भगवान को कराया जल विहार…डोल ग्यारस पर मंदिरों से निकले विमान

भगवान को कराया जल विहार…डोल ग्यारस पर मंदिरों से निकले विमान
पालसोड़ा – पालसोड़ा मे डोल ग्यारस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया ।डोल गयारस विमानो उत्सव के रूप में मनाया जाता है ।प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी ढोल डीजे के साथ मंदिरों से भगवान की प्रतिमाएं विमान में विराजमान करके गांव के मुख्य मार्गो से होते हुए जल विहार के लिए निकले जो रैतम नदी के तट पर बने रामेश्वर घाट पहुंचे ।जहां भगवान को जलविहार कराया गया इसके बाद सभी ढोल नदी तट से अपने-अपने मंदिरों में वापस पहुंचे ।जहां आरती कर भगवान को झूले में बिठाया गया ।गांव में जगह-जगह विमानो का पुष्प वर्षा एवं गुलाल उड़ाकर स्वागत किया गया ।जिससे पूरा गांव गुलाल मय हो गया ।भक्ति भरे माहौल में डीजे की धुन पर भक्तजन जन,माताएं बहनें नाचते गाते हुए चल रहे थे ।मान्यता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को डोल ग्यारस पर्व मनाया जाता है ।इस एकादशी को भगवान विष्णु करवट बदलते हैं इसलिए इसे परिवर्तन एकादशी भी कहते हैं ।इस एकादशी को पदमा एकादशी जलझूलनी एकादशी एवं डोल ग्यारस के नाम से जाना जाता है इस दिन व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं ।