न्यायमंदसौर जिलासीतामऊ

हथौडी से ड्रायवर अनिल मंडावरा की हत्‍या करने वाले हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा

 

हथौडी से ड्रायवर अनिल मंडावरा की हत्‍या करने वाले हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा

सीतामऊ। धर्मराज ट्रेवल्स सीतामऊ के फोर व्हीलर वाहन के ड्राइवर अनिल मंडावरा उम्र 42 साल नि सीतामऊ कि हत्या के मामले में अपर सत्र न्‍यायाधीश श्री मुनेन्‍द्र सिंह वर्मा द्वारा आरोपी राहुलसिंह पिता वीरेन्द्रसिंह राजपूत, निवासी बैलारा, पंकज पिता प्रहलाद टेलर निवासी बैलारा एवं विशाल पिता भुवानीलाल सूर्यवंशी निवासी लोध को धारा 302 भा.द.वि. में आजीवन कारावास व जुर्माने से दण्डित किया।

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ श्री बलराम सोलंकी ने बताया कि दिनांक 11.01.2021 को सूचनाकर्ता धर्मेन्द्र शर्मा के द्वारा थाना वाय.डी. नगर जाकर सूचना दी कि उसके भाई जितेन्द्र शर्मा के पास कल शाम सात बजे आरोपी राहुल का फोन आया तथा उसने इंदौर जाने के लिए गाड़ी किराये से मांगी थी और बोला था कि वह दो लोग हानड़ी से बैठेंगे तथा दो लोग मंदसौर से बैठेंगे और गाडी ग्राम हानड़ी मंगवायी थी तब उसके भाई जितेन्‍द्र शर्मा के द्वारा स्विफ्ट डिजायर क्रमांक एम.पी.14 बी.सी.3128 को ड्रायवर अनिल के साथ भेज दी थी। रात के करीब 09.30 बजे जब जितेन्‍द्र शर्मा ने राहुल को किराये के लिए फोन लगाया तो राहुल ने कहा कि पैसा उसके खाते में डाल देगा उसके बाद उसने जब जितेन्‍द्र शर्मा ने अपना खाता चैक किया तो खाते में पैसे नहीं आये तब उसने राहुल एवं ड्रायवर अनिल को दोबारा फोन लगाया तो दोनों के मोबाईल नंबर बंद मिले तब उसे अनिल की चिंता हुई तो जितेन्‍द्र शर्मा ने अपने दोस्त कमलेश मोदी को पूरी बात बतायी और गाड़ी व अनिल की रात भर खोज की। अगले दिन सुबह 06.30 बजे उन्हें अनिल की लाश महू नीमच बायपास हाइवे पर ग्राम हैदरवास के जंगल में बालाजी फैक्ट्री के पास झाड़ियों में मिली। अनिल के सिर में चोट होकर खून निकल रहा था और पूरा शरीर रक्त रंजित था।

उक्त सूचना पर से पुलिस थाना वाय.डी. नगर के द्वारा मर्ग कायम किया और शव का शव परीक्षण कराया।उक्त दिनांक को ही कंट्रोल रूम मंदसौर के द्वारा सभी थानों एवं आस-पास के राज्य के पुलिस थानों को सूचना दी कि एक स्विफ्ट डिजायर क्रमांक एम.पी.14 सी.बी 3168 में तीन चार लड़के बैठे हैं, कार सफेद रंग की है और पीछे धर्मराज लिखा है, मंदसौर में एक व्यक्ति की हत्या कर उसका शव झाड़ियों में फेंककर भाग गये हैं। उक्त सूचना पर से पुलिस थाना सीतामऊ द्वारा आरोपी की तलाश सुवासरा, बनी, कुरावन राजस्थान में करते हुए थाना पगारिया राजस्थान की सीमा में आवर आहू नदी की पुलिया पर पहुंचे जहां पर पुलिस ने उक्त कार को रोका उसमें बैठे लडकों के नाम थाना सीतामऊ के उपनिरीक्षक कपिल सौराष्ट्रीय के द्वारा पूछने पर राहुल पिता वीरेन्द्र, पंकज पिता प्रहलाद, विशाल पिता भंवरलाल एवं भेरूलाल पिता राजेन्द्र होना बताया। उक्त लोगों को पुलिस थाना सीतामऊ द्वारा अभिरक्षा में लेकर सभी आरोपीगण से पूछताछ की बाद थाना वायडी नगर से मर्ग सूचना सहित दस्तावेज थाना सीतामऊ में भेजे गये।

थाना सीतामऊ के द्वारा उक्त सूचना पर से मर्ग कायम किया और मर्ग जांच के उपरांत उक्त चारों आरोपीगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अंतर्गत धारा 302, 397, 201, 34 भादवि के तहत कायम की। आरोपीयों को गिरफ्तार किया गया। आरोपीयों से पूछताछ की गयी जिसमें उन्होंने अपना अपराध स्वीकार करते हुए अनिल की हत्या हथौड़ी से लूट करने के आशय से किया जाना और शव को झाड़ियों में छिपाना व्यक्त करते हुए मौके से भाग जाना बताया। पुलिस अधीक्षक के द्वारा प्रकरण को जघन्‍य सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में चिन्हित किया गया एवं पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अनुंसधान की संपूर्ण कार्यवाही निरीक्षक अमित सोनी एवं उप निरीक्षक कपिल सौराष्‍ट्रीय द्वारा की गई एवं संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया।

अपर सत्र न्‍यायाधीश श्री मुनेन्‍द्र सिंह वर्मा सीतामऊ द्वारा अभियोजन की ओर से प्रस्‍तुत तथ्‍यों एवं तर्कों के आधार पर आरोपी राहुलसिंह पिता वीरेन्द्रसिंह राजपूत निवासी बैलारा, पंकज पिता प्रहलाद टेलर निवासी बैलारा एवं विशाल पिता भुवानीलाल सूर्यवंशी निवासी लोध को धारा 302 भा.द.वि. में आजीवन कारावास व जुर्माने से दण्डित किया।

प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन श्री बापूसिंह ठाकूर, उप निदेशक अभियोजन एवं श्री गजराज सिंह चौहान, सहायक निदेशक अभियोजन के निर्देशन में अपर लोक अभियोजक श्री विजय कुमार पाटीदार (गरोठ- सीतामऊ) एवं तत्‍कालीन एडीपीओ श्री एस.आर. गरवाल एवं एडीपीओ श्री बिहारी बघेल सीतामऊ द्वारा किया गया।प्रकरण में एस.डी.ओ.पी. सीतामऊ श्री दिनेश प्रजापति द्वारा सतत मॉनिटरिंग की गई एवं थाना प्रभारी सीतामऊ निरीक्षक श्री मोहन मालवीय एवं कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक राहुल यादव एवं आरक्षक गोविंद सिंह का सक्रिय सहयोग रहा।

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