चौक, एसपी कार्यालय के सामने होते हुए शिवाजी सर्कल पहुंची। वहां एसडीएम संजीव साहू को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मांग की गई कि अपराधियों के खिलाफ तुरंत सख्त कदम उठाए जाएं और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई हो। ज्ञापन सौंपने के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जन सिंह चौहान ने समाज को संबोधित करते हुए कहा कि सोंधिया राजपूत समाज का इतिहास गौरवशाली है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर पाँच दिनों के भीतर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो समाज एक बड़ा और उग्र आंदोलन करेगा। इस दौरान, प्रदेश सचिव मनोहर सिंह, कमल सिंह, वीरेंद्र सिंह, जिला संगठन मंत्री प्यार सिंह सिसोदिया, पदम सिंह लसूदी तंवर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवल सिंह तंवर, प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन सिंह चौहान, मंदसौर जिला अध्यक्ष हरपाल सिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में समाज मोजूद थे।