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सीट उपलब्ध न होने के बावजूद उसे अस्थायी प्रवेश प्रदान किया, नर्सिंग कॉलेज के विरुद्ध कोर्ट में मुक़दमा दर्ज करवाया

नर्सिंग स्टूडेंट के भविष्य पर संकट मंडरा रहा

सीट उपलब्ध न होने के बावजूद उसे अस्थायी प्रवेश प्रदान किया, नर्सिंग कॉलेज के विरुद्ध कोर्ट में मुक़दमा दर्ज करवाया

मंदसौर- मध्यप्रदेश के डेढ़ लाख से ज़्यादा नर्सिंग स्टूडेंट के भविष्य पर संकट मंडरा रहा हैं हालत यह हैं कि जिन स्टूडेंट को अब तक डिग्री मिल जानी चाहिए थी वो पहले साल की परीक्षा का ही इंतज़ार कर रहे थे जी हा यह मामला हैं मध्यप्रदेश के मंदसौर के श्री जी नर्सिंग कॉलेज का जहां पर एक छात्रा रेणुका डांगी ने 2022-23 में श्री जी नर्सिंग कॉलेज मंदसौर में BSC नर्सिंग फस्ट ईयर में यह सोचकर एडमिशन करवाया था कि वो एक नर्स बनकर माँ पापा का सपना पूरा करेगी और एक अच्छी डॉक्टर बनकर सेवा करेगी लेकिन हालत यह रही कि छात्रा के भविष्य के साथ ही खिलवाड़ हो रहा था छात्रा ने एडमिशन लिया जिसकी फ़ीस इतनी हैं कि ब्याज से पैसे लेकर कॉलेज की फ़ीस क़रीबन एक लाख पाँचसो रुपये जमा करवाई और कॉलेज ने फ़ीस की रसीदें ही हाथों से लिखी हुई थमा दी थी

आइये आपको बताते हैं पूरी कहानी यह हैं मंदसौर का निजी कॉलेज श्री जी नर्सिंग जहां पर लगभग 2 साल से नर्सिंग की एग्जाम नहीं होने के कारण छात्रा काफ़ी परेशान हुई छात्रा जब एडमिशन निरस्त करने कि लिए 1 महीने से कॉलेज के चक्कर लगा रही थी और कॉलेज स्टाफ़ ऐसी की ठंडी हवा लेते हुए लगभग एक महीने से कल आना परसों आना करके छात्रा को गुमराह करते जा रहे थे जब छात्रा ने शिकायत करने की बात कही तो नर्सिंग कॉलेज के डाइरेक्टर और प्रिंसिपल से अपनी बात रखी और कहा कि लगभग 2 साल से एग्ज़ाम नहीं हुई और आगे कब तक ऐसे एग्जाम नहीं हुये तो भविष्य ही बिगड़ेगा और मेरे 2 साल से भविष्य ही बिगड़ा हैं इसका जिम्मेदार कौन हैं आप हमारे सारे ओरिजिनल डॉक्यूमेंट और पैसे वापिस कर दीजिए हमें नहीं पढ़ना इस कॉलेज में हम दूसरे कॉलेज में एडमिशन करवायेंगे तो कॉलेज स्टाफ़ ने फ़ीस वापस देने से साफ़ साफ़ मना कर दिया कि फ़ीस नहीं मिलेगी छात्रा ने आवाज़ उठाई तो श्री जी कॉलेज के डायरेक्टर दीपक सेनी ने पल्ला जड़ते हुए कहा कि डॉक्यूमेंट तो मिल जाएँगे लेकिन फ़ीस नहीं मिलेगी हाई कोर्ट का निर्देश आया हैं कि कोई भी विद्यार्थी 3 माह तक पढ़ाई कर लेता है तो उसकी फ़ीस वापस नहीं मिलती हैं और इतना ही नहीं ज्ञान के मंदिर को ही कारोबार बताकर अपना पल्ला जाड़ दिया था जिसके बाद नर्सिंग कॉलेज के विरुद्ध कोर्ट में मुक़दमा दर्ज करवा दिया और लगभग एक साल तक मुकदमा चलने का बाद श्री जी नर्सिंग कॉलेज द्वारा छात्रा शारारिक मानसिक प्रताड़ना झेलते हुए कोर्ट ने छात्रा के पक्ष में फैसला सुना दिया

दिनांक 8/9/2025

जिला उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग, मंदसौर के माननीय न्यायाधीश महोदय द्वारा आज एक निर्णय पारित किया गया।

मामला एक छात्रा से संबंधित था, जिसने प्राइवेट महाविद्यालय मंदसौर में बी.एससी. नर्सिंग कोर्स हेतु प्रवेश लिया था। महाविद्यालय द्वारा सीट उपलब्ध न होने के बावजूद उसे अस्थायी (प्रोविजनल) प्रवेश प्रदान किया गया। लगातार दो वर्षों तक परीक्षा आयोजित न होने और फीस की रसीद उपलब्ध न कराने पर जब छात्रा ने जानकारी मांगी तो यह स्पष्ट हुआ कि कॉलेज ने उसका प्रवेश अस्थायी कर दिया है।

यह आचरण छात्रा के भविष्य एवं शिक्षा के अधिकार के साथ खिलवाड़ माना गया। प्रकरण में पैरवी दीपक कुमार प्रजापत एडवोकेट एवं संजय सिंह डांगी द्वारा प्रस्तुत परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज ,दलीलों पर विचार करते हुए आयोग ने छात्रा के पक्ष में निर्णय दिया और प्रतिवादी संस्था को निम्न आदेश दिए—

🏛 आयोग का निर्णय :

1. प्रतिवादी संस्था परिवादिनी द्वारा जमा की गई ₹1,00,500/- (एक लाख पाँच सौ रुपए) फीस आदेश दिनांक से 30 दिन के भीतर लौटाए।

2. परिवादिनी को दो वर्ष बर्बाद होने के कारण हुए शैक्षणिक नुकसान की भरपाई स्वरूप ₹1,00,000/- (एक लाख रुपए) तथा मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना मद में ₹10,000/- (दस हजार रुपए), दिनांक 27.06.2024 से निर्णय दिनांक तक 6% वार्षिक साधारण ब्याज सहित अदा करे।

4. ⁠3. प्रतिवादी संस्था को आदेशित किया गया कि वह परिवादिनी को आदेश दिनांक से 30 दिन के भीतर टीसी एवं माइग्रेशन प्रमाणपत्र प्रदान करे।

5. ⁠4. शेष व्यय उपयाचक स्वयं वहन करेंगे।

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