कृषि दर्शनमंदसौरमध्यप्रदेश

सोयाबीन फसल में पीला मोज़ेक वायरस प्रबंधन हेतु किसानो को कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों की महत्‍वपुर्ण सलाह

सोयाबीन फसल में पीला मोज़ेक वायरस प्रबंधन हेतु किसानो को कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों की महत्‍वपुर्ण सलाह

मंदसौर- किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास विभाग उप संचालक द्वारा बताया गया कि वर्तमान में मंदसौर जिले में किसानों की प्रमुख समस्या सोयाबीन फसल में फैलने वाला पीला मोज़ेक वायरस ) Yellow Mosaic Virus) है, जो उत्पादन को गम्भीर रूप से प्रभावित करता है। कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों ने इसके प्रभावी प्रबंधन हेतु तात्कालिक एवं दीर्घकालिक उपाय सुझाए हैं।

तात्कालिक उपाय

सफेद मक्खी की आबादी पर नियमित निगरानी रखें और नियंत्रण हेतु अनुशंसित आईपीएम उपाय अपनाएँ। फसल की प्रारंभिक अवस्था में सफेद मक्खी पकड़ने हेतु पीले चिपचिपे जाल (येलो स्ट्रिपि ट्रैप) 20-25 जालहेक्टेयर का प्रयोग करें। खड़ी फसल में सफ़ेद मक्खी के प्रबंधन के लिये जैसे ही लक्ष्यण दिखाई दे फसल पर एसिटामिप्रिड 25% + बिफेनथ्रिन 25% WG @ 250gm/ 500 लीटर पानी या थियामेथोक्सम 25% WG @ 150 gm/ 500 लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 125 ml/ 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। संक्रमित पौधों की पहचान कर उन्हें खेत से हटा दें व नष्ट करे, ताकि रोग का प्रसार न हो। खड़ी फसल के दौरान खेत में पानी जमा न होने दें।

दीर्घकालिक उपाय

अनुशंसित बुवाई समय का पालन करें। प्रतिरोधक/सहनशील किस्मों का उपयोग करें। रोगमुक्त बीजों का उपयोग कर फसल चक्र एवं अंतरफसल प्रबंधन -अपनाएँ। बुवाई से पहले बीज उपचार अवश्य करें थायोमेथोक्साम : 30% Ws या थायोमेथोक्साम 30% FS @ 6 मिकिग्रा बीज।/.ली. । अनुशंसित बीज दर, दूरी एवं उर्वरक का प्रयोग करें। आसनष्ट कर दिया जाना चाहिए / पास के क्षेत्र में खरपतवारो को हटा-क्योकि ऑफ सीजन में वायरस उनमे जीवित रहता है। फसल की कटाई के बाद खेत से संक्रमितपीड़ित पौधो को हटाना और /नष्ट करना सुनिश्चित करे।

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