पिपलोदारतलाम

मुख्यमंत्री डां मोहन यादव पहुंचे सैलाना के करिया गांव सीएम ने खेतों में जाकर देखी सोयाबीन की फसल

,रिपोर्टर जितेन्द्र सिंह चंद्रावत जडवासा

मुख्यमंत्री डां मोहन यादव पहुंचे सैलाना के करिया गांव सीएम ने खेतों में जाकर देखी सोयाबीन की फसल

सैलाना – सैलाना में अतिवृष्टि से फसलें तबाह हुई है। किसानों का दुख-दर्द क्या होता है, यह मुझे पता है। प्रदेश में कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि की स्थिति है। ऐसी स्थिति में जहां भी किसानों का नुकसान हुआ है, उसका सर्वे कराकर प्रदेश सरकार उन्हें भरपूर मुआवजा देगी। किसान खबराए नहीं, सरकार उनके साथ है। आगामी वर्षों में हमारी सरकार प्रदेश के 30 लाख किसानों को सोलर पंप देकर बिजली के झंझट से मुक्त करने के अभियान में जुट गई है। दिल्ली में मोदी जी की सरकार और प्रदेश में हमारी सरकार किसानों के साथ है और रहेगी। किसान हमारा अन्नदाता है। जिस प्रकार से सीमा पर जवान हमारी ताकत है उसी प्रकार से खेत में किसान भी हमारी ताकत है।यह बात कही प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने। सैलाना के करीबी ग्राम करिया में किसान चौपाल में अपने निर्धारित समय से लगभग डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे डॉक्टर यादव बिना किसी भूमिका के सीधे अपना उद्बोधन दे रहे थे। उद्बोधन के पूर्व वै सिधे जनता के बीच पहुंचे और उनके ज्ञापन आवेदन प्राप्त किए।

ग्राम करिया के पाटीदार धर्मशाला में आयोजित किसान चौपाल में किसानों से रुबरु हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा जब तक प्रदेश व देश में भाजपा की सरकारे हैं किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार हर समय आपके साथ खड़ी है। गेहूं आने वाले समय में हम 2700 रूपए में खरीदेंगे। यह सरकार किसानों सरकार है। गौशालाओं में प्रति गाए प्रतिदिन हमने 40 रुपए देना शुरु कर दिया है। आवारा गाये बाहर नहीं घुमे और गोशाला में सुरक्षित खानपान के साथ रहे ये प्रदेश सरकार का प्रयास है। नील गायों से मुक्ति दिलाने के भी प्रयास भी जारी है। इन्हें गांधी सागर भेजा जाएगा।आंबा क्षेत्र के किसान हुए मायूस। पिछले तीन चार दिनों से आम्बा में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर खासे उत्साहित थे परंतु शुक्रवार की सुबह किसानों को पता चला कि मुख्यमंत्री जी आम्बा न आकर सैलाना और करिया का दौरा कर वापस वहां से वापस लौट जाएंगे।जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई।इधर सीएम यादव के स्वागत की तैयारियां धरी की धरी रह गई।

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