समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 30 अगस्त 2025 शनिवार

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पेंशनर महासंघ की मासिक बैठक सम्पन्न
मन्दसौर। सेवानिवृत्त एवं पेंशनर नागरिक महासंघ नगर मंदसौर की मासिक मिलन बैठक स्थानीय पं दीनदयाल उपाध्याय वृद्धजन सेवा केन्द्र डे केयर सेंटर मन्दसौर पर नगर अध्यक्ष श्री आनन्दीलाल पण्ड्या की अध्यक्षता में आयोजित हुई। मंच पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री रमेशचन्द्र चन्द्रे व जिला सचिव चन्द्रकान्त शर्मा उपस्थित थे।
बैठक में एजेण्डा पर चर्चा की गई जिसमें नगर सम्मेलन 15 दिसम्बर के आयोजित करने का सुझाव सदस्यों ने दिया । सम्मान समारोह का आयोजन के लिए स्थान व दिनांक 2 अक्टूबर को दशहरा होने से जिला अध्यक्ष से चर्चा कर स्थान व दिनांक तय करने का निर्णय लिया गया। तथा सदस्यता की स्थिति की समीक्षा की गई ।
बैठक का प्रारंभ भारत माता व सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। बैठक में जिला कोषाध्यक्ष कोमल वाणवार, उपाध्यक्ष श्रीमती शकुन्तला चौहान, नगर मोहल्ला ईकाई के सर्वश्री शिवनारायण व्यास, कैलाश उपाध्याय, भोलाभारती सोनी, अजीजुल्ला खान, संजय महाराणा, किशनदास चौहान विष्णुलाल भदानिया, देवकीनंदन पालरिया, दिलीपकुमार मुजावदिया, अशोक पंवार, धर्मेंद्र शर्मा, बसन्त हुपेले, ओमप्रकाश शर्मा, प्रभुदयाल शर्मा, रमेशचन्द्र सोनी, गोपालदास रामावत, राजेन्द्रकुमार पोरवाल व अन्य सदस्य उपस्थित थे। श्रीमती चौहान ने गणपति वन्दना प्रस्तुत की। संगठन गीत भोला भारती सोनी ने लिया। संचालन संजय महाराणा ने किया । आभार प्रदर्शन अजीजुल्ला खान ने किया ।
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‘‘लाभम’’ कार्यक्रम से सराफा व्यापारी होंगे अपडेट
31 अगस्त को बहुउद्देश्यीय कार्यक्रम, मंदसौर व नीमच के व्यापारी करेंगे शिरकत
उक्त जानकारी देते हुए जिला सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहनलाल रिछावरा, म.प्र. सराफा एसोसिएशन प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यगण अजय सोनी कॉलोनाईजर, अजय बाकलीवाल, उमेश पारिख, अशोक सोनी मेलखेड़ावाला, अर्जुन सोनी शामगढ़, जिला सचिव विक्रम मेहता व जिला प्रवक्ता गौरव सोनी ने बताया कि सराफा व्यापारियों के इस महाकुंभ में ई-वे बिल, जीएसटी, अधिनियम तथा आर्गेनाइज व्यापार कैसे करे, पीएमएलए और एचयूआईडी में हाल ही में हुए बदलावों पर सराफा व्यापारियों को अपडेट किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में मंदसौर व नीमच जिले सराफा व्यापारी व कारीगर सहभागिता करेंगे। सराफा व्यवसायियों के हितार्थ आयोजित इस बहुउद्देशीय कार्यक्रम ‘लाभम‘ का उद्देश्य सराफा व्यवसाय से संबंधित वर्तमान कानूनों की जानकारी समस्या एवं उनके उचित समाधान हेतु उन विषयों के विशेषज्ञ एवं अनुभवी आल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी तथा मप्र सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा आप सभी का ज्ञानवर्धन किया जावेगा। जिससे सराफा व्यापारी अपने परंपरागत व्यापार को अपडेट कर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकेंगे।
आल इंडिया जेम्स – ज्वेलरी काउंसिल, मप्र सराफा एसोसिएशन व जिला सराफा एसोसिएशन मंदसौर के सभी पदाधिकारियों ने मंदसौर एवं नीमच जिले के सभी सराफा व्यापारियों, कारीगरों का इस बहुउद्देश्यीय आयोजन में अधिक से अधिक उपस्थित होकर लाभ लेने की अपील की है।
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राष्ट्रीय खेल दिवस पर राजीव गांधी क्रीड़ा परिसर में नेत्रदान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ
मंदसौर 29 अगस्त 25/ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मंदसौर द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में पीजी कॉलेज खेल ग्राउंड मंदसौर में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोविंद सिंह चौहान ने खिलाड़ियों एवं कॉलेज के प्रोफेसरों से संवाद कर नेत्रदान के महत्व पर प्रकाश डाला। उनकी प्रेरणादायी चर्चा से प्रभावित होकर पीजी कॉलेज संस्कृत विभाग के प्रोफेसर श्री कारू लाल सूर्यवंशी ने स्वेच्छा से नेत्रदान की घोषणा की और शपथ भी ली।
