प्रणामिका ने 3 वर्ष की उम्र से पौधे लगाना शुरू किए, आज 14 की उम्र में 100 पौधे लगाने का रिकॉर्ड स्थापित किया

दिवंगत पिता की यादों और मार्मिक भावों के सहारे “ऐशेज़ बिनीथ माई एंकलेट्स” पुस्तक की रचना की
प्रणामिका ने कोविड में पॉकेट मनी से बेसहारों को भोजन के साथ अनाथ बच्चों की काउंसलिंग भी की
कलेक्टर श्रीमती गर्ग ने प्रणामिका जैन को बेहतरीन कविता संग्रह के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी
मंदसौर 9 अगस्त 25/ संजीत, मंदसौर की रहने वाली कु. प्रणामिका जैन जो एक युवा कवयित्री और लेखिका है। प्रणामिका एक लेखिका है, जिसने दुःख की गूँज में अपनी आवाज़ पाई। इनकी किताब सिर्फ़ कविताओं का संग्रह नहीं है। यह इनके दिल का एक टुकड़ा है, जो इनके दिवंगत पिता की यादों से जुड़ा है, जो इनकी सबसे बड़ी प्रेरणा भी हैं।
प्रणामिका की पुस्तक “ऐशेज़ बिनीथ माई एंकलेट्स” की हर कविता उन जगहों से जन्मी है जहाँ प्रणामिका ने खुद को सबसे ज़्यादा अलग, सबसे ज़्यादा टूटा हुआ और सबसे ज़्यादा मानवीय महसूस किया। प्रणामिका कहती है, लिखना मेरे लिए दर्द के साथ बैठने का, भूलने की बजाय याद करने का तरीका बन गया। यह सिर्फ़ मेरी कहानी नहीं है – यह मेरे उन सभी रूपों को श्रद्धांजलि है जो बच गए।
प्रणामिका के कविताओं के संग्रह में :- छोटी सी; आग से पैदा हुई, जब स्पॉटलाइट ने मेरा नाम पुकारा, वह केवल “छह” वर्ष की थी, जब तक वह चला नहीं गया, वह सन्नाटा जो उन्होंने कभी नहीं सुना, एक आखिरी बार, आपने कहा कि यह जीवन है… और यह घटित होता है, यह दोनों क्यों नहीं हो सकता?, क्या प्यार की कीमत थी?, 13 मार्च, हमारा ब्रेकअप हो गया, वह आईना जिसमें उसने कभी नहीं देखा, हम अभी भी शांत कमरों में इंतज़ार करते हैं, वह भूल गई; मुझे याद आया, मैं वहीं इंतज़ार करता हूँ जहाँ उसने मुझे ख़त्म किया था, स्वर्ण धूल टूटा भरोसा, तुमसे प्यार करना पाप था, वह फिर भी उठ खड़ी हुई, वह सत्य जो कभी था ही नहीं, उसकी चुप्पी की कीमत, प्यार की सुर्खियाँ, वे जानते थे, अँधेरा, मुस्कान के लिए बेचा गया, वायरल लड़की, उसने यह सब किया, वह हर लड़की है, उसके सपने, उसकी लड़ाइयाँ, फिर भी मैं उठता हूँ, बेहतर अलविदा, उसका नकली चेहरा, उसने जो पंख पहने थे, आराम करने का समय, जब मैं मर जाऊंगा। साथ ही इनकी कुछ कविताएं शीर्षकहीन भी है।
कविता संग्रह के साथ ही प्रणामिका ने 3 वर्ष की उम्र से ही पौधे लगाना प्रारंभ किया था। ये जब 3 वर्ष के थे तब इन्होंने शुरुआत में तीन पौधे लगाए। आज प्रणामिका की उम्र 14 वर्ष है, और अभी तक ये संजीत, एसपी ऑफिस, कलेक्टर कार्यालय, अस्पताल, कौशल्या धाम, निराश्रित विक्षिप्त महिला आश्रय ग्रह एवं पुनर्वास केन्द्र मंदसौर इत्यादि स्थानों पर 100 से अधिक पौधे लगाने का रिकॉर्ड स्थापित कर चुकी है। इन्होंने पर्यावरण बचाव के लिए भी अपना अमूल्य योगदान दिया है।
प्रणामिका ने कोविड के दौरान अपनी पॉकेट मनी से बेसहारों को भोजन भी प्रदान किया। अनाथ बच्चों की काउंसलिंग भी की। निराश्रित विक्षिप्त महिला आश्रय ग्रह एवं पुनर्वास केन्द्र में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करती है। अपने जन्म दिवस को भी विशिष्ट रूप से अनाथ बच्चों, आश्रय गृह में निवासरत निराश्रित महिलाओं के साथ सेलिब्रेट करती हैं। वर्ष 2016 में दिल्ली में मॉडलिंग भी की, सबसे छोटी मॉडल बनकर प्रथम पुरस्कार भी प्राप्त किया।
कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग को प्रणामिका जैन ने “ऐशेज़ बिनीथ माई एंकलेट्स” पुस्तक भेट की। कलेक्टर ने बेहतरीन कविता संग्रह के लिए प्रणामिका को बधाई और शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने कहा कि आपका यह संघर्ष अन्य लोगों के लिए प्रेरणादाई है।



