
पमरे में डिजिटल कैशलेस ट्रांजेक्शन से 13 लाख से अधिक पैसेंजरों से 10 करोड़ रूपये से अधिक का रेलवे राजस्व अर्जित
कोटा। रेलवे में यात्रियों को अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक से कैशलेस ट्रांजेक्शन की सुविधा को बढ़ाया जा रहा है। इसी कड़ी में पश्चिम मध्य रेल द्वारा डिजिटल तकनीक के माध्यम से कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कोटा सहित तीनों मण्डलों जबलपुर एवं भोपाल में पीआरएस काउंटर्स, यूटीएस काउंटर्स एवं पार्सल कार्यालयों पर पीओएस मशीन से कैशलेस ट्रांजेक्शन किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य तरह के डिजिटल तकनीक जैसे भीम/ यूपीआई तथा मोबाइल टिकटिंग के माध्यम से भी कैशलेस ट्रांजेक्शन का उपयोग किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पश्चिम मध्य रेल के कोटा, जबलपुर एवं भोपाल के पीआरएस, यूटीएस, यूटीएस कम पीआरएस एवं पार्सल के कार्यालयों में लगभग 45 पीओएस मशीनों के माध्यम से डिजिटल कैशलेस ट्रांजेक्शन किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप पश्चिम मध्य रेल ने चालू वित्तीय वर्ष के जून माह में पीआरएस एवं यूटीएस से डिजिटल कैशलेस ट्रांजेक्शन से 13 लाख 56 हजार 833 यात्रियों की बुकिंग की गई है, जिससे 10 करोड़ 45 लाख 50 हजार 845 रूपये का रेलवे राजस्व अर्जित किया है।
जून माह में पीआरएस एवं यूटीएस से पीओएस मशीन, भीम/यूपीआई एवं मोबाईल टिकटिंग ऐप के माध्यम से डिजिटल कैशलेस ट्रांजेक्शन कि जानकारी इस प्रकार है। कैशलेस भुगतान से पमरे में तीनों मण्डलों द्वारा आरक्षण कार्यालय (पीआरएस) में पीओएस मशीन से 1810 यात्रियों को बुक करके 15 लाख 30 हजार 570 रूपये का राजस्व अर्जित किया। वहीं भीम ऐप/ यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) प्रणाली का उपयोग कर 79479 यात्रियों से 4 करोड़ 25 लाख 96 हजार 750 रूपये का राजस्व अर्जित किया। इसी प्रकार यूटीएस में मोबाइल टिकटिंग से जून माह में पमरे को सबसे बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं, जिसमें 6 लाख 73 हजार 737 यात्रियों से 1 करोड़ 45 लाख 44 हजार 930 का राजस्व अर्जित किया। वहीं भीम ऐप/ यूपीआई प्रणाली का उपयोग कर 601807 यात्रियों से 4 करोड़ 57 लाख 78 हजार 595 रूपये का राजस्व अर्जित किया।
डिजिटल ऑनलाइन भुगतान से नगदी ले जाने की आवश्यकता खत्म हो जाती है और इससे समय की भी बचत होती है। डिजिटल भुगतान मोड को एन्क्रिप्शन और डेटा प्रमाणीकरण के विभिन्न स्तरों के साथ सुरक्षित बनाया गया है।
पश्चिम मध्य रेलवे में कोटा सहित तीनों मण्डलों जबलपुर एवं भोपाल में डिजिटल ऑनलाइन मोड कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।