मध्यप्रदेशरतलाम

समाचार मध्यप्रदेश रतलाम 10 सितम्बर 2025 बुधवार

जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत 167 हितग्राहियों को सहायता राशि अंतरित की गई

मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत आज  मुख्यमंत्री प्रतिकक्ष, मंत्रालय, भोपाल से सिंगल क्लिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के 167 हितग्राहियों को कुल 3,61,00,000/- करोड़ की अनुग्रह सहायता राशि का अंतरण मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के द्वारा किया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन एन.आई.सी. कक्ष कलेक्टोरेट, रतलाम में किया गया जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लालाबाई शंभूलाल चंद्रवंशी, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती साधना बद्रीलाल जयसवाल, अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री निर्देशक शर्मा, डिप्टी कमिश्नर श्री करूणेश दण्डोतियां, सहायक श्रम पदाधिकारी श्री सुधीश कमल तथा लाभान्वित होने वाले हितग्राही उपस्थित थे।

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मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर प्रकरण लंबित होने के कारण एक हजार अर्थदण्ड अधिरोपित

लोकसेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पिपलोदा का कुल 01 प्रकरण समय-सीमा से बाहर पाया गया। अधिनियम के अनुसार समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण न किए जाने के संबंध में पदाभिहीत अधिकारी श्री अनवर गौरी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पिपलोदा को कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर जवाब चाहा गया परंतु श्री अनवर गौरी द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषप्रद नही पाया गया।

आवेदक को समय-सीमा में सेवा प्रदाय न किए जाने के कारण आवेदन समय सीमा के बाहर प्रदर्शित होता रहा, जो कि म.प्र. लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 का उल्लंघन है। अधिनियम की धारा 7 (1)(क) के तहत कलेक्टर श्री राजेश बाथम द्वारा पदाभिहीत अधिकारी श्री अनवर गौरी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पिपलोदा पर विवाह का पंजीयन प्रकरण लंबित होने के कारण एक मुश्त  1000/-(एक हजार रूपए मात्र) का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है।

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जनसुनवाई में 90 आवेदन पर हुई सुनवाई

कलेक्ट्रेट कार्यालय में आज मंगलवार को जनसुनवाई आयोजित की गई। जनसुनवाई में एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने आवेदकों से आवेदन प्राप्त किये। जनसुनवाई में 90 आवेदन प्राप्त हुए। निराकरण योग्य आवेदनों का मौके पर ही उपस्थित विभागीय अधिकारियों से निराकरण करवाया गया एवं शेष आवेदनों का समय सीमा में निराकरण करने के लिए संबंधित विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया गया।

आवेदक मदनसिंह पिता रतनसिंह राजपुत निवासी वार्ड क्रमांक 02 ठिकरिया बड़ावदा तह. जावरा जिला रतलाम ने बताया कि अत्यधिक वर्षा के कारण मेरे मकान में पानी भर गया है व दीवार गिर गई है। मेरे द्वारा प्रधानमंत्री आवास हेतु आवेदन किया गया है सभी वांछित दस्तावेज नगरपरिषद को उपलब्ध कराए गए है परन्तु नगरपरिषद के इंजीनियर, कर्मचारी, सीएमओ द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है। आवेदक द्वारा प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिलवाने हेतु आवेदन किया गया, कार्यवाही हेतु संबंधित आधिकारियों को निर्देशित किया गया। आवेदक ईश्वर लाल पिता नानुराम पाटीदार निवासी ग्राम अमलेटा द्वारा बताया गया कि मेरा इकलौता पुत्र बालकृष्ण खाद बीज लेने हेतु रतलाम गया हुआ था रास्ते में रतलाम और डोसीगांव के बीच वाहन से सड़क दुर्घटना से मृत्यु हो गई। आवेदक द्वारा शासन कि योजना से लाभ एवं आकस्मिक दुर्घटना पर मिलने वाली आर्थिक सहायता हेतु आवेदन दिया गया। निराकरण हेतु एसडीएम रतलाम शहर को निर्देशित किया गया।

आवेदक नाथी पति बाबुलाल भाभर निवासी करमदी ने बताया कि शासन की योजना अंतर्गत पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा था किन्तु 2023 से राशि मिलना बंद हो गया मेरे द्वारा पटवारी को भी अवगत करवाया गया  लेकिन कोई समाधान नही हो पाया। कार्यवाही हेतु तहसीलदार रतलाम शहर को निर्देशित किया गया। आवेदक शीला पति राहुल वसुनिया निवासी ग्राम मन्याबारी सैलाना ने आवेदन दिया कि आगनवाडी केन्द्र में सहायिका हेतु आवेदन किया गया था। पात्र सूची में राजेश्वरी हटीला का नाम प्रथम स्थान पर दर्शाया गया। जो कि ग्राम मन्याबारी की मूलनिवासी नही है।  जिस कारण मेरे द्वारा आपत्ति लगाई गई। निराकरण हेतु महिला एवं बाल विकास को निर्देशित किया गया।

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जिले में स्थापित होंगे 17 बायो इनपुन रिसोर्स सेन्टर

