
सबसे अधिक बीमा क्लेम राशि मंदसौर कों?
✍️ राजेन्द्र देवड़ा
आलोट क्षेत्र में फसल बीमे की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले आलोट ताल भारतीय किसान संघ ने किया धरना प्रदर्शन किसानों ने नगर के कारगिल चौराहे पर फसल बीमा क्लेम राशी को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया तथा केन्द्रीय कृषि मंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम सुनिल जायसवाल कों सौंपा गया इस दौरान जिले के कृषि बीमा कंपनी के अधिकारी भी मौजूद रहें ज्ञापन में बीते तीन वर्षो का फसल बीमा क्लेम राशि सभी किसानो को नही मिलने और किसानों कों मिला है वह राशि भी कम है।जबकि किसानों के बैक खातों सें सीधे समय पर बीमे की प्रीमियम काटकर जमा कर ली गई थी वर्ष 2023-24 खरीफ सीजन की सोयाबीन फसल में नुकसान हुआ इसका सर्वे भी हुआ लेकिन बीमा क्लेम राशि प्रभावित किसानो को नही मिल पाई किसान संघ ने सेटलाइट सर्वे का पुरजोर विरोध किया इसे बंद करने काॅप कंटिग एरिए आधार पर बीमा मिलने तीन वर्षो की फसल नुकसान की सही रिपोर्ट तैयार कर किसानों कों तीन वर्षो में हुई नुकसानी का बीमा राशि देने कृषि उपज का लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिलाने देश की आत्मा कृषि का बजट अलग से बनाने सभी फसलो की खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और लागत पर जोड़ने की पध्दति में पारदर्शिता आलोट क्षेत्र में बेह रही चम्बल क्षिप्रा लूनी नदियों पर जगह-जगह स्टाफडेम बनाकर किसानों कों सिचाई कें लिए पानी उपलब्ध कराये किसानों रबी सीजन फसल के लिए अग्रिम खाद उपलब्ध कराए आदि मांगे रखी गई । इस दौरान भारी मात्रा में ग्रामीणों ने कारगिल चौराहे पर एकत्रित होकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया।
पिपलिया सिसौदिया के संरपच गोपाल सिंह ने कहा कि क्षेत्र में फसल बीमा क्लेम राशि तीन वर्षों नही मिलने से किसान परेशान है किसान बीते कई वर्षो से प्राकृतिक आपदाओ एंव अनिगमित बारिश के कारण फसलों का भारी नुकसान हो रहा है।लेकिन किसानों को फसल बीमा क्लेम का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसी को लेकर यह सामूहिक कदम उठाया गया।
सबसे ज्यादा बीमा क्लेम राशि मंदसौर कों
मंदसौर जिले कें किसानों कि सबसे ज्यादा बीमा क्लेम प्रदेश में मंदसौर को मिला है। मध्यप्रदेश में किसानों कों दो रबी और एक खरीफ सीजन कें फसल बीमा क्लेम के रुप में 1165 करोड़ रुपए मिले चुके है।इसमे सबसे अधिक 207.13 करोड़ मंदसौर जिले को जारी हुए है।वही एक यह भी आंकड़ा है कि दस साल में प्राकृतिक आपदा राशि में चौसठ लाख से ज्यादा का गबन भी सामने आया है। हालांकि इसमें राशि रिकवर कर ली गई है। रतलाम जिले में 86.44 करोड़ नीमच कों145.41 करोड़ सबसे अधिक मंदसौर कों 207.13 करोड़ जारी हुए है।
हर दस सालों में राहत के नाम पर मचें खेल में प्रदेश के 20 जिलों में प्राकृतिक आपदा की सहायता राशि के मामलों में 27.90 करोड़ रुपये का गबन सामने आया है।सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सरकार अब तक सिर्फ 7.43 करोड़ रुपये की ही वसूली कर सकी है।बाकी 20.47 करोड़ की राशि आज भी सरकारी फाइलों और नोटिसों के भरोसें अटकी है। इस घोटालों को करने का तरीका भले ही अलग था, लेकिन मकसद सबका एक था।संकट की घड़ी को कमाई का जरिया बनाना।