यह जागरूकता कार्यक्रम 8 सितंबर 2025 तक जिलेभर में संचालित किया जाएगा। इसके अंतर्गत 2 सितंबर 2025 को जिला चिकित्सालय मंदसौर से एक विशाल जागरूकता रैली निकाली जाएगी, जो शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरेगी और आम नागरिकों को नेत्रदान हेतु प्रेरित करेगी।
इस अवसर पर जिला चिकित्सालय मंदसौर की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति वास्कले ने बताया कि नेत्रदान महादान है। एक व्यक्ति का नेत्रदान दो लोगों को नई रोशनी प्रदान कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मृत्यु के 6 घंटे के भीतर कॉर्निया निकाला जाना आवश्यक होता है और यह प्रक्रिया मात्र 15 से 20 मिनट में पूर्ण हो जाती है।
नेत्रदान के इच्छुक नागरिक डॉ. किशोर शर्मा (मो. 9926568429) से संपर्क कर सकते हैं अथवा जिला चिकित्सालय मंदसौर, नेत्र विभाग से सीधे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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पी.एम. कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस मंदसौर में राष्ट्रीय खेल दिवस पर क्रिकेट एवं कबड्डी प्रतियोगिताएँ आयोजित
प्रतियोगिता में 90 विद्यार्थियों का हुआ सम्मान
मंदसौर 29 अगस्त 25/ प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मंदसौर में क्रीड़ा विभाग द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के मध्य रोमांचक कबड्डी प्रतियोगिता तथा अधिकारी एकादश बनाम कर्मचारी एकादश क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। दोनों खेलों ने खेल दिवस की शोभा को और बढ़ा दिया। कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय, राज्य एवं संभाग स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 90 विद्यार्थियों को ट्रैक सूट प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक श्री विपिन जैन ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ दीं और खेलों को स्वास्थ्य एवं प्रसन्न जीवन के लिए आवश्यक बताया। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. जे.एस. दुबे ने मेजर ध्यानचंद के योगदान को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेल दिवस खेल भावना, अनुशासन और टीम वर्क का प्रतीक है।
विशिष्ट अतिथि जिला क्रीड़ा अधिकारी श्री विजेंद्र देवड़ा ने भी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि महाविद्यालय का यह आयोजन खेल प्रतिभाओं को निखारने का उत्कृष्ट मंच है। कार्यक्रम का संचालन क्रीड़ा अधिकारी श्री राजू कुमार ने किया एवं आभार प्राणिकी विभागाध्यक्ष श्री संदीप सोनगरा ने व्यक्त किया। इस अवसर पर अधिकारीगण, प्राध्यापक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने वैष्णोदेवी हादसे में मृतक श्रद्धालुओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की
मंदसौर 29 अगस्त 25/ वैष्णोदेवी में हुए भूस्खलन हादसे में मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भीलखेड़ी निवासी श्रद्धालु स्व. फकीरचंद पिता गौतम जी गुर्जर (आयु 50 वर्ष) एवं स्व. रतनबाई पति भगतराम जी गुर्जर (आयु 65 वर्ष) के असामयिक निधन पर उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।
श्री देवड़ा ने कहा कि यह दुर्घटना अत्यंत दुखद एवं हृदय विदारक है। परिवार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी क्षति है। दोनों श्रद्धालुओं के पार्थिव शरीर आज भीलखेड़ी ग्राम लाए जा रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि शोकाकुल परिवारजनों को हर संभव सहयोग एवं त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने बताया कि मृतक श्रद्धालुओं के परिजनों को जम्मू–कश्मीर सरकार द्वारा 6-6 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि “इस असमय मृत्यु से हम सभी गहरे दुःख में हैं। मेरी भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं संवेदनाएं दिवंगत आत्माओं के प्रति हैं तथा ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि शोकाकुल परिवारजनों को इस कठिन समय में शक्ति एवं धैर्य प्रदान करें। मैं और संपूर्ण मध्यप्रदेश सरकार हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े हैं।”
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जिले में अब तक 675.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
मंदसौर 29 अगस्त 25/ जिले में इस वर्ष अब तक औसतन 675.3 मि.मी. वर्षा दर्ज की गयी है। जब कि पिछले 24 घन्टों में मंदसौर जिले में 7.6 मिमी वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है। पिछले 24 घन्टों में मंदसौर में 1.0 मि.मी., सीतामऊ में 19.4 मि.मी., सुवासरा में 6.4 मि.मी., गरोठ में 4.4 मि.मी., भानपुरा में 8.2 मि.मी., मल्हारगढ़ मे 1.0 मि.मी., धुधंड़का में 10.0 मि.मी., शामगढ़ में 7.2 मि.मी., संजीत में 0 मि.मी., कयामपुर में 16.0 मि.मी. एवं भावगढ़ में 10.2 मि.मी वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है।
विगत 1 जून से अब तक वर्षा मापक केन्द्र मंदसौर में 699.0 मि.मी., सीतामऊ में 600.4 मि.मी. सुवासरा में 556.4 मि.मी., गरोठ में 600.0 मि.मी., भानपुरा में 1421.4 मि.मी., मल्हारगढ़ मे 399.0 मि.मी., धुधंड़का में 649.0 मि.मी., शामगढ़ में 624.6 मि.मी., संजीत में 526.0 मि.मी., कयामपुर में 591.3 मि.मी. एवं भावगढ़ में 762.2 वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है। गांधीसागर बांध का जल स्तर अब तक 1296.60 फीट है।
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कृषि कार्य में मृत्यु होने पर 4 लाख रू की आर्थिक सहायता स्वीकृत
मंदसौर 29 अगस्त 25/ मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना की कण्डिका 4(01) के तहत कृषि यंत्रों का उपयोग करते हुए (जिसमें खेती से संबधीत सिंचाई कार्य भी सम्मिलित है ) दुर्घटना में मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। किशोर निवासी नंदावता के पुत्र की कृषि कार्य करते समय दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग द्वारा मृतक के निकटतम वारिस किशोर को 4 लाख रू की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
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स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण के लिए पीएम स्वनिधि योजना का पुनर्गठन सराहनीय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
“केंद्र सरकार का निर्णय ऐतिहासिक और अभिनंदनीय”
मंदसौर 29 अगस्त 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना का पुनर्गठन कर ऋण अवधि 31 मार्च, 2030 तक बढ़ाने के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना में ऋण अवधि को 31 दिसम्बर 2024 से आगे बढ़ाकर 31 मार्च, 2030 करने का निर्णय ऐतिहासिक और अभिनंदनीय है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह योजना सभी मेहनतकश छोटे व्यापारियों, रेहड़ी-पटरी वेंडर्स और अन्य प्रकार के स्वरोजगार से जुड़े लोगों के लिए निश्चित रूप से वरदान सिद्ध होगी। मध्यप्रदेश में योजना लोकप्रिय हुई है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में अग्रणी है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना’ के पुनर्गठन और ऋण अवधि बढ़ाने को मंजूरी दी है। इस योजना का कुल परिव्यय 7,332 करोड़ रुपए है।
योजना में लाभकारी प्रावधान
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के पुनर्गठन को मंजूरी देने के साथ ही पुनर्गठित योजना में पहली और दूसरी किस्त में बढ़ी हुई ऋण राशि, दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों के लिए यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड के प्रावधान, खुदरा और थोक लेनदेन के लिए डिजिटल केशबैक प्रोत्साहन को शामिल किया है। अब पहली किस्त 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार और दूसरी किस्त के ऋण को 20 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया गया है। तीसरी किस्त 50 हजार रुपए अपरिवर्तित रखी गई है।
पुनर्गठित पीएम स्वनिधि योजना का लक्ष्य एक करोड़ 15 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित करना है, जिसमें 50 लाख नए लाभार्थी शामिल हैं। योजना का दायरा वैधानिक कस्बों से आगे बढ़कर जनगणना कस्बों और पेरी-शहरी क्षेत्रों (मिश्रित शहरी और ग्रामीण क्षेत्र) तक श्रेणीबद्ध तरीके से विस्तारित किया जा रहा है। यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत से रेहड़ी-पटरी वालों को किसी भी आकस्मिक व्यावसायिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण की तत्काल पहुंच उपलब्ध होगी। डिजिटल पद्धति को बढ़ावा देने के लिए रेहड़ी-पटरी वाले खुदरा और थोक लेनदेन करने पर 1600 रुपए तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं। केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान कठिनाइयों का सामना करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों की सहायता के लिए एक जून 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी। इस साल जुलाई तक देश में 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 13 हजार 797 करोड़ रुपए के 96 लाख से अधिक ऋण प्रकरणों में राशि वितरित की जा चुकी हैं।
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म.प्र. के पर्यटन स्थलों ने वैश्विक पटल पर बनाई पहचान
देश-विदेश के पर्यटकों को भा रहा है मध्यप्रदेश
मंदसौर 29 अगस्त 25/ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ‘विरासत से विकास’ के मार्ग पर चल कर सांस्कृतिक अभ्युदय और वैश्विक पुनर्जागरण के नए युग में प्रवेश कर रहा है। इसमें पर्यटन की भूमिका भी अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री का मानना है कि पर्यटन आर्थिक लाभ का साधन होने के साथ ही भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पटल पर स्थापित करने का साधन है।
मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है। यहां की ऐतिहासिक धरोहर, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल और लोक परंपराओं की समृद्धि इसे विश्व पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिला रही हैं। एक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ने विगत वर्ष मध्यप्रदेश को दुनिया के टॉप-10 टूरिज्म डेस्टिनेशन में शामिल किया, जो हमारे लिए गौरव का विषय है। इस संदर्भ का उल्लेख प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गत 25 दिसम्बर को खजुराहो में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती कार्यक्रम में करते हुए प्रदेश के प्रयासों की सराहना की थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्यप्रदेश का पर्यटन क्षेत्र अभूतपूर्व विरासत से विकास के विस्तार पथ पर चल कर नये युग में प्रवेश कर चुका है। मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाकर न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है।
इस परिवर्तन की आधारशिला मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में बनी ‘मध्यप्रदेश पर्यटन नीति-2025’ है। यह नीति पर्यटन के संचालन और निवेश के क्षेत्र को नया आकार देने वाली व्यापक रणनीति है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में पर्यटन ईकोसिस्टम विकसित करना है, जो पर्यटन को बढ़ावा देने वाली अधोसंरचना विकसित करने में सहायक सिद्ध हुई है। साथ ही इस नीति ने प्रदेश को ग्लोबल संपर्क बढ़ाने की दिशा का रोडमैप भी उपलब्ध कराया है। यह नीति निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करती है, साथ ही ईको टूरिज्म, आध्यात्मिक पर्यटन और धरोहरों के संरक्षण के लिए व्यापक अवसर प्रदान करती है।
प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को मिली अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि
खजुराहो नृत्य समारोह, तानसेन संगीत समारोह, भगोरिया उत्सव और लोकरंग जैसे आयोजन प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।
विक्रमोत्सव जैसे आयोजन उज्जैन को विश्व सांस्कृतिक मानचित्र पर नई पहचान दे रहे हैं और भारतीय पुनर्जागरण के वाहक बन रहे हैं।
