आध्यात्मनीमचमध्यप्रदेश
भागवत श्रवण करने वालों की नहीं होती अकाल मृत्यु-पं. शास्त्री

कनावटी में भागवतकथा धार्मिक प्रसंगों के माध्यम से बताया जीवन व परिवार का महत्व
नीमच, 20 अगस्त (नप्र)। जो बन्धन में हैं वो सुखी नही रह सकता है। भागवत ओर ग्राम कनावटी का तीसरा अक्षर व है, ये भी अजब संयोग है। जो भागवत सुन लेते हैं उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। कथा जीवन जीने की कला भी सीखाती है। सांवरा की कृपा के बिना रस और भाव की प्राप्ति नही हो सकती है।
यह बात पं. भीमाशंकर शास्त्री ने ग्राम कनावटी में आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन में कही। उन्होंने गीता संदेश सुनाया और कहा कि जब भी निराशा की तरफ बड़े तो इस संदेश को पढ़ लेना। व्यवहार और व्यापार उसी से करना जिसके जान की कीमत कम और जुबान की ज्यादा हो। वचन और वतन की रक्षा के लिए जीवन को भी न्योछावर कर देना। धार्मिक प्रसंगों के दौरान ग्रामीणों को ऐसी कई सीख व जानकारी दी जीवन व परिवार से जुड़ी है।
उन्होंने भगवान और गुरुओं को प्रमाण करने का तरीका बताया।
छोटी छोटी बातों से सब कुछ समझ लेना चाहिए। परमात्मा की भक्ति के लिए रोज 10 मिनिट के लिए मंदिर जाना चाहिए। शुरूआत में आयोजक मुख्य यजमान परिवार नाथूलाल पाटीदार परिवार ने भागवत ग्रंथ की आरती की। तत्पश्चात पं.शास्त्री कथा स्थल पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले कन्या पूजन किया। कथावाचन से पहले भजन के माध्यम से सभी देवताओं को भागवत सत्संग में आमंत्रित किया ओर जयकारे लगवाए।
एक दिन मोबाइल को हाथ नहीं लगाने का व्रत करे-
पं. शास्त्री ने श्रद्धालुओं से आव्हान किया हैं कि एक महीने में एक दिन मोबाइल को हाथ नही लगाने का व्रज करके देखों। आज की स्थिति यह हैं कि भोजन छोड़ना सरल हैं लेकिन मोबाइल के बिना नहीं रह पाते। इसलिए कोशिश करो 5 घण्टे दूर रहो और शुरूआत 5 मिनिट से करो। संसार के पदार्थ से मन कभी तृप्त नही हो सकता है।
भाई खुद दुश्मन बन जाए तो कोई नहीं बचा सकता-
कथा के दौरान उन्होंने वर्तमान पारिवारिक परिस्थितियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अलग होना उचित हैं लेकिन वार त्योहार अलग रहो ये उचित न हो। भाई से भाई लड़ेगा तो प्रेम किससे करेगा। भाई से बढ़कर कोई नही होता है। भाई खुद दुश्मन बन जाये तो कोई नही बचा सकता है। मुक्ति के मार्ग पर जाने से पहले ये जीवन में लाना पड़ेगा। सप्ताह में 7 वार से भारी परिवार होता है। जिसके परिवार में शांति नही उसके ये 7 वार ऐसे ही निकलेंगे। समय के साथ जवाबदारी सौंप दो तो चैन से रह पाओगे। श्रद्धा से प्राथना करें हमें सदगुरु की प्राप्ति हो। गुरु चरणों की सेवा बड़ी चीज है।
मेरी फर्जी फेसबुक आईडी से रहे सावधान–
कथा के दौरान उन्होंने बताया कि मुझे पता चला हैं कि किसी ने मेरे नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बना ली और फोटो भी लगाया है। उस आईडी से वह कई लोगों को रिक्वेस्ट और स्नेह संदेश भी भेज रहा है। उक्त आईडी से सावधान रहे है। इस संबंध में समिति द्वारा पुलिस को भी शिकायत की जा रही है। जिसमें उन लोगो को चिंहित करेंगे जो यह फर्जी काम कर रहा है।
माता-पिता संतान की तो संत पूरे समाज की चिंता करते-
उन्होंने कहा कि जन मानस का कल्याण करने के दीक्षा देना प्रारंभ की। जिस तरह माता पिता अपनी संतान की चिंंता करते हैं वेसे ही संत पूरे समाज की चिंंता करता है। अगर उन्हें कुछ लगता हैं तो बोलते है लेकिन वह सभी के लिए नहीं होता है। इसलिए संतों के बयानों का विरोध सोच समझ कर करना चाहिए।
भजनों से भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु-
कथावाचन के दौरान पं.शास्त्री द्वारा कई सुमधुर भजनों की संगीतमय प्रस्तुति भी दी जा रही है। भक्ति भाव से भरे इन भजनों से पांडाल में भक्ति रस में श्रद्धालु डूबे। इसमें ब्रज के नन्दलाला श्री राधा जी के सांवरिया,सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया…,भगवान तुम्हारे मंदिर में मैं तुम्हें रिझाने आया हू…,लहर लहर लहराए झंडा बजरंग बली का…..,मेरा तार हरि से जोड़े ऐसा कोई संत नही…..,मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे कि राम आएंगे…जैसे कई भजनों की प्रस्तुति दी गई।

