मंदसौरमध्यप्रदेश

श्री राम का जयघोष कभी साम्प्रदायिक नही हो सकता है- श्री भार्गव


विहिप के स्थापना दिवस पर आयोजित हुई विराट धर्मसभा

’मन्दसौर। जय श्री राम का जयघोष साम्प्रदायिक नही है हजारो वर्षाे से अखण्ड भारत मे राम नाम का जयघोष होता आया है और युगों युगों तक होता रहेगा। जय श्री राम के जयघोष से ही रावण जैसे दुरात्मा का वध सम्भव हुवा व जय श्री राम के जयघोष से ही श्री राम जन्मभूमि पर से मुगलो द्वारा निर्मित अवैध ढाँचा नष्ट हुवा व जय श्री राम के उदघोष से ही अयोध्या में भगवान श्री राम जी के जन्मस्थान पर भव्य राममंदिर का निर्माण हुआ राम जन जन की आस्था का केंद्र है। इसलिये जय श्री राम का जयघोष कभी साम्प्रदायिक नही हो सकता है।
यह बात विहिप के मालवा प्रान्त संघठन मंत्री खगेन्द्र भार्गव द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित विहिप के स्थापना दिवस निमित्त विराट धर्मसभा में कहे। कथा वाचक प. दशरथ  भाई ने हिन्दू समाज मे समरसता के भावों को ओर अधिक जागृत व मजबूत करने की बात कही तो पण्डित विष्णु शर्मा द्वारा गोमाता के महत्व व गोपालन को बढ़ावा देने का विस्तृत विषय मंच से रखा। विहिप द्वारा आयोजित धर्मसभा मंच पर  दुर्गावाहिनी मालवा प्रान्त संयोजिका ज्योतिप्रिया शर्मा,विहिप मन्दसौर विभाग मंत्री अनुपाल सिँह झाला,विहिप जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह मंडलोई,विहिप जिलाउपाध्यक्ष पुष्पा भंडारी,विहिप जिला मंत्री हेमन्त बुलचन्दानी के साथ मन्दसौर प्रखण्ड अध्यक्ष कन्हैयालाल सोनगरा आदि उपस्थित थे। विहिप जिला अध्यक्ष मंडलोई ने अध्यक्ष उद्बोधन दिया एवं जिला सहमंत्री प्रतीक व्यास ने अथिति परिचय करवाया।
विहिप द्वारा अपने 61 वे स्थापना दिवस पर निकाले गए भव्य चल समोरह एवं शोभायात्रा में अनेको झांकियो के साथ 28 अखाड़ो ने भाग लिया जिसके बाद विश्वपति शिवालय गाँधी चौराहा पर चल समोरह का समापन हुआ एवं शहर का सबसे भव्य मटकीफोड़ आयोजन प्रारंभ हुआ जो देर रात तक चला। प्रातः 10 बजे केशव सत्संग भवन केशवपुरा से प्रारम्भ हुवा चल समोरह शाम 06 बजे गाँधी चोराहे पर सभा स्थल पर पहुँचा। कार्यक्रम में मातृशक्ति द्वारा भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई।
पहली बार साधु सन्तो मठ मन्दिर के पुजारियों व कथा वाचको के साथ दुर्गावाहिनी का अखाड़ा भी विहिप की शोभायात्रा में शामिल हुवा विहिप जिला मंत्री हेमन्त बुलचंदानी ने बताया कि शहर में लगातार 44 वे वर्ष विहिप स्थापना दिवस धूमधाम से भव्य स्वरूप में मनाया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी अखाड़ो को विहिप द्वारा सम्मान व प्रतीक स्वरूप शस्त्र भेट किये एव अखाड़ा उस्तादों का सम्मान किया।

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