स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण के लिए पीएम स्वनिधि योजना का पुनर्गठन सराहनीय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

“केंद्र सरकार का निर्णय ऐतिहासिक और अभिनंदनीय”
भोपाल : गुरूवार, अगस्त 28, 2025,
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना का पुनर्गठन कर ऋण अवधि 31 मार्च, 2030 तक बढ़ाने के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना में ऋण अवधि को 31 दिसम्बर 2024 से आगे बढ़ाकर 31 मार्च, 2030 करने का निर्णय ऐतिहासिक और अभिनंदनीय है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह योजना सभी मेहनतकश छोटे व्यापारियों, रेहड़ी-पटरी वेंडर्स और अन्य प्रकार के स्वरोजगार से जुड़े लोगों के लिए निश्चित रूप से वरदान सिद्ध होगी। मध्यप्रदेश में योजना लोकप्रिय हुई है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में अग्रणी है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना’ के पुनर्गठन और ऋण अवधि बढ़ाने को मंजूरी दी है। इस योजना का कुल परिव्यय 7,332 करोड़ रुपए है।
योजना में लाभकारी प्रावधान
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के पुनर्गठन को मंजूरी देने के साथ ही पुनर्गठित योजना में पहली और दूसरी किस्त में बढ़ी हुई ऋण राशि, दूसरा ऋण चुकाने वाले लाभार्थियों के लिए यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड के प्रावधान, खुदरा और थोक लेनदेन के लिए डिजिटल केशबैक प्रोत्साहन को शामिल किया है। अब पहली किस्त 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार और दूसरी किस्त के ऋण को 20 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया गया है। तीसरी किस्त 50 हजार रुपए अपरिवर्तित रखी गई है।
पुनर्गठित पीएम स्वनिधि योजना का लक्ष्य एक करोड़ 15 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित करना है, जिसमें 50 लाख नए लाभार्थी शामिल हैं। योजना का दायरा वैधानिक कस्बों से आगे बढ़कर जनगणना कस्बों और पेरी-शहरी क्षेत्रों (मिश्रित शहरी और ग्रामीण क्षेत्र) तक श्रेणीबद्ध तरीके से विस्तारित किया जा रहा है। यूपीआई-लिंक्ड रुपे क्रेडिट कार्ड की शुरुआत से रेहड़ी-पटरी वालों को किसी भी आकस्मिक व्यावसायिक और व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण की तत्काल पहुंच उपलब्ध होगी। डिजिटल पद्धति को बढ़ावा देने के लिए रेहड़ी-पटरी वाले खुदरा और थोक लेनदेन करने पर 1600 रुपए तक के कैशबैक प्रोत्साहन का लाभ उठा सकते हैं। केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान कठिनाइयों का सामना करने वाले रेहड़ी-पटरी वालों की सहायता के लिए एक जून 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी। इस साल जुलाई तक देश में 68 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 13 हजार 797 करोड़ रुपए के 96 लाख से अधिक ऋण प्रकरणों में राशि वितरित की जा चुकी हैं।