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श्रीकृष्ण लीलाओं को सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु, लगा 56 भोग

कनावटी में चल रही भागवत कथा के छठवे दिन पं. शास्त्री ने धार्मिक प्रसंगों के साथ दिया देशभक्ति का संदेश
नीमच, 23 अगस्त (नप्र)। शहर के पास स्थित ग्राम कनावटी में चल रही भागवत कथा के छठवे दिन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को सुन श्रद्धालु भाव विभोर उठे। कथावाचक पं. भीमाशंकर शास्त्री धारियाखेड़ी वाले ने विभिन्न धार्मिक प्रसंगों के साथ देशभक्ति का भी संदेश दिया। वहीं व्यक्ति के निजी व व्यवहारिक जीवन से संबंधित भी कई सारी बाते कहीं और धार्मिक उपदेशों के अनुसार आचरण में धारण करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर 56 भोग भी लगाया गया।
कनावटी के श्रेष्ठा पेराडाइस रिसोर्ट में समस्त ग्रामवासियों व समाजसेवी नाथूलाल पाटीदार परिवार के तत्वावधान में आयोजित कथा में शनिवार को प्रवचन देते वक्त पं. शास्त्री ने कहा कि भारत बधाई और शुभकामनाएं का देश हैं इसलिए अंग्रेजी में विश करने नही जाना। निंंदा से घबराना नही। जिसकी निंदा हैं मतलब धरती पर वही जिंदा है। लोग मरने के बाद प्रशंसा करते है। सफलता परिश्रम से मिलती है । आँखो में सम्मान ओर चेहरा पर मुस्कान सफलता की ओर बढ़ाती है। गोमती चक्र धारण करने से कोई तांत्रिक क्रिया का असर नही होता। हम हर साल गुरु पूर्णिमा पर यह चक्र वितरित करते है। न्यायाधीश का निर्णय गवाहों के कारण गलत हो सकता हैं लेकिन द्वारकाधीश का नही। इससे पूर्व महाआरती के साथ कथा शुभारंभ हुआ। इसके बाद पं. शास्त्री ने कन्या पूजन किया फिर व्यास पीठ पर मंत्रोच्च्ारण के साथ धार्मिक प्रसंगों पर प्रवचन देना शुरू किया। इस दौरान वे भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े प्रसंगों को पूरे भक्ति भाव के साथ श्रद्धालुओं को सुनाया। इस अवसर पर कनावटी समेत आस पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिला-पुरूष श्रद्धालु उपस्थित थे।
ैफिक नियमों के प्रति किया सजग-
पं. शास्त्री ने कथा में जिम्मेदार नागरिक बनने का आव्हान करते हुए ैफिक नियमों के प्रति सजग रहने की बात कही। उन्होंने दो या चारपहिया कोई भी गाड़ी चलाओं को संपूर्ण दस्तावेज साथ में होना चाहिए। हेलमेट ओर सीट बेल्ट पुलिस देखकर नही अपनी सुरक्षा के लिए लगाना जरूरी है। जिम्मेदार बने कथा भी ये सिखाती है। अधिकार तो सब चाहते है लेकिन कर्त्तव्य का पालन भी करें।
18 की उम्र में सरकार चुनना आसान, गृहस्थी चलाना नहीं-
पं. शास्त्री ने कहा कि व्यक्ति 18 की उम्र में मतदाता तो बन जाता है लेकिन विवाह के लिए 21 वर्ष की आयु तय है। क्योंकि सरकार का चुनना आसाना है लेकिन गृहस्थी चलाना नहीं। विवाह भोग के लिए नही योग के लिए होता है। मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।
सैनिक नहीं होंगे तो भागवत भी नहीं हो सकती-
उन्होंने कहा कि देश के सैनिक सीमा पर ढाल बनकर खड़े है। अगर वह नही होंगे तो भागवतजी कथा भी नही होगी। वे जग रहे है इसलिए आप सो पाते है। कथा पांडाल में मौजूद वर्तमान व भूतपूर्व सैनिक व उनके परिजनों को दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा भारतीय सेना का मनोबल बढाते हुए कहा कि उन्होंने अगर ऑपरेशन मंगलसूत्र चलाया तो पाकिस्तान को तो ढूंढते रह जाओंगे। सैनिकों व्यास पीठ से अभिनंदन करते हुए लंबी उम्र की कामना की। इस मौके पर सैनिकों के सम्मान में एक देश भक्ति गीत डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती बसेरा गीत भी प्रस्तुत कर कथा पांडाल में राष्ट्रप्रेम का माहोल जाग्रत कर दिया।
भारत में 6 करोड़ विदेशी फर्जी तरीके से रह रहे-
कथा में पं. शास्त्री ने कहा कि भारत देश में 6 करोड़ विदेशी फर्जी दस्तावेज बनाकर रह रहे। यानी पाकिस्तान का तीसरा हिस्सा है। इनको चिन्हित करके बाहर कर दो तो भारत आज भी सोने की चिड़िया है।
हाय-हेल्लो छोड़ो, भगवान का नाम बोलो-
उन्होंने कहा कि आजकल हम फोन पर बात करते और एक दूसरे से मिलते हैं तो अंग्रेजी भाषा में हाय-हैल्लो व टाटा-बाय बाय करते ह॥ यह भारतीय संस्कृति हैं इसे छोड़ों और उसकी जगह जो भी अच्छा लगे भगवान का नाम बोलना शुरू करे। बच्चों को काम करना सिखाओ व जिम्मेदारी सौंपो। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर आई लव कनावटी की जगह मेरा प्यारा कनावटी लिखा जाए। अपनी भाषा को बढ़ावा देना है। हिंदुस्तान में रहते हैं लेकिन हिंदी काल गणना याद नही है। मस्तक पर तिलक का महत्व भी समझाया।
आज होगा कथा का विश्राम-
7 दिनी कथा का विश्राम रविवार को होगा। अंतिम दिन कथावाचक पं. शास्त्री द्वारा कृष्ण-सुदामा मिलन सहित कई प्रसंगों का श्रवण कराएंगे। यह कथा सुबह 11 बजे प्रारंभ होगी और दोपहर 1 बजे समाप्त हो जाएगी। इसके बाद दीक्षा गृहण व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
कथा में संगीतमय भजनों में डूबे श्रद्धालु-
कथा के दौरान मनिहारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया….थाने या कई सूझी रे राधा का रसिया….]सबसे ऊंची प्रेम सगाई….
जीवन है तेरे हवाले, मुरलिया वाले…., सब लोग यह जान मुरारी, लागू में बहन तुम्हारी…., श्री कृष्ण के दर्शन करने आए सदाशिव गोकुल….
तेरे लाला ने माटी खाई यशोदा सुन माई, तेरे छोना ने तेरे ढोटा ने तेरे लाला ने माटी खाई यशोदा सुन माई,…, गिर ना पड़े गोपाल गोवर्धन गिर ना पड़े…, आओ आओ सांवरिया बेगा आओ जी मोजी भोग लगाओ,
है छप्पन भोग त्यार जी थारा टाबरियां करे है मनोहर जी,….,
राधे अलबेली सरकार जपे जा राधे राधे,….,इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी….,हमनें लाखों के बोल सहे कन्हैया तेरे लिए…..जैसे संगीतमय भजनों की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।

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