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भवानीमंडी में यादगार शाम: आशा भोसले के 92वें जन्मदिवस पर गूंजे सदाबहार नगमे

श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से दिया स्वरसम्राज्ञी को जन्मदिन उत्सव की शुभकामनाएं

भवानीमंडी। स्वर की मल्लिका, पद्मविभूषण व दिग्गज पार्श्वगायिका आशा भोसले के 92वें जन्मदिवस पर यादगार सांस्कृतिक मंच का माहौल पूरी तरह संगीतमय हो गया। मंगलवार रात यादगार सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम में जब उनके अमर गीत गूंजे तो उपस्थित दर्शक संगीत की दुनिया में खो गए। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ आयोजन की शुरुआत हुई।

इसके बाद मंच के कलाकारों ने आशा भोसले के जीवन व संगीत सफर पर रोशनी डाली और उन्हें भारतीय संगीत की अमर सुरसम्राज्ञी बताया। गीतों की सुरमयी बारिश शाम होते ही गीतों की महफ़िल सजी और एक के बाद एक हिट नगमे गूंजते रहे।

“चुरा लिया है तुमने जो दिल को”

“ओ मेरे सजन हैं उस पार”

“दिल चीज़ क्या है आप मेरी जान लीजिए”

“इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा”

“गर्ने से कोई रोके मेरा दिल ना धड़के”

इन गीतों की मधुर लहरियों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। हर प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही और देर रात तक पूरा मंच संगीत रस में डूबा रहा । विशेष आकर्षण कलाकारों में किशोर राठौड़, हर्षवर्धन चौधरी, नवीन जांगिड़ और अनील कुमार गुप्ता की शानदार प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। मंच संचालन ललित जांगिड़ ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अरुण गर्ग ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि अनिल कुमार गुप्ता मौजूद रहे।

मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि आशा भोसले केवल एक गायिका नहीं बल्कि भारतीय संगीत की वह सुरधारा हैं, जिनकी आवाज़ हर पीढ़ी के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी। अंत में मंच अध्यक्ष अरुण गर्ग ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि यह आयोजन हर साल होगा। ताकि नई पीढ़ी भी आशा जी के अमर गीतों से जुड़ सके।

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