
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला,सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
नई दिल्ली, 20 अगस्त 2025:
राजधानी दिल्ली से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहाँ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर उनके ही सरकारी आवास पर आयोजित साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने हमला कर दिया। आरोपी ने मुख्यमंत्री को जनता के बीच हमला कर दिया, जिससे वहां मौजूद सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सोमवार सुबह अपने आधिकारिक आवास पर जनता की समस्याएं सुन रही थीं। उसी दौरान एक व्यक्ति, जो अपनी शिकायत लेकर आया था, अचानक आवेश में आ गया और मुख्यमंत्री को थप्पड़ मार दिया। सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उस व्यक्ति को काबू में कर लिया और हिरासत में ले लिया। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि हमले के पीछे उसका क्या उद्देश्य था।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा यह घटना बेहद निंदनीय है। मुख्यमंत्री पूरे राज्य का नेतृत्व करती हैं, और उनके साथ इस प्रकार की घटना होना सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है।
अगर राजधानी की मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं हैं, तो एक आम नागरिक या आम महिला की सुरक्षा की क्या गारंटी है? यह घटना महिलाओं की सुरक्षा के दावों को भी कटघरे में खड़ा करती है।
यादव ने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि दोषी को सख्त से सख्त सज़ा दी जाए और मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की भी पुनः समीक्षा हो।
क्या कहती है प्रशासन?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान की जा चुकी है और शुरुआती जांच में वह मानसिक रूप से असंतुलित प्रतीत हो रहा है। हालांकि, पुलिस इस कोण पर भी जांच कर रही है कि कहीं यह हमला सुनियोजित तो नहीं था।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घटना के बाद अपने बयान में कहा मैं इस तरह की हिंसा की निंदा करती हूँ, लेकिन इससे मेरा जनता से सीधा संवाद खत्म नहीं होगा। जो हुआ, वह चिंताजनक है, लेकिन हम इससे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने राजधानी में वीआईपी सुरक्षा और महिला सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता खड़ी कर दी है। मुख्यमंत्री स्तर की शख्सियत पर जनता के बीच इस तरह का हमला यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं सुरक्षा इंतजामों में बड़ी चूक हुई है।
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इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ दिल्ली की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि एक बार फिर राजधानी में महिला सुरक्षा और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।