जबलपुर में भाजपा नेता और पुलिस के बीच हाथापाई, वाहन चेकिंग के दौरान हुआ विवाद, सर्मथकों ने किया वबाल

जबलपुर में भाजपा नेता और पुलिस के बीच हाथापाई, वाहन चेकिंग के दौरान हुआ विवाद, सर्मथकों ने किया वबाल
जबलपुर। बलदेवबाग चौक पर वाहन जांच के दौरान पुलिस आरक्षक और पूर्व महापौर प्रभात साहू के बीच विवाद हो गया और उनके बीच झूमाझपटी हो गई। तभी पूर्व महापौर के समर्थक पहुंच गए। वह विरोध जताते हुए मौके पर खड़े पुलिस कर्मियों से भिड़ गए। जिसके बाद उनके बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर कई भाजपा नेता वहां पहुंच गए। जांच कर रहे यातायात पुलिस कर्मियों पर अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाया। जिम्मेदार आरक्षक पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। लगभग दो घंटे तक सड़क पर नारेबाजी एवं धरना चलता रहा। इस दौरान यातायात बाधित होने से चौक के चारों ओर सड़क पर वाहनों की पंक्ति लग गई।
पहले भाई निकले, रोका तो साहू पहुंचे-:
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यातायात पुलिस बलदेवबाग महिला मार्केट के सामने चेकिंग प्वॉइंट वाहनों की जांच कर रहे थे। तभी एक व्यक्ति मोटर साइकिल से पहुंचा। उसके साइंलेंसर की आवाज तेज होने पर पुलिस कर्मियों ने रोक लिया। उसने स्वयं को पूर्व महापौर का स्वजन बताया तो नसीहत देकर पुलिस कर्मियों ने छोड़ दिया। उसके कुछ देर बाद एक मोपेड पर सवार होकर पूर्व महापौर मौके से गुजरे। बिना हेलमेट होने ओर मोबाइल फोन पर बातचीत करते हुए जाता देखकर पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोका। मोपेड किनारे खड़ा करने बोला। जिस पर पूर्व महापौर परिचय देकर आगे जाने लगे। तभी एक आरक्षक उन्हें रोकने लगा और उनके बीच कहासुनी होने लगी। पूर्व महापौर ने आरक्षक को धक्का दे दिया। आरक्षक क्रोशित हो गया। दोनों के बीच सड़क पर ही हाथापाई हो गई।
सांसद, विधायक पहुंचे, समझाने पर शांत हुए-:
विवाद की सूचना पाकर सांसद आशीष दुबे, विधायक अभिलाष पांडे सहित भारतीय जनता पार्टी के कई नेता एवं कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। सभी घटना पर रोष व्यक्त किया। घटना में पूर्व महापौर को कान के पीछे और सिर के पास चोट लगने का आरोप लगाया। जिन्हें अपने साथ वाहन में बैठाकर वरिष्ठ नेता वहां से चले गए। वहीं, मौके पर एकत्रित कार्यकर्ताओं ने मामले में जिम्मेदार पुलिस आरक्षक पर कार्रवाई की मांग की। बढ़ते तनाव को देखते हुए कई थाने की पुलिस और एएसपी, सीएसपी, डीएसपी मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों से बातचीत की, लेकिन वह तुरंत एफआईआर की मांग पर अड़ गए। तभी पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय पहुंचे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब हंगामा शांत हुआ।