उज्जैन में डमरू वादन, ग्वालियर में ताल दरबार (तबला वादन), भोपाल में गीता पाठ और खजुराहो में कथक कुंभ (नृत्य मैराथन) ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया है।
ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, चित्रकूट का राम वन पथ गमन, जानापाव और संदीपनि आश्रम जैसे केंद्र आध्यात्मिक पर्यटन की पहचान बन चुके हैं।
प्रदेश के धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व के विभिन्न स्थलों में लोक एवं स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें सागर में संत रविदास लोक, जबलपुर में रानी दुर्गावती स्मारक, सीहोर में देवी लोक सलकनपुर, ओरछा, जिला निवाड़ी में श्री रामराजा लोक, पांढुर्णा में जाम सॉवली श्री हनुमान लोक, मंदसौर में श्री पशुपतिनाथ लोक, ग्वालियर में अटल स्मारक, महू जिला इंदौर में श्री परशुराम लोक जानापाव, भोपाल में महाराणा प्रताप लोक, नीमच में भादवामाता लोक, जबलपुर में रानी अवंतीबाई स्मारक, अमरकंटक जिला अनूपपुर में माँ नर्मदा महालोक, खरगौन में देवी अहिल्या लोक और बड़वानी में नागलवाडी लोक बनाया जा रहा है।
ग्रामीण, साहसिक और जलीय पर्यटन
होम-स्टे योजना से ग्रामीणों को सीधा आर्थिक लाभ और पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति का अनुभव हो रहा है।
साहसिक पर्यटन में उज्जैन स्काई-डाइविंग फेस्टिवल, पचमढ़ी और भोपाल मैराथन प्रमुख आकर्षण केन्द्र बने।
नर्मदा नदी पर जल पर्यटन परियोजनाएं, महेश्वर की पर्यावरण-अनुकूल नावें और पोंटून जेटी नई पहचान गढ़ रहे हैं।
डबल-इंजन सरकार की सिनर्जी
स्वदेश दर्शन 2.0 और प्रसाद योजनाओं के तहत 2024-25 में 118.91 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत हुई।
अमरकंटक, दतिया पीताम्बरा पीठ, ग्वालियर फूलबाग और चित्रकूट घाटों का विकास हो रहा है।
ओरछा और मांडू को ‘चैलेंज बेस्ड डेस्टिनेशन’ के रूप में चुना गया है।
वैश्विक पहचान
जापान में आयोजित विश्व गुलाब सम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलनों में मध्यप्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही।
आगामी 29-30 अगस्त 2025 को ग्वालियर में होने वाला क्षेत्रीय पर्यटन सम्मेलन राज्य की नीतियों और निवेश संभावनाओं को अंतर्राष्ट्रीय मंच देगा। आज मध्यप्रदेश पर्यटन केवल आर्थिक वृद्धि का साधन नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को दुनिया तक ले जा रहा है।
मध्यप्रदेश पर्यटन की उपलब्धियां
वर्ष 2024 में अक्टूबर तक 10.70 करोड़ पर्यटक आए। यह संख्या वर्ष 2022 के 3.41 करोड़ से तीन गुना अधिक है।
मध्यप्रदेश में देश के सबसे अधिक 785 बाघ, 11 राष्ट्रीय उद्यान, 8 टाइगर रिजर्व और 25 वन्य अभयारण्य हैं।
राज्य के पास 14 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। ग्वालियर को “सिटी ऑफ़ म्यूज़िक” का दर्जा मिला है।
पर्यटन नीति 2025 के तहत 214 करोड़ रुपये से अधिक निजी निवेश आकर्षित हुए और लगभग 2 लाख रोजगार सृजित हुए।
महिला सुरक्षा हेतु ‘महिला सुरक्षित पर्यटन स्थल’ योजना को निर्भया फंड से समर्थन मिला है।
132 फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग से मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन का केंद्र बना है।
ग्रामीण पर्यटन के लिए 100 गांवों में 1000 से अधिक होम-स्टे विकसित किये गये हैं।
भोपाल का मिंटो हॉल 99.4 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय MICE केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।
जापान के विश्व गुलाब सम्मेलन से लेकर ग्वालियर में होने वाले क्षेत्रीय पर्यटन सम्मेलन तक मध्यप्रदेश की वैश्विक उपस्थिति लगातार बढ़ रही है।
ग्वालियर 29 एवं 30 अगस्त 2025 को होने वाली रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव, की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। कॉन्क्लेव में निवेश नीति निर्धारक, निवेशक, उद्योगपति और पर्यटन के अन्य अनेक हितधारक मध्यप्रदेश की अभिनव पर्यटन नीतियों तथा पहलुओं से परिचित होंगे एवं विचार-मंथन करेंगे।
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