मंदसौरमध्यप्रदेश
मालवा के किसानों की आवाज़ को उठाते हुए भाजपा नेता अंशुल बैरागी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखा

मालवा के किसानों की आवाज़ को उठाते हुए भाजपा नेता अंशुल बैरागी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
मन्दसौर। मालवा क्षेत्र में हर वर्ष बारिश के कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद होती है और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। किसान अपनी मेहनत और पूंजी खरीफ फसलों, विशेषकर सोयाबीन में लगाते हैं, लेकिन मौसम की मार और बाज़ार में उचित भाव न मिलने से उनकी स्थिति गंभीर हो जाती है।
इसी मुद्दे को लेकर भाजपा नेता एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अंशुल बैरागी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर किसानों की समस्याओं को उजागर किया और ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में कृषकों की मुख्य मांगे सोयाबीन का समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6 से 7 हजार रू. प्रति क्विंटल तय किया जाए, सरकार द्वारा सोयाबीन की सीधी खरीद की गारंटी सुनिश्चित की जाए, बारिश-प्रभावित फसलों पर विशेष बीमा व राहत पैकेज लागू किया जाए, कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मौसम-प्रतिरोधक सोयाबीन की उन्नत किस्में विकसित की जाएं, प्रसंस्करण इकाइयां और तेल उद्योग मालवा क्षेत्र में स्थापित किए जाएं, ताकि किसानों को बेहतर भाव मिल सके।
अंशुल बैरागी ने कहा कि मालवा का किसान मेहनती है, लेकिन प्रकृति की मार और अस्थिर बाजार के कारण लगातार घाटा झेल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार यदि मिलकर खरीफ फसलों खासकर सोयाबीन के लिए स्थायी नीति बनाएं, तो किसान की आय दोगुनी होगी और उनकी ज़िंदगी में स्थिरता आएगी।
इस पत्र के माध्यम से भाजपा नेता अंशुल बैरागी ने किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर रखने का कार्य किया है। अब देखना यह होगा कि सरकार किसानों की इस मांग पर कितनी शीघ्रता से ठोस निर्णय लेती है।
इसी मुद्दे को लेकर भाजपा नेता एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अंशुल बैरागी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर किसानों की समस्याओं को उजागर किया और ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में कृषकों की मुख्य मांगे सोयाबीन का समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6 से 7 हजार रू. प्रति क्विंटल तय किया जाए, सरकार द्वारा सोयाबीन की सीधी खरीद की गारंटी सुनिश्चित की जाए, बारिश-प्रभावित फसलों पर विशेष बीमा व राहत पैकेज लागू किया जाए, कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मौसम-प्रतिरोधक सोयाबीन की उन्नत किस्में विकसित की जाएं, प्रसंस्करण इकाइयां और तेल उद्योग मालवा क्षेत्र में स्थापित किए जाएं, ताकि किसानों को बेहतर भाव मिल सके।
अंशुल बैरागी ने कहा कि मालवा का किसान मेहनती है, लेकिन प्रकृति की मार और अस्थिर बाजार के कारण लगातार घाटा झेल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार यदि मिलकर खरीफ फसलों खासकर सोयाबीन के लिए स्थायी नीति बनाएं, तो किसान की आय दोगुनी होगी और उनकी ज़िंदगी में स्थिरता आएगी।
इस पत्र के माध्यम से भाजपा नेता अंशुल बैरागी ने किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर रखने का कार्य किया है। अब देखना यह होगा कि सरकार किसानों की इस मांग पर कितनी शीघ्रता से ठोस निर्णय लेती है।