भारत सरकार के कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना अंतर्गत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सफलतापूर्वक प्राकृतिक खेती करने हेतु समस्त आवश्यक प्राकृतिक आदानों (इनपुट) का समय पर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने हेतु जिले में 17 बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) स्थापित किए जाएगे। जिले में योजना के अंतर्गत 25 नेचुरल फार्मिंग कलस्टर बनाए गए है हर 03 कलस्टर पर 2 बीआरसी की स्थापना की जानी है।

बीआरसी के लिये आवेदन स्थानीय कृषि उद्यमी, किसान उत्पाद संगठन, स्वयं सहायता समिति, मार्यादित सेवा सहकारी समिति मर्यादित आदि आवेदन कर सकते है। आवेदन निर्धारित प्रपत्र में 18 सितम्बर शाम 6 बजे तक विकास खण्ड क्रियान्वयन संस्थाए विकास खण्ड तकनीकी प्रबंधक (बीटीएम) आत्मा परियोजना संचालक आत्मा को देना होगा, जिले में बीआरसी विकास खण्ड रतलाम में 03, सैलाना में 03, बाजना में 02, पिपलौदा में 03, जावरा में 03 एवं आलोट में 03 कुल 17 सेंटर स्थापित किए जाएगे। आवेदन के साथ जरूरी दस्तावेज में संस्था का पंजीयन, आधार कार्ड, पैन कार्ड, और सदस्यों की सूची देना अनिवार्य है। साथ ही उत्पादों के भंडारण की व्यवस्था कम से कम दो वर्षो का प्राकृतिक खेती का अनुभव बीआरसी संचालन का विस्तृत बिजनेस प्लान देना होगा। इससे सेंटर का स्थान, वहां की खेती की स्थिति, सेवा क्षेत्र का बाजार विश्लेषण जागरूकता और विपणन की रणनीति जैव इनपुट की बिक्री योजना शामिल होनी चाहिये। प्राकृतिक खेती के लिए उत्पादित जैव इनपुट की सूची, कच्चे माल की उपलब्धता और सोर्सिंग का विवरण भी देना होगा। बीआरसी के पास पशुधन पौधे पर आधारित बायोमास जैसे कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिये। यदि गोमूत्र और गोबर की आपूर्ति स्वयं नहीं हो तो पांच किमी के दायरे में स्थित गोशाला से व्यवस्था करनी होगी। बीआरसी संचालन के लिए स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पाद संगठन, प्राथमिक सेवा सहकारी समिति गोशाला ग्राम पंचायत या अन्य समुदाय आधारित संगठन से साझेदारी का विवरण देना होगा। आवेदक को अपने खेत में जैव इनपुट का उपयोगकर्ता होनी चाहिये यदि कलस्टर क्षेत्र में कोई संस्था एफपीओ या समूह उपलब्ध या पात्र नहीं है तो वहा प्राकृतिक खेती करने वाले कृषि उद्यमी का चयन किया जाएगा।

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सफलता की कहानी सरवन निवासी रकमा की जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक की गई उपचार के बाद मरीज के परिजनों ने आभार जताया

जिला चिकित्सालय रतलाम में सिविल सर्जन डॉ एम एस सागर के मार्गदर्शन में मरीजों की जटिल सर्जरी का सफलतापूर्वक उपचार किया जा रहा है।  सिविल सर्जन डॉ एम एस सागर ने बताया कि ग्राम सरवन जिला रतलाम  निवासी रकमा का तीन माह पूर्व एक्सीडेंट हो गया था जिसके कारण उन्हें मेडिकल कॉलेज रतलाम में भर्ती कराया गया था , जहाँ चोट के कारण उसकी ऑत फटने पर पेट का ऑपरेशन कर ऑत रिपेयर कर मल विसर्जन के लिये रास्ता बनाया गया था।  सामान्यतः इस रास्ते पर तीन माह में बंद किया जाता है। किंतु रकमा मेडिकल कॉलेज एवं अन्य अस्पताल में भी उपचार हेतु गया, किंतु बाहर के मल विसर्जन के रास्ते को कोई बंद नहीं कर पा रहा था। तब मरीज जिला चिकित्सालय रतलाम में आया एवं डॉ. बी.एल. तापडिया, शल्यक्रिया विशेषज्ञ को दिखाया। डॉ. तापडिया ने मरीज को सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर समस्त जांचे करने के पश्चात् 02 सितंबर को ऑपरेशन कर मरीज के पेट पर बनाया गया मल विसर्जन का रास्ता बंद कर दिया। ऑपरेशन के दौरान सफल निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. महेश मौर्य ने प्रदान किया तथा ओ.टी. स्टॉफ ने ऑपरेशन में मदद की थी।

08 सितंबर तक मरीज जिला अस्पताल में मेल सर्जिकल वार्ड में भर्ती रहा तथा यहां सर्जिकल वार्ड स्टॉफ सिस्टर ने कुशलतापूर्वक देखभाल कर मरीज के स्वास्थ्य में निरंतर सुधार हेतु सेवायें दी गई । मरीज के स्वास्थ्य में सुधार होने पर 09 सितंबर को जिला अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। मरीज द्वारा ऑपरेशन के पश्चात् अपने प्राकृतिक रास्ते से मल विसर्जन करना प्रारंभ कर दिया है। मरीज एवं मरीज के परिजन ने  शासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के लिए सरकार एवं जिला चिकित्सालय के डॉक्टर दी गई सेवाओं से अति प्रसन्न होकर स्टॉफ कोधन्यवाद दिया।

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