सुवासरामंदसौर जिला

मिठाई व्यवसायी के साथ 80 हजार रुपये की ठगी, पुलिस ने कहा जांच चल रही 

मिठाई व्यवसायी के साथ शुक्रवार को 80 हजार रुपये की ठगी, पुलिस ने कहा जांच चल रही 

सुवासरा- नगर में एक मिठाई व्यवसायी के साथ शुक्रवार को 80000 रुपये की ठगी हो गयी। जैन मिष्ठान भंडार के संचालक विजय जैन के पास 17 सितंबर को निरुपम राय नाम का एक व्यक्ति पहुंचा। और पंजाब सिंध बैंक की नई शाखा खोलने के लिए पहले तो निर्माणाधीन घर वाली जगह मांगी। मिठाई व्यापारी के द्वारा मना करने पर उस व्यक्ति ने मिठाई दुकान को ही बैंक लगाने हेतु देने के लिए राजी कर लिया। व्यक्ति ने बैंक लगाने के लिए सभी कागजी खाना पूर्ति के लिए मिठाई व्यवसायी से बात कर ली। इसके बाद व्यवसायी से एक 200 रुपये राशि का 4 अक्टूबर 25 की तारीख का चेक लेकर चला गया। शुक्रवार को सुबह 10:30 व्यापारी के मोबाइल पर ₹80000 उसके खाते से पैसे निकालने का मैसेज पहुंचा तो व्यापारी सकते में आ गया ।वह कुछ समझ पाता इसके पहले निरुपम राय नाम का वह फर्जी व्यक्ति बैंक से फरार हो चुका था। व्यापारी बैंक पहुंच तो उसने बैंक मैनेजर और स्टाफ से अपने खाते में से कम हुई राशि के बारे में जानकारी ली। तो उन्होंने व्यापारी को हिमांशु नामक व्यक्ति को दिए चेक के बारे में बताया। ठगी करने वाले उस व्यक्ति ने जब बैंक में चेक दिया तो उसमें हिमांशु सिंधीया नाम लिखा हुआ था।

व्यापारी ने बैंक मैनेजर से कहा कि मैं तो ₹80000 का किसी भी प्रकार का कोई चेक किसी को नहीं दिया है। और जिस निरुपम नाम के व्यक्ति को चेक दिया था। उसमें केवल 200rs की राशि चेक में लिखी गयी थी। और चेक के पीछे की ओर मैंने कोई हस्ताक्षर भी नहीं किए थे। जबकि उस व्यक्ति ने जो रूपया निकाला उसमें चेक के पीछे दो जाली साइन किए हुए थे। इसके बाद व्यापारी ने पुलिस थाना पहुंचकर पूरा घटनाक्रम थाना प्रभारी कमलेश प्रजापति को बताया और फर्जीवाड़ा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया। बाद में पुलिस ने भी बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले।जिसमें एक व्यक्ति चश्मा लगाकर बैंक में आता है और वह चेक कैशियर को देता है उसके बाद वहां से पैसे लेकर चला जाता है। नगर में इस तरह की जालसाजी की यह पहली घटना है। जिसमें चेक में डाली गई रकम को बदलकर और जाली हस्ताक्षर के द्वारा व्यापारी के साथ फर्जीवाड़ा किया गया।

व्यापारी के अनुसार जब उसने चेक के पीछे हस्ताक्षर नहीं किए थे तो बैंक ने किस आधार पर उस व्यक्ति को इतनी बड़ी राशि का भुगतान कर दिया। जबकि व्यापारी ने बताया कि चेक के पीछे जो हस्ताक्षर है वह मेरे नहीं है और वह चेक के आगे किए हुए हस्ताक्षर से भी मिल नहीं खाते हैं।

इनका कहना 

व्यापारी का आवेदन आया है जांच चल रही है।

           –    कमलेश प्रजापति  थाना प्रभारी सुवासरा

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