अति वर्षा से भानपुरा के कैसोदा में 25 फिसदी से ज्यादा सोयाबीन की फसल खराब हुई , किसानों ने मुआवजे कि मांग की

अति वर्षा से भानपुरा के कैसोदा में 25 फिसदी से ज्यादा सोयाबीन की फसल खराब हुई , किसानों ने मुआवजे कि मांग की


किसानों ने बताया कि पूरे गांव की करीब 700-800 बीघा से ज्यादा सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई है, अब सोयाबीन के खेतो में गायों व भैंसों को चरने के लिए छोड़ दिया गया है । किसानों ने फसल के खराब का मुआवजा दिए जाने को लेकर पटवारी व ग्राम सेवक को फसलों का सर्वे करने के लिए बोला तो उन्होंने कहा कि तहसीलदार जी के आदेश होंगे तभी हम सर्वे करेंगे । जब ग्रामीण भानपुरा तहसील गए तो वहां पर तहसीलदार नहीं मिले । ग्रामीणों बताया की पटवारी फसलो का सर्वे करके रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे तभी हमें मुआवजा मिलेगा । फसल का शीघ्र सर्वे हो इसके लिए किसान बुरी तरह परेशान हो गये है । हमारी कोई सुनने वाला नही है।
ग्रामीणो ने बताया कि फसल को बचाने के लिए 5-6 हजार रुपये की कीटनाशक दवाईयां प्रत्येक खेत वालो ने डाल दी है। लेकिन कीटनाशक दवाईयां भी सोयाबीन की फसल को सुखने से नही बचा सकी ।
ग्रामीण प्रताप गुर्जर की 12 बीघा,बद्रीलाल पाटीदार की 10 बीघा,बापूलाल गुर्जर की 12 बीघा,रतनलाल की 12 बीघा, बिहारी लाल धाकड़ 18 बीघा,गोवर्धन की 10 बीघा आदि किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह सूख गई है ।इसी तरह और भी कई किसानों की फसल सूखने की कगार पर है । इन किसानों ने बताया कि हमने सोयाबीन की फसल की बुआई खेतों में 17 से 20 जून तक की थी ।
किसानों ने बताया कि फसल जुलाई माह तक तो अच्छी लहराती रही लेकिन अगस्त माह के प्रारंभ से ही फसल में रोग लगने लगा और वह धीरे-धीरे कर सूखने लगी जैसे ही बारिश बंद हुई और धूप निकली फसल सूखने लगी,कीटनाशक दवाइयां का उपयोग करने के बावजूद भी फसल को सूखने से नहीं बचाया जा सका ।
किसानों ने बताया कि सोयाबीन की फसल के साथ-साथ उड़द की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है कई खेतों में उड़द की फसल भी अब सूखने लगी है ।