सब योनियों में मानव श्रेष्ठ श्रेष्ठ योनी है-
सब योनियों में मानव श्रेष्ठ श्रेष्ठ योनी है-
खड़ावदा निप्र सद्गुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज की असीम कृपा से गरोठ के श्रीसत्यनारायण भगवान मंदिर के परिसर में सत्संग का कार्यक्रम संपन्न हुआ ।
सत्संग की अध्यक्षता ज्ञान प्रचारक परम पूज्य महात्मा मिथिलेश कुमार जी चौबे कटनी शहर से पधार कर सद्गुरु का संदेश सुनते हुए उन्होंने कहा कि प्यार से कहना धन निरंकार जी।
आज संत महात्मा इस निराकार की महिमाओं का यशोगान कर रहे थे ।84 लाख योनियों को बाद हमें मानव जन्म मिला हम बड़े भाग्यशाली हैं।मानव योनि में परमात्मा को पाया जा सकता है।नभचर जल चर थलचर योनि मिली है । सभी योनि में बहुत कष्ट होता उठाया है।जब समय का सदगुरु मिल जाता है तो सारी योनियों के बंधन कट जाते हैं।
परमात्मा के हजारों नाम है।चाहे जिस नाम से पुकारो सभी अलग-अलग नाम से इसका नाम लेते हैं।कबीर साहब ने कहा मौकों काह ढूंढे बंदा मैं तो तेरे पास हूं खोजी होता तुरंत मिल जाऊ।पल भर की तलाश में।परमात्मा को पाया जा सकता है।बस सिर्फ हमारे मन में जिज्ञासा होना चाहिए।
यह कभी राम बनकर आया कभी मोहम्मद बनकर आया कभी गुरु नानक बन कर आया कभी भगवान श्री कृष्ण बनकर आया।मानवता का ही कल्याण किया है।भूली बिसरी हुई मानवता को परमात्मा से जोड़ा । यह कार्यसिर्फ पूर्ण सद्गुरु ही कर सकता है।
हमें सारी जाति पाति की दीवारों को तोड़कर एक ही परमात्मा का हमें हमेशा ध्यान करना चाहिए।सद्गुरु हमेंभव से पार लगाते हैं।संत निरंकारी मिशन कोई जाति धर्म मजहब नहीं है।सिर्फ यह एक विचारधारा है।सभी धर्म का एक यह सांझा मिशन है।नर सेवा ही नारायण पूजा ।और नहीं कोई दूजा धर्म है।
आज समय के सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ब्रह्म ज्ञान देकर लाखों लाखों जीवो का कल्याण कर रहे हैं।आत्मा परमात्मा की अंश है।सद्गुरु सिर्फ मिलने का कार्य करता है।संत महापुरुषों ने कहा कि सभी योनियों में मानव योनि श्रेष्ठ है।
परमात्मा को पाया जा सकता है बाकी योनियों में नहीं पाया जा सकता है। महात्मा राधेश्याम जी जी ने बहुत सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। साध संगत प्यार से कहना धन निरंकार
मंच संचालन ब्रांच के मुखी महात्मा राधेश्याम निरंकारी जी ने एवं आभार:महात्मा ओम प्रकाश सूर्यवंशी ने माना।यह जानकारी ब्रांच सहायक मीडिया प्रभारी श्री मांगीलाल मंडलोई ने दी।