इस धरती पर ऐसा कोई पुत्र पैदा नहीं हुआ जो अपने माता-पिता का कर्ज चुका सके-पंडित खुशीराम

इस धरती पर ऐसा कोई पुत्र पैदा नहीं हुआ जो अपने माता-पिता का कर्ज चुका सके-पंडित खुशीराम
सीतामऊ-निप्र ग्राम राजनगर में चल रही श्री मद भागवत के छठे दिन पंडित खुशीराम महाराज ने रुक्मणी विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि इस धरती पर ऐसा कोई पुत्र पैदा नहीं हुआ जो अपने माता-पिता का कर्ज चुका सके एक माता-पिता ही होते हैं जो बच्चों को इस धरती पर जन्म देने का काम करते हैं। लेकिन आज वर्तमान में वही बच्चे जब माता-पिता बूढ़े होते हैं तो उनकी सेवा नहीं करते और विवाह होने पर अपने माता-पिता से अलग हो जाते हैं आज संयुक्त परिवार देखने को नहीं मिलते हैं एक समय वह था की पांच पांच पीढियां एक साथ एक परिवार में रहती थी परिवारों में विभाजन बड़ी चिंता का विषय है पंडित खुशीराम ने कहा कि जो व्यवहार हम अपने माता-पिता के साथ करते हैं निश्चित ही आने वाले समय में आपके बच्चे भी आपके साथ वही व्यवहार करेंगे। इसलिए हम सबको चाहिए कि हम अपने माता-पिता की अच्छी सेवा करें। वर्तमान में सास और बहू में अक्सर झगड़ा देखने को मिलता हैं पंडित खुशीराम ने कहा यदि सास बहू को बेटी मानले और बहू सास को मां तो निश्चित ही वह घर स्वर्ग बन जाएगा। रुक्मणी विवाह के उपलक्ष्य में सभी माताओं बहनों ने खूब मंगल गीत गाए और सभी भक्तजनों ने इस अवसर पर हिचावनी की वह झूमे नाचे।