अफिम किसान व कृषक संगठनों ने किया सांसद महोदय का धन्यवाद

अफिम किसान व कृषक संगठनों ने किया सांसद महोदय का धन्यवाद
पिपल्या जौधा (मानसिंह डाॅंगी) मंदसौर संसदीय क्षेत्र के अफिम कास्तकारो सहित अफिम उत्पादक संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरसिंह डॉंगी ने लोकप्रिय सांसद सुधिर गुप्ता व सिपी जोशी का किसानों कि तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया कि वर्तमान अफिम पालीसी किसानों को थोड़ी राहत देने वाली है पर अभी भी सैकड़ों किसान है जो सिपीएस पद्धति कि मार जेल रहे हैं जिसकी तरफ सरकार को ध्यान आकर्षित करना चाहिए व सिपीएस पद्धति को पुरी तरह से विलुप्त करना चाहिए जिससे किसानों को राहत मिले
अफिम किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष नरसिंह डॉंगी ने बताया कि सरकार को एसी निती को अमल में लाना चाहिए जिससे अधिक किसानों को फायदा पहुचे व किसानों को ईस खेती से लाभ प्राप्त हो सके वर्तमान समय में सरकार किसानों को प्रति किलो अफिम के 1200 से लेकर 1600,1700,1800, रुपए के हिसाब से भुगतान कर रही है जो किसानों के साथ एक मजाक बना हुआ है जबकि सरकार उसी अफिम को अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों के भाव में बेच सकती है पर किसानों को सरकार उनके हक का पेसा नहीं दे रही है यह किसानों के लिए बड़े दुःख कि बात है ईस रेट में तो किसानों कि स्थिति बड़ी दयनीय हो चुकी है जिसपर केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व अफिम क्षेत्र से जुड़े सांसद महोदय को विचार करना चाहिए कि किसान बड़ी मेहनत के साथ रात दिन करके अफिम फसल को पैदा करता है और सरकार उससे सिर्फ 1200 रुपए प्रति किलो के भाव से अफिम खरिदती है जो सरासर किसान के साथ अन्याय है ईस तरह के रवये को लेकर किसानों के मन में बड़ी पिड़ा है कि सरकार आखिर अबतक उनकी ईस व्यथा को क्यु नहीं समज पा रही है ईस व्यथा के चलते किसानों को लगता है कि वो आजभी अंग्रेजी शासन में जी रहे हैं।
ईसपर सरकार को ध्यान आकर्षित करना चाहिए व किसानों को उनकी मेहनत का उचित दाम मिलना चाहिए जिसके वो हकदार हैं व अफिम में मार्फीन पद्वति को पुरी तरह से बंद करना चाहिए मार्फीन कि गुणवत्ता प्रकृति पर निर्भर है किसान के हाथ में कुछ नहीं है जब मार्फीन कि मात्रा कम या अधिक किसान के हाथ में नहीं है तो आखिर सरकार अफिम किसानों को मार्फीन के नाम पर ब्लैकमेल क्युकर रही है कि इतने प्रतिशत मार्फीन नहीं आई तो आपका लाईसैंस रोक दिया जाएगा जबकि मार्फीन कि मात्रा तय करना पुरी तरह प्रकृति पर निर्भर है न कि किसान पर फिर भी सरकार किसानों को दोषी मान रही है जो अफिम किसानों के लिए बड़े दुःख कि बात है ईन्ही नियमो के चलते किसानों को लगता है कि सरकार उनके साथ सोतेला व्यवहार कर रही है
अफिम किसान नेता नरसिंह डॉंगी ने बताया कि ईन नितियो के चलते किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है व उसे उसकी मेहनत का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है जबकि उसपर बिना मतलब के नियम थैपे जा रहै है जिसपर क्षेत्रिय सांसद महोदय को गहन विचार करना चाहिए कि आखिर ईन नियमो के चलते किसान कितना हताश बेबस व लाचार है कि जिसके बारे में वो (मार्फीन) जानता नहीं उसकी भी किसान को पुर्ती करना है जो अबतक उसके बस से बाहर है इसलिए सरकार को मार्फीन व सिपीएस पद्धति को पुरी तरह समाप्त कर अफिम का रेट बड़ा कर किसानों को राहत देनी चाहिए।