यह बात पं. भीमाशंकर शास्त्री ने ग्राम कनावटी में आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन में कही। उन्होंने गीता संदेश सुनाया और कहा कि जब भी निराशा की तरफ बड़े तो इस संदेश को पढ़ लेना। व्यवहार और व्यापार उसी से करना जिसके जान की कीमत कम और जुबान की ज्यादा हो। वचन और वतन की रक्षा के लिए जीवन को भी न्योछावर कर देना। धार्मिक प्रसंगों के दौरान ग्रामीणों को ऐसी कई सीख व जानकारी दी जीवन व परिवार से जुड़ी है।
उन्होंने भगवान और गुरुओं को प्रमाण करने का तरीका बताया।
छोटी छोटी बातों से सब कुछ समझ लेना चाहिए। परमात्मा की भक्ति के लिए रोज 10 मिनिट के लिए मंदिर जाना चाहिए। शुरूआत में आयोजक मुख्य यजमान परिवार नाथूलाल पाटीदार परिवार ने भागवत ग्रंथ की आरती की। तत्पश्चात पं.शास्त्री कथा स्थल पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले कन्या पूजन किया। कथावाचन से पहले भजन के माध्यम से सभी देवताओं को भागवत सत्संग में आमंत्रित किया ओर जयकारे लगवाए।
एक दिन मोबाइल को हाथ नहीं लगाने का व्रत करे-
पं. शास्त्री ने श्रद्धालुओं से आव्हान किया हैं कि एक महीने में एक दिन मोबाइल को हाथ नही लगाने का व्रज करके देखों। आज की स्थिति यह हैं कि भोजन छोड़ना सरल हैं लेकिन मोबाइल के बिना नहीं रह पाते। इसलिए कोशिश करो 5 घण्टे दूर रहो और शुरूआत 5 मिनिट से करो। संसार के पदार्थ से मन कभी तृप्त नही हो सकता है।
भाई खुद दुश्मन बन जाए तो कोई नहीं बचा सकता-
कथा के दौरान उन्होंने वर्तमान पारिवारिक परिस्थितियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अलग होना उचित हैं लेकिन वार त्योहार अलग रहो ये उचित न हो। भाई से भाई लड़ेगा तो प्रेम किससे करेगा। भाई से बढ़कर कोई नही होता है। भाई खुद दुश्मन बन जाये तो कोई नही बचा सकता है। मुक्ति के मार्ग पर जाने से पहले ये जीवन में लाना पड़ेगा। सप्ताह में 7 वार से भारी परिवार होता है। जिसके परिवार में शांति नही उसके ये 7 वार ऐसे ही निकलेंगे। समय के साथ जवाबदारी सौंप दो तो चैन से रह पाओगे। श्रद्धा से प्राथना करें हमें सदगुरु की प्राप्ति हो। गुरु चरणों की सेवा बड़ी चीज है।
मेरी फर्जी फेसबुक आईडी से रहे सावधान–
कथा के दौरान उन्होंने बताया कि मुझे पता चला हैं कि किसी ने मेरे नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बना ली और फोटो भी लगाया है। उस आईडी से वह कई लोगों को रिक्वेस्ट और स्नेह संदेश भी भेज रहा है। उक्त आईडी से सावधान रहे है। इस संबंध में समिति द्वारा पुलिस को भी शिकायत की जा रही है। जिसमें उन लोगो को चिंहित करेंगे जो यह फर्जी काम कर रहा है।
माता-पिता संतान की तो संत पूरे समाज की चिंता करते-
उन्होंने कहा कि जन मानस का कल्याण करने के दीक्षा देना प्रारंभ की। जिस तरह माता पिता अपनी संतान की चिंंता करते हैं वेसे ही संत पूरे समाज की चिंंता करता है। अगर उन्हें कुछ लगता हैं तो बोलते है लेकिन वह सभी के लिए नहीं होता है। इसलिए संतों के बयानों का विरोध सोच समझ कर करना चाहिए।
भजनों से भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु-
कथावाचन के दौरान पं.शास्त्री द्वारा कई सुमधुर भजनों की संगीतमय प्रस्तुति भी दी जा रही है। भक्ति भाव से भरे इन भजनों से पांडाल में भक्ति रस में श्रद्धालु डूबे। इसमें ब्रज के नन्दलाला श्री राधा जी के सांवरिया,सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया…,भगवान तुम्हारे मंदिर में मैं तुम्हें रिझाने आया हू…,लहर लहर लहराए झंडा बजरंग बली का…..,मेरा तार हरि से जोड़े ऐसा कोई संत नही…..,मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे कि राम आएंगे…जैसे कई भजनों की प्रस्तुति दी गई।