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आशा-उषा-आशा पर्यवेक्षक एकता यूनियन ने सभा, रैली आयोजित कर दिया मांगों का ज्ञापन

 स्थायी प्रोत्साहन राशि 1500 रू. प्रतिमाह वृद्धि की अधिसूचना तुरंत जारी करें

मन्दसौर। आशा-उषा-आशा पर्यवेक्षक एकता यूनियन म.प्र. (सीटू) द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भारत सरकार के नाम सीएमएचओ मंदसौर के माध्यम से ज्ञापन देकर स्थायी प्रोत्साहन राशि 1500 रू. प्रतिमाह वृद्धि की घोषणा एवं अन्य सभी प्रोत्साहनों की मार्च 2025 से तत्काल कार्यान्वयन की मांग की।
इसके पूर्व दशपुर कुंज में कार्यकर्ताओं की सभा आयोजित हुई। सभा पश्चात् सभी रैली के रूप में सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे जहां पर ज्ञापन दिया गया। सभा को संबोधित करते हुए यूनियन पदाधिकारियों नेकहा कि विगत 25 जुलाई लोकसभा में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि आशा को नियमित एवं आवर्ती गतिविधियों के लिए प्रति माह 3,500 का स्थायी प्रोत्साहन दिया जाता है, जिसे हाल ही में 2,000 प्रति माह से बढ़ाकर किया गया है, जो 4 मार्च 2025 को आयोजित मिशन स्टीयरिंग ग्रुप (एमएसजी) की प्रवीं बैठक में निर्णय लिया गया था। हमें यह भी स्मरण है कि 11 मार्च 2025 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की 9वीं मिशन स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक में, जिसकी अध्यक्षता उन्होंने ही की, यही घोषणा की थी। आश्चर्य इतने महत्वपूर्ण निर्णय की न तो मंत्री द्वारा और न ही अधिकारियों द्वारा कोई औपचारिक घोषणा की गई। यदि आशा को बढ़ी हुई राशि मिल रही है तो फिर पाँच महीने बाद भी देश की किसी भी आशा कार्यकर्ता को यह बढ़ी हुई राशि क्यों नहीं मिली? भारत सरकार इस पर स्पष्टता लाए और मार्च 2025 से प्रभावी रूप से वृद्धि को लागू करे। साथ ही पर्यवेक्षकों को इस वृद्धि का लाभ न मिलना अत्यंत निंदनीय है। हमने पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) को अस्वीकार कर दिया है जिसके अंतर्गत 10 वर्ष सेवा के बाद मात्र 20 हजार रू. का भुगतान प्रस्तावित था, जिसे सरकार अब 50 हजार रू. बताकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है। हमारी मांग है कि सरकार आशा कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य वैधानिक लाभों सहित एक ठोस सेवानिवृत्ति नीति लाए।
दिये गये ज्ञापन में मांग की कि मार्च 2025 से प्रभावी रूप से स्थायी प्रोत्साहन 1500 रू. प्रतिमाह सहित प्रोत्साहन वृद्धि की अधिसूचना तुरंत जारी करें एवं राज्यों को पर्याप्त निधि आवंटित करें। साथ ही आशा पर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि करें। आशा कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों का वेतन संरचना प्रोत्साहन-आधारित प्रणाली की जगह न्यूनतम 26 हजार रू. प्रतिमाह तय वेतन के रूप में सुनिश्चित करें। पेंशन एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ -ग्रेच्युटी, पी.एफ., ई.एस.आई आदि 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार आगामी केंद्रीय बजट में लागू करें। आशा कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों को ग्रेड-3 सरकारी कर्मचारी के रूप में नियमित करें। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को स्थायी स्वास्थ्य कार्यक्रम बनाएं। एनएचएम हेतु बजटीय आवंटन बढ़ाएं तथा विभिन्न राज्यों को बकाया केंद्रीय अंश तुरंत जारी कर एएसएचए कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों के वेतन बकाया का भुगतान करें। देशभर में आशा कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों के लिए समान कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करें, जिनमें एएनएम पद पर पदोन्नति का अवसर शामिल हो। आशा कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों के लिए 6 माह का सवेतन मातृत्व अवकाश, 20 दिन का आकस्मिक अवकाश और चिकित्सकीय अवकाश सुनिश्चित करें। पर्याप्त कार्य अधोसंरचना उपलब्ध कराएं स्कूटर/यात्रा व्यय वास्तविक रूप में, उच्च गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन/टैबलेट, डेटा पैक और नेटवर्क सुविधा; साथ ही कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करें। स्वास्थ्य सेवाओं (अस्पतालों सहित) जैसी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण के प्रस्तावों को वापस लें। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर जीडीपी का 6 प्रतिशत व्यय सुनिश्चित करें। चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड) को वापस लें तथा आशा कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों को श्रम कानूनों के अंतर्गत शामिल करें। मार्च 2025 से प्रोत्साहन वृद्धि हेतु आदेश तुरंत जारी करने के साथ-साथ आशा कार्यकर्ताओं एवं पर्यवेक्षकों के लिए न्यूनतम वेतन, वैधानिक अवकाश, पेंशन, ग्रेच्युटी, सामाजिक सुरक्षा एवं कार्यस्थल की सुरक्षा का प्रावधान सुनिश्चित करें।
ज्ञापन का वाचन हुरबानो सैफी ने किया। इस अवसर पर यूनियन जिलाध्यक्ष माधुरी सोलंकी, जिला महासचिव दीपिका हलकारा, आशा कार्यकर्ता सज्जनकुंवर, दुर्गा मकवाना, आशा पर्यवेक्षक संगीता माली, हेमलता दोसावत, आशा कार्यकर्ता उषा दमामी, रामकन्या सूर्यवंशी, उमा परिहार, टीना, चंदा दमामी, ममता गोस्वामी, हूरबानो सैफी, भारती शर्मा, मंजू जेठानिया, सीमा चौहान सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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