आध्यात्मनीमचमध्यप्रदेश
श्रीमद भागवात कथा के पांचवे दिन मना कृष्णा जन्मोत्सव, पं. शास्त्री ने व्यास पीठ से दिए कई धार्मिक संदेश

कनावटी बना कृष्णधाम, गूंजा जय कन्हैयालाल


नीमच, 22 अगस्त (नप्र)। शहर के समीपस्थ ग्राम कनावटी में आयोजित भागवत कथा के पांचवे दिन विभिन्न धार्मिक प्रसंगों के साथ कृष्णा जन्मोत्सव मनाया गया। जिसमें झांकी के साथ प्रस्तुति दी गई । जैसे ही नन्हें बालक को नंदबाबा टोकरी में लेकर व्यास पीठ तक आए तो जय कन्हैयालाल की के जयकारों से कथा पांडाल गूंज उठा।
पं. भीमाशंकर शास्त्री धारियाखेड़ी वाले के मुखारविंद से रोजाना कथावाचन में धार्मिक संदेशों के माध्यम से श्रद्धालुओं को कई सीख दी जा रही है। वह उनके जीवन में उपयोग साबित हो सकती है। पांचवे दिन उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि पाप का परिणाम दुख होता है। भक्ति में बालक, कर्म में जवान और ज्ञान में वृद्ध बनको रहो। जो सरल है उसकी भक्ति सफल है। 2 मुट्टी धान छत पर डालने से बहुत सारी विप्पत्ति चुटकी में समाप्त हो जाती है। ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान ग्रंथ में न दिया हो। यह सुपर मार्केट की तरह है जहां सबकुछ मिलता है। इस अवसर पर विप्र जन और श्री अग्रसेन सोश्यल ग्रुप सदस्यों ने कथावाचक पं.शास्त्री का सम्मान कर आशीर्वाद लिया। पिपलौदा से आए भक्त विपिन जैन द्वारा पं. शास्त्री के जीवन पर आधारित भजन का उनके हाथों से ही यू ट्यूब पर जारी कर श्रद्धालुओं को भी सुनाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्ति मौजूद थे।
तुलसी व गौ माता की सेवा से दूर होती हर विपत्ति-
कथा में पं. शास्त्री ने बताया कि तुलसी और गोमाता सभी विप्पति हरती है। इसलिए घर में तुलसी और गो माता के लिए समर्पित रहो। घर में गाय के लिए जगह नही बची। गाय। कभी आवारा नही होती उसे छोडने वाले लोग होते है। शहर के लोगों में जितनी संपन्नता आई है उतना धर्म को छोड़ा है। देशी गो माता घर में जरूर रखे। उसकी परिक्रमा करने से सभी तीर्थो का दर्शन प्राप्त हो जाता है। उन्होंने गाय के चरण चुने का महत्व बताया। मूत्र में गंगा और गोबर में लक्ष्मी का निवास होता है। 9 ग्रहों को अनुकूल करना हैं तो गाय की सेवा करो। गाय की सेवा से दूर होने वाली बाधाओं को विस्तार से बताया। चिंंता के बजाए चिन्तन करने से समाधान होता है। आज ही संकल्प ले गाय की सेवा करे। उन्होंने श्रद्धालुओं को गाय की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। क्योंकि इससे भव से पार हो जाएंगे और 9 ग्रह अनुकूल हो जाएंगे।
आज की युवा पीढी गलत दिशा में जा रही है-
पं. शास्त्री ने कहा कि आज की युवा पीढी गलत दिशा की तरफ जा रही है। उन्हें खोखला व व्यसन में लगने का षड्यंत्र किया जा रहा है। शरीर में पाप आंखों से घुसते है। इसलिए इन आँखों मे भगवान भी भक्ति में रखो। सुबह उठते ही अपने हाथ में लक्ष्मी के दर्शन करे। समझदारी ओर ईमानदारी से कमाओगे तो अच्छा है। संसार में आकर जो झूठ बोलतें हैं वो भी नरक में जाते है। कथा सिखाती जीवन सत्य आचरण वाला होना चाहिए। प्रसाद का मतलब यानी परमात्मा का साक्षात् दर्शन। स्वाभिमान को मारकर व्यक्ति मांगने आता है। उसे निराश मत भेजना।
अन्नापूर्णा सेवा न्यास संस्था की सराहना की-
व्यास पीठ से पं. शास्त्री ने सामाजिक संस्था अन्नपूर्णा सेवा न्यास के संस्थापक राकेश पप्पू जैन व सभी सदस्यों के कार्येा की सराहना की और धन्यावाद दिया। उन्होंने कहा कि यह संस्था को रोज 450 लोगों को भोजन करा रही है। गरीबों का विवाह भी कराया है। उनके सभी कार्य पुण्य हैं। भला करोंगे तो जीवन में जरूर लाभ प्राप्त होगा। इसलिए दया और भला आपके जीवन के व्यवहार में आवे। परायों का दर्द अपनाए उसे इंसान कहते है।
संतों का कभी अपमान नहीं करे-
पं. शास्त्री ने कहा कथा सीखाती है ंसंतो अपमान या अवमानना न करे। हम कथा में शोभायात्रा नहीं निकालते हैं। संस्कृति के कई ग्रंथ की शोभायात्रा नहीं निकलती है। भागवत जी शोभा बढ़ाना हमारा कर्तव्य है। गुरु की अवेलहना करने वालों क्षमा नही किया जा सकता है। गुरु और मंत्र कोछोडने वाले निश्चित नरक को प्राप्त करते है।
सभी को लाइसेंस मिलता तो पुलवामा में 26 लोग नहीं मरते-
कथा में पं. शास्त्री ने जिम्मेदारों से कहा कि अंग्रेजों के समय बना कानून के तहत आर्म्स एक्ट में संशोधन होना चाहिए। शस्त्र लायसेंस पद्धति आज तक जटिल है। आत्मरक्षा का अधिकार सबको है। अगर सबके पास शस्त्र लायसेंस होता तो पुलवामा में 26 लोगों को धर्म पूछकर मारा नही जाता। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में बहुसंख्यक को लाइसेंस जारी कर दो हम अल्पसंख्यक की रक्षा कर लेंगे। शस्त्र के अभाव में राष्ट्र को न खो दे,इसकी चिंंता करना पड़ेगा। बड़ी चिंता का विषय है। हिन्दू समरस भी हो जाये तब भी सुरक्षित नही है। यह अस्तित्व की लड़ाई है। अब हिंदुओं को जागना पड़ेगा। व्यवहारिक बात जल्दी समझ आती है। दाहिने हाथ पानी पिलाये
तुम मुझे युवा दो में उन्हें संस्कारित बना दूंगा-
पं. शास्त्री ने कहा कि जिस तरह सुभाषचंद्र बोस ने कहा था तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। ठीक उसी तरह तुम मुझे युवा दो मैं उन्हें संस्कारित बना दूंगा। क्योंकि युवा संगति के असर से ज्यादा बिगड़ रहे है। समाज का बंधन भी नही हैं। मा बाप कुछ नही बोलते है। दारू, बीड़ी, तम्बाकू का दुस्प्रभाव बताया और इन सभी व्यसन से मुक्त रहने का आव्हान किया। विवाह विधि विधान से होना चाहिए। आजकल सबसे ज्यादा विवाह में संस्कृति का अपमान हो रहा है। ब्राह्मणों का अपमान भी होता है। जुते पहनकर पूजन किया तो जिंंदगी भर जूट खाने पड़ेंगे।
कृष्ण लीला प्रसंग व 56 भोग आज-
कथा में छठवें दिन शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला से लेकर विवाह तक के धार्मिक प्रसंगों पर आधारित कथावाचन होगा। जिसमें पुतना वध, कंस वध आदि शामिल रहेंगे। साथ ही 56 भोग भी लगाया जाएगा। जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा की सभी भोग सामग्री लायी जाएगी। आज की कथा सुबह 11 बजे ही महाआरती के साथ प्र्रारंभ हो जाएगी।
इन भजनों की प्रस्तुति ने मोहा मन-
हे सुन राधिका दुलारी तेरे द्वार का भिखारी, पीड़ा हैं हमारी हमें श्याम न मिला…,जब गाय नहीं होगी, गोपाल कहां होंगे, हम सब इस दुनिया में खुशहाल कहा होंगे..,गोपालो झलके अंखियन, नंदलालो झलके अंखियन में…,अंत समय प्रभु आना पड़ेगा, प्रीत की रीत निभाना पड़ेगा….,गुरु के बिना कोई भवसागर नहीं तर सकता, चाहें वह ब्रह्माजी और शंकरजी के समान ही क्यों न हो…,धन धन भोलेनाथ बाँट दिये,तीन लोक इक पल भर में । ऐसे दीनदयाल मेरे दाता,भरे खजाना पल भर में….,प्यारा सांवरिया थारा ठाठ देख कर मन हर्षावे है, मन हरसावे है श्याम म्हारो मन हरसावे है….,आज म्हारे ग्यारस है..,
आनंद उमंग भयों जय हो नन्दलाल की….जैसे भजनों की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया और सभी भक्ति में डूब